जयपुर. प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कमोबेश एक माह बाद चुनाव की आचार संहिता भी लग जाएगी. ऐसे में अब सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन ने राजधानी जयपुर में महापड़ाव डाल दिया है. एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आह्वान पर 13 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 21 अगस्त से ही महापड़ाव जारी है. गुरुवार को चौथे दिन भी इस महापड़ाव में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए. वहीं, कर्मचारियों की ओर से राज्य की गहलोत सरकार को चेतावनी दी गई और कहा गया कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती है तो वो आगे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
इन मांगों को लेकर डाला महापड़ाव - एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि 21 अगस्त से शुरू हुए इस महापड़ाव में पुरानी पेंशन की विसंगती को दूर करने की मांग के साथ ही एक निगम से दूसरे निगम में स्थानांतरण करने सहित 13 सूत्रीय मांगें की गई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि वो विद्युत कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेगी, लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर गई है. अब मजबूरन कर्मचारियों को एक बार फिर आंदोलन की राह पर आना पड़ा है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगों को नहीं मानेगी तब तक उनका ये महापड़ाव जारी रहेगा. इस आंदोलन के चलते प्रदेश की विद्युत सप्लाई भी बाधित होगी, जिसके लिए केवल व केवल सरकार ही जिम्मेदारी होगी.
इसे भी पढ़ें - जयपुर: विद्युत कर्मचारी एसोसिएशन ने सीएम के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन, रखी ये मांगे
ये भी है मांग - गुर्जर ने बताया कि अन्य मांगों में नए केडर का ऑप्शन ले चुके टेक्निकल हेल्पर कर्मचारियों के 2400 व 2800 ग्रेड पे के जयपुर डिस्कॉम की भांति फिक्सेशन डेट ऑफ जॉइनिंग से करने, दिसंबर 2015 में हुई टूल डाउन हड़ताल से पीड़ित प्रसारण निगम के कर्मचारियों के खिलाफ की गई समस्त दमनात्मक कार्रवाई को निरस्त करने, नए केडर में ऑप्शन ले चुके डिप्लोमाधारी तकनीकी कर्मचारियों को पुराने केडर में 1 अप्रैल, 2018 और 1 अप्रैल, 2019 की स्थिति में प्रमोशन देने, हेल्पर द्वितीय की ग्रेड पे 1750 या 1850 से बढ़ाकर 2000 करने, आरजीएचएस स्कीम को विधुत निगमों में भी राज्य सरकार के अन्य विभागों के समान तरीके से लागू करने, आउटडोर की सीमा राशि को राज्य सरकार के अन्य विभागों की तरह अनलिमिटेड करने की मांग है.