जयपुर. जिले में अनंत चतुर्दशी के अवसर पर गुरुवार को बड़े धूमधाम से ढोल-बाजों के साथ भगवान गणपति का विसर्जन किया गया. सुबह से ही लोग अपने घरों में विराजमान गणपति की प्रतिमाओं को लेकर नाचते-गाते आमेर की मावठा झील पहुंचे. इसके बाद विधिवत पूजा-अर्चना कर गणपति का मावठा झील में विसर्जन किया.
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मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक घरों में विराजमान रहने के बाद गणपति बप्पा का जलाशयों में विसर्जन किया जाता है. लोग गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से गणेश की प्रतिमा अपने अपने घरों मे स्थापित करते हैं. गणेश उत्सव भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से चतुर्दर्शी तक चलता है. सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय देवता भगवान गणेश को माना जाता है.
भक्त भगवान गणेश की प्रतिमाओं को गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के साथ गुलाल उड़ाते हुए होली खेलते हुए विसर्जन करने लेकर जाते हैं. इस दिन लोग आपसी प्रेम और भाईचारे की भी मिशाल देते हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उपवास भी रखा जाता है. इस दिन सभी भगवान विष्णु की पूजा भी करते हैं.