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Right to Health Bill का 11वें दिन भी विरोध जारी, पूनिया बोले- सरकार अहंकार का रास्ता छोड़े - Satish Poonia target on Gehlot govt

राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राइट टू हेल्थ को (Satish Poonia target on Gehlot govt) लेकर जारी निजी चिकित्सकों के हड़ताल के बीच राज्य की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा.

Satish Poonia target on Gehlot govt
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Published : Mar 28, 2023, 3:32 PM IST

राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया

जयपुर. प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर बवाल जारी है. निजी चिकित्सक बिल के विरोध में 11वें दिन भी हड़ताल पर हैं. इस बीच प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह से डगमगा गई है. वहीं, बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था के बीच भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. मंगलवार को अपने निवास पर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए पूनिया ने कहा कि सरकार को अहंकार छोड़कर स्थायी समाधान के लिए कोई रास्ता निकालने की ओर बढ़ना चाहिए.

अहंकार में डूबी सरकार - पूनिया ने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य ऐसा क्षेत्र है, जहां सेवाओं की आवश्यकता 24 घंटे होती है. ऐसे में सरकार को समस्या के समाधान के लिए अहंकार को त्याग वार्ता के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है. आगे उन्होंने कहा कि डॉक्टर और सरकार के बीच जारी ये गतिरोध इतने चरम पर चला गया कि आज 11 दिन बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल सका है. पूनिया ने कहा कि राइट टू हेल्प बिल में सरकार की मंशा अच्छी होती तो यह हालात नहीं बनