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कोचिंग स्टूडेंट्स को तनावमुक्त माहौल देने के लिए गहलोत सरकार की नई गाइड लाइन जारी ...जानिये क्या है खास

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Published : Nov 11, 2022, 11:02 PM IST

प्रदेश की गहलोत सरकार ने कोचिंग स्टूडेंट्स को तनावमुक्त और सुरक्षित माहौल के लिए नई गाइडलाइन जारी (new guideline for coaching institutions) की है. नई गाइड लाइन से कोचिंग विद्यार्थियों को मानसिक सम्बल और सुरक्षा देने के लिए दिशा-निर्देश 2022 जारी किए गए हैं.

Gehlot govt new guideline for coaching students
Gehlot govt new guideline for coaching students

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइड लाइन जारी (Gehlot govt new guideline for coaching students) की है . इस गाइड के जरिए कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत/निवासरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बलन और सुरक्षा देने के निर्देश तय किए गए हैं. इस स्वीकृति से कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को तनावमुक्त और सुरक्षित माहौल मिल सकेगा.

गाइड लाइंस में विद्यार्थियों पर प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न हुए मानसिक तनाव और अवसाद के निराकरण के लिए मनोचिकित्सकीय सेवा प्रदान करना, प्रवेशित और छात्रावासों में निवास करने वाले विद्यार्थियों की पूर्ण सुरक्षा देने के निर्देश (CM Gehlot on coaching students) दिए हैं.

पढ़ें. सीएम गहलोत ने दी वित्तीय स्वीकृति: 19 नर्सिंग महाविद्यालयों के लिए 18.38 करोड़ रुपए मंजूर

साथ ही विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की व्यवस्थाएं, जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र की स्थापना, कोचिंग छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा केन्द्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन करने के निर्देश शामिल हैं. वहीं, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही, कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिए आमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन, विद्यार्थियों की दिनचर्या में साइबर कैफे की सुविधा आदि दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं.

फीस रिफंड का प्रावधानः गाइडलाइन्स में कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को आईआईटी एवं मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण ना होने की स्थिति में उपलब्ध करिअर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा. इसके अतिरिक्त संस्थान छोड़ने की स्थिति में ईजी एक्जिट पॉलिसी एवं फीस रिफण्ड का प्रावधान किया गया है. गाइडलाइन्स के तहत एक कम्पलेन्ट पोर्टल का निर्माण किया जाएगा. नई गाइडलाइन्स में कोचिंग सेंटर के सभी कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा. आवासीय कोचिंग संस्थानों में सभी प्रकार के मूवमेंट का डाटा संधारित करने का प्रावधान भी गाइडलाइन्स में शामिल है. कोचिंग संस्थानों की ओर से किसी भी प्रकार की मिथ्या प्रचार की रोकथाम की व्यवस्था गाइडलाइन्स में की गई है . इन दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें. राजस्थान के 4 चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थापित होगी फिंगरप्रिंट लैब, क्राइम केस में होगी मदद

राज्य स्तरीय निगरानी कमेटी भी बनेगीः कोचिंग संस्थानों की ओर से गाइडलाइन्स का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है. इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त गाइडलाइन्स के अंतर्गत प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गठन किया गया है. जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक के साथ मॉटिवेशनल स्पीकर और जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर शामिल हैं.

इसलिए जारी हुई गाइडलाइनः सीएम गहलोत ने प्रदेश के कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की ओर से की जा रही आत्महत्याओं की घटनाओं को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कोचिंग संस्थानों के प्रभावी नियमन के लिए बनाए गए ‘राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक-2022’ के लागू होने तक उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में उक्त गाइडलाइन्स को मंजूरी दी है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइड लाइन जारी (Gehlot govt new guideline for coaching students) की है . इस गाइड के जरिए कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत/निवासरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बलन और सुरक्षा देने के निर्देश तय किए गए हैं. इस स्वीकृति से कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को तनावमुक्त और सुरक्षित माहौल मिल सकेगा.

गाइड लाइंस में विद्यार्थियों पर प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न हुए मानसिक तनाव और अवसाद के निराकरण के लिए मनोचिकित्सकीय सेवा प्रदान करना, प्रवेशित और छात्रावासों में निवास करने वाले विद्यार्थियों की पूर्ण सुरक्षा देने के निर्देश (CM Gehlot on coaching students) दिए हैं.

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साथ ही विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की व्यवस्थाएं, जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र की स्थापना, कोचिंग छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा केन्द्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन करने के निर्देश शामिल हैं. वहीं, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही, कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिए आमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन, विद्यार्थियों की दिनचर्या में साइबर कैफे की सुविधा आदि दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं.

फीस रिफंड का प्रावधानः गाइडलाइन्स में कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को आईआईटी एवं मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण ना होने की स्थिति में उपलब्ध करिअर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा. इसके अतिरिक्त संस्थान छोड़ने की स्थिति में ईजी एक्जिट पॉलिसी एवं फीस रिफण्ड का प्रावधान किया गया है. गाइडलाइन्स के तहत एक कम्पलेन्ट पोर्टल का निर्माण किया जाएगा. नई गाइडलाइन्स में कोचिंग सेंटर के सभी कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा. आवासीय कोचिंग संस्थानों में सभी प्रकार के मूवमेंट का डाटा संधारित करने का प्रावधान भी गाइडलाइन्स में शामिल है. कोचिंग संस्थानों की ओर से किसी भी प्रकार की मिथ्या प्रचार की रोकथाम की व्यवस्था गाइडलाइन्स में की गई है . इन दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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राज्य स्तरीय निगरानी कमेटी भी बनेगीः कोचिंग संस्थानों की ओर से गाइडलाइन्स का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है. इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त गाइडलाइन्स के अंतर्गत प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गठन किया गया है. जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक के साथ मॉटिवेशनल स्पीकर और जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर शामिल हैं.

इसलिए जारी हुई गाइडलाइनः सीएम गहलोत ने प्रदेश के कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की ओर से की जा रही आत्महत्याओं की घटनाओं को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कोचिंग संस्थानों के प्रभावी नियमन के लिए बनाए गए ‘राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक-2022’ के लागू होने तक उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में उक्त गाइडलाइन्स को मंजूरी दी है.

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