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प्रदेश में रही गणगौर की धूम.... कहीं निकली झांकियां तो कहीं मंदिरों में उमड़ी भीड़

सोमवार को पूरे प्रदेश में सुहागिन महिलाओं ने गणगौर का पर्व धूमधाम से मनाया. इस दौरान महिलाओं ने गणगौर की पूजा अर्चना भी की. गणगौर पर्व के पीछे मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं गणगौर की पूजा कर अपने सुहाग की लंबी आयु यश और वैभव घर में सुख शांति की कामना करती है.

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Published : Apr 8, 2019, 7:47 PM IST

प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया गया गणगौर महापर्व

जयपुर. प्रदेश भर में सोमवार को गणगौर का पर्व धूमधाम से मनाया. महिलाओं ने सज धज कर ईसर-गणगौर की पूजा-अर्चना की. मंदिरों में महिलाओं की खासी भीड़ दिखाई दी.

बारां में सोमवार को सुहागिन महिलाओं ने गणगौर का पर्व धूमधाम से मनाया इस दौरान महिलाओं ने गणगौर की पूजा अर्चना भी की सुबह से ही महिलाएं गणगौर की पूजा अर्चना करने के लिए सज धज कर घरों से निकली और फिर मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की शहर के मंदिरों पर गणगौर की पूजा के लिए महिलाओं की खासी भीड़ दिखाई दी.

बारां में गणगौर के पर्व पर अग्रवाल समाज ने धर्मादा संस्था में सामूहिक रूप से गणगौर का आयोजन किया. इस दौरान सैकड़ों महिलाएं इस कार्यक्रम में जुटी और सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर गणगौर का पर्व मनाया.
समाज की महिला नीतू गुप्ता ने बताया कि महिलाएं घर पर अकेली गणगौर का पर्व मनाया करती थी जिसमें उन्हें पूजा करने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब समाज ने निर्णय लेते हुए इस परेशानी से छुटकारे के लिए सामूहिक रूप से गणगौर पर्व मनाने का निर्णय किया है.

प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया गया गणगौर महापर्व
गणगौर पर्व के पीछे मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं गणगौर की पूजा कर अपने सुहाग की लंबी आयु यश और वैभव घर में सुख शांति की कामना करती है. पूजा करने के बाद महिलाएं बड़ों का आशीर्वाद लेकर अपने सुहाग के लिए यशस्वी होने का आशीर्वाद भी लेती है.

करौली में भी हर घर में छाए ईसर-गणगौर
करौली जिले में भी शिव पार्वती के प्रतीक गणगौर का पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. घर-घर में महिलाओं ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणगौर पूजन किया. इस अवसर पर महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर ईसर और गणगौर का पूजन किया. मान्यता है की गणगौर ईसर को भगवान शिव और पार्वती का रूप माना जाता है इसलिए गणगोर के दिन इस पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. महिलाओं ने गणगौर के अवसर पर मंगल गीत गाऐ और विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार कर पूजा अर्चना की.

क्या है गणगौर पर्व
दरअसल गणगौर का त्योहार प्राचीन काल से ही मनाया जाता है. जिसमें शिव पार्वती भगवान के प्रतीक मिट्टी की गणगोर बनाई जाती है और उसकी महिलाएं पूजा करती हैं. गणगौर की पूजा होली के दूसरे दिन से ही चालू हो जाती है, जिसका क्रम 16 दिन तक चलता रहता है. 16 दिन तक महिलाएं गणगौर की पूजा करती है और अपने अमर सुहाग की कामना करती हैं.

जोधपुर में भी दिखा गणगौर का रंग
जोधपुर में भी गणगौर पर्व धूमधाम से मनाया गया. महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर सज धज कर गवर माता की पूजा की. 16 दिन तक चलने वाले इस मेले में सोमवार को मुख्य रूप से गवर इसर की पूजा की जा रही है और अपने पति सहित पूरे परिवार की सुख समृद्धि के लिए महिलाएं गवर माता की पूजा अर्चना करती है.

500 से अधिक महिलाओं ने किया सामूहिक पूजन
ऐसा ही नजारा जोधपुर के माहेश्वरी सभा भवन में देखने को मिला जहां सोमवार को गणगौर पर्व के मौके पर लगभग 500 से अधिक महिलाओं ने गवर माता का सामूहिक पूजन किया. सामूहिक पूजन के दौरान महिलाएं अलग-अलग जगहों पर बैठकर गवर इसर की पूजा करती दिखाई दी. मंत्रोच्चार के बीच चल रही पूजा में महिलाओं ने अपने पति सहित पूरे परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. जिले में इसको लेकर गवर माता सहित अन्य झांकीया भी निकाली गई.

जयपुर. प्रदेश भर में सोमवार को गणगौर का पर्व धूमधाम से मनाया. महिलाओं ने सज धज कर ईसर-गणगौर की पूजा-अर्चना की. मंदिरों में महिलाओं की खासी भीड़ दिखाई दी.

बारां में सोमवार को सुहागिन महिलाओं ने गणगौर का पर्व धूमधाम से मनाया इस दौरान महिलाओं ने गणगौर की पूजा अर्चना भी की सुबह से ही महिलाएं गणगौर की पूजा अर्चना करने के लिए सज धज कर घरों से निकली और फिर मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की शहर के मंदिरों पर गणगौर की पूजा के लिए महिलाओं की खासी भीड़ दिखाई दी.

