जयपुर. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इन्वेस्टमेंट प्लान शेयर कर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गिरोह का गुरुवार को पुलिस आयुक्तालय की सीएसटी ने खुलासा किया है. इस गिरोह के 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर पुलिस ने वारदात में काम में लिए जा रहे 12 मोबाइल जब्त किए गए हैं. इन शातिर बदमाशों ने राजस्थान के साथ ही अन्य राज्यों और विदेशों में भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया और लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाशचंद विश्नोई ने बताया कि करधनी थाना इलाके में इंस्टाग्राम और फेसबुक के माध्यम से इन्वेस्टमेंट प्लान का विज्ञापन शेयर कर लोगों को ठगी का शिकार बनाने की जानकारी मिली थी. इस टीम ने करधनी थाना पुलिस के सहयोग से सुधांशु शर्मा, हिमांशु, रवि सिंह, उदेश गुर्जर, सौरव सिंह, हर्षवर्धन और शेखर राठौड़ को गिरफ्तार कर वारदात में काम में लिए जा रहे 12 मोबाइल जब्त किए हैं. ये आरोपी शुरुआत में 3 से 5 हजार रुपए के इन्वेस्टमेंट पर बड़े मुनाफे का झांसा देते. इसके बाद अलग-अलग चार्जेज के नाम पर वसूली कर ठगी की वारदात को अंजाम देते. इस बहाने से ये बदमाश पीड़ितों के साथ लाखों रुपए की ठगी और धोखाधड़ी करते थे.
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सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को भेजते विज्ञापनः प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये शातिर बदमाश इन्वेस्टमेंट प्लान का डिजीटल पोस्टर तैयार कर तीन हजार रुपए फेसबुक को जमा करवाकर लाखों लोगों तक अपने प्लान का विज्ञापन भेजते थे. इनमें से 100-200 लोग निवेश के लिए संपर्क करते और 40-50 लोग इनके बताए प्लान में निवेश कर भी देते.
शुरुआत में ये बदमाश 2 से 5 हजार रुपए तक के निवेश का प्लान बताते और Olmpia Trading नाम की वेबसाइट पर इन्वेस्टमेंट की एवज में बड़ा मुनाफा मिलने की जानकारी देते. जब कोई व्यक्ति एक बार इन्वेस्टमेंट कर देता, तब ये अपना खेल शुरू करते और अलग-अलग चार्जेज के नाम पर रकम खातों में जमा करवाने लगते. आखिर में जब पीड़ित व्यक्ति को समझ में आ जाता कि वह ठगी का शिकार हो गया है और वापस रुपए मांगता तो ये गालीगलौज कर उसका नंबर ब्लॉक कर देते.
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ठगी की रकम जमा करवाने के लिए किराए पर लेते खातेः अन्य साइबर ठगों की तरह ही ये बदमाश भी ठगी की रकम सीधे अपने खातों में जमा नहीं करवाते हैं. इसके लिए ये अनजान लोगों के बैंक खाते किराए पर लेते और 15-20 फीसदी कमीशन देकर बाकि रकम नकद ले लेते. इनका शिकार नेपाल की एक युवती भी हो चुकी है. जिससे इन्होंने 9 लाख रुपए की ठगी और धोखाधड़ी की. वाराणसी की एक महिला नर्स को भी ये बदमाश निशाना बनाकर उससे 1 लाख रुपए की ठगी कर चुके हैं. उसने इनके खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे संपर्क किया, तो वह रोने लगी.
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वेबसाइट पर देते मुनाफे की झूठी जानकारीः ये बदमाश अपने विज्ञापन में इन्वेस्टमेंट पर 40-60 मिनिट में बड़े मुनाफे का झांसा देते और जब कोई व्यक्ति इनका शिकार बन जाता तो उसे लगातार झांसा देने के लिए Olmpia Trading नाम की वेबसाइट पर झूठे आंकड़े दिखाते और उसे बड़ा मुनाफा होने की फर्जी जानकारी देते रहते. पूछताछ में इन्होंने बताया कि ये आमतौर पर छोटी-छोटी रकम जमा करवाते ताकि शक होने पर भी पीड़ित पुलिस तक नहीं पहुंचे. ये रुपए जमा करवाने के लिए ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म का भी उपयोग करते थे.
ये हैं गिरोह के सरगनाः पकड़े गए सात आरोपियों ने बताया है कि सचिन राजपूत, दीया सैन, अर्जुन राजपूत, अक्षित पारिक, दीपेश वैष्णव और मानवेन्द्र सिंह गैंग के मुख्य सरगना है, जो गैंग चलाते हैं और इन बदमाशों से कमीशन लेते हैं. कुणाल गुप्ता, प्रिंस राजपूत, जीतू माली, वंश कौशिक, निश्चय बोहरा, विवेक बोहरा, नंदलाल जाट, रोशन बागड़ा, दीपक बगड़ीवाल, कृष्णा गुर्जर, अभिषेक पलसानिया, रितिक तंवर, दीपांशु कुमार के भी इसी तरह की वारदातों में लिप्त होने की जानकारी पुलिस को दी है.