जयपुर. धर्मकांटे को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाकर हैक करने और निर्माणाधीन बड़े प्रोजेक्ट्स में सप्लाई होने वाले सरिए की चोरी करने वाले गिरोह का पुलिस मुख्यालय की सीआईडी सीबी ने पर्दाफाश किया है. इस गिरोह से जुड़े चार संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. इस अंतरराज्यीय गिरोह में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शातिर बदमाश शामिल हैं. मुहाना स्थित गोदाम और बगरू में साइट पर लगे धर्म कांटे को सील किया गया है. पुलिस ने कांटे से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और मौके से एक ट्रेलर भी जप्त किया है.
एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन के अनुसार, बगरू थाना क्षेत्र में मणिपाल यूनिवर्सिटी के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में सरिया सप्लाई करने वालों द्वारा धर्म कांटे को हैक कर सरिया चोरी करने की वारदात का खुलासा किया गया है. इस बारे में क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल रविंद्र सिंह को सूचना मिली थी कि जयपुर शहर के आसपास निर्माणाधीन बड़े कॉलेज, अस्पताल और सरकारी प्रोजेक्ट में लोहे के सरिया सप्लाई करने वाले ट्रांसपोर्टर सप्लायर के यार्ड से साइट पर पहुंचने से पहले अपने ट्रक मुहाना मंडी स्थित गोदाम पर ले जाते हैं. वहां इन ट्रकों से 3 से 10 टन सरिया चोरी कर साइट पर सप्लाई करते हैं. साइट पर लगे धर्म कांटे को डिवाइस लगाकर हैक कर लिया जाता है, ताकि उसमें वजन कम नहीं आए.
इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम: उत्तर प्रदेश और राजस्थान में सक्रिय यह शातिर चोर गैंग प्रोजेक्ट साइट पर सरिया सप्लाई से पहले मुहाना स्थित अपने गोदाम पर ट्रक ले जाते हैं. वहां तीन से दस टन सरिया ट्रक से उतार लेते हैं. इस गैंग से जुड़े शातिर बदमाश निर्माणाधीन साइट के धर्म कांटे में एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फिट कर देते हैं. ट्रक जब साइट पर पहुंचता है तो रिमोट के द्वारा दूर से कांटे को कंट्रोल पूरा वजन दिखाया जाता है और उनकी चोरी पकड़ी नहीं जाती है.
एक साइट पर 2.50 से 3 करोड़ की हेराफेरी: यह गैंग एक बड़ी निर्माणाधीन साइट से निर्माण कार्य पूरा होने तक लगभग 400 से 500 टन सरिया चोरी कर लेती है. जिसकी बाजार में कीमत करीब 2.50 से 3 करोड़ रुपए होती है. गोदाम में उतारा गया सरिया कम कीमत पर सरिए के अन्य व्यापारियों को बेचा जाता है.
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कई बड़े मामलों का खुलासा होने की संभावना: एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि मामले में अग्रिम कार्रवाई बगरू थाना पुलिस द्वारा की जा रही है. जल्द ही बड़े खुलासे होने की संभावना है. इस कार्रवाई में हेड कांस्टेबल शाहिद अली व कांस्टेबल रविंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कांस्टेबल सोहन देव का तकनीकी क्षेत्र में सहयोग रहा. टीम में एसआई दयाराम, एएसआई शैलेंद्र शर्मा व दुष्यंत सिंह, हेड कांस्टेबल शाहिद अली, पर्वत सिंह कांस्टेबल रविंद्र सिंह, महेंद्र और संजय शर्मा शामिल थे.