बारां में गणगौर के पर्व पर अग्रवाल समाज ने धर्मादा संस्था में सामूहिक रूप से गणगौर का आयोजन किया. इस दौरान सैकड़ों महिलाएं इस कार्यक्रम में जुटी और सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर गणगौर का पर्व मनाया.
समाज की महिला नीतू गुप्ता ने बताया कि महिलाएं घर पर अकेली गणगौर का पर्व मनाया करती थी जिसमें उन्हें पूजा करने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब समाज ने निर्णय लेते हुए इस परेशानी से छुटकारे के लिए सामूहिक रूप से गणगौर पर्व मनाने का निर्णय किया है.

प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया गया गणगौर महापर्व
गणगौर पर्व के पीछे मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं गणगौर की पूजा कर अपने सुहाग की लंबी आयु यश और वैभव घर में सुख शांति की कामना करती है. पूजा करने के बाद महिलाएं बड़ों का आशीर्वाद लेकर अपने सुहाग के लिए यशस्वी होने का आशीर्वाद भी लेती है.

करौली में भी हर घर में छाए ईसर-गणगौर
करौली जिले में भी शिव पार्वती के प्रतीक गणगौर का पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. घर-घर में महिलाओं ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणगौर पूजन किया. इस अवसर पर महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर ईसर और गणगौर का पूजन किया. मान्यता है की गणगौर ईसर को भगवान शिव और पार्वती का रूप माना जाता है इसलिए गणगोर के दिन इस पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. महिलाओं ने गणगौर के अवसर पर मंगल गीत गाऐ और विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार कर पूजा अर्चना की.

क्या है गणगौर पर्व
दरअसल गणगौर का त्योहार प्राचीन काल से ही मनाया जाता है. जिसमें शिव पार्वती भगवान के प्रतीक मिट्टी की गणगोर बनाई जाती है और उसकी महिलाएं पूजा करती हैं. गणगौर की पूजा होली के दूसरे दिन से ही चालू हो जाती है, जिसका क्रम 16 दिन तक चलता रहता है. 16 दिन तक महिलाएं गणगौर की पूजा करती है और अपने अमर सुहाग की कामना करती हैं.

जोधपुर में भी दिखा गणगौर का रंग
जोधपुर में भी गणगौर पर्व धूमधाम से मनाया गया. महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर सज धज कर गवर माता की पूजा की. 16 दिन तक चलने वाले इस मेले में सोमवार को मुख्य रूप से गवर इसर की पूजा की जा रही है और अपने पति सहित पूरे परिवार की सुख समृद्धि के लिए महिलाएं गवर माता की पूजा अर्चना करती है.

500 से अधिक महिलाओं ने किया सामूहिक पूजन
ऐसा ही नजारा जोधपुर के माहेश्वरी सभा भवन में देखने को मिला जहां सोमवार को गणगौर पर्व के मौके पर लगभग 500 से अधिक महिलाओं ने गवर माता का सामूहिक पूजन किया. सामूहिक पूजन के दौरान महिलाएं अलग-अलग जगहों पर बैठकर गवर इसर की पूजा करती दिखाई दी. मंत्रोच्चार के बीच चल रही पूजा में महिलाओं ने अपने पति सहित पूरे परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. जिले में इसको लेकर गवर माता सहित अन्य झांकीया भी निकाली गई.

Intro:बारां:- बारां में आज सुहागिन महिलाओं ने गणगौर का पर्व धूमधाम से मनाया इस दौरान महिलाओं ने गणगौर की पूजा अर्चना भी की सुबह से ही महिलाएं गणगौर की पूजा अर्चना करने के लिए सज धज कर घरों से निकली और फिर मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की शहर के मंदिरों पर गणगौर की पूजा के लिए महिलाओं की खासी भीड़ दिखाई दी


Body:गणगौर के पर्व पर अग्रवाल समाज ने धर्मादा संस्था में सामूहिक रूप से गणगौर का आयोजन किया इस दौरान सैकड़ों महिलाएं इस कार्यक्रम में जुटी और सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर गणगौर का पर्व मनाया यहां महिलाओं ने गण गोरी का प्रसिद्ध राजस्थानी गीत का सामूहिक रूप से बोल कर एक दूसरे को सुनाया बताया जाता है कि आज के दिन महिलाएं गणगौर की पूजा करने के बाद सबसे पहले बेसन के बने गुणों का आहार लेती है उसके बाद अन्न ग्रहण करती है


गणगौर पर्व पर पूजा करने में अकेली महिलाओं को होने वाली परेशानी को देखते हुए अग्रवाल समाज ने निर्णय लेते हुए सामूहिक रूप से गणगौर पर्व मनाने का निर्णय लिया है समाज की महिला नीतू गुप्ता ने बताया कि महिलाएं घर पर अकेली गणगौर का पर्व मनाया करती थी जिसमें उन्हें पूजा करने में काफी परेशानी होती थी लेकिन अब समाज ने निर्णय लेते हुए इस परेशानी से छुटकारे के लिए सामूहिक रूप से गणगौर पर्व मनाने का निर्णय किया है




Conclusion:गणगौर पर्व के पीछे मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं गणगौर की पूजा कर अपने सुहाग की लंबी आयु यश और वैभव घर में सुख शांति की कामना करती है पूजा करने के बाद महिला है अपने बड़ों का आशीर्वाद लेकर अपने सुहाग के लिए यशस्वी होने का आशीर्वाद भी लेती है
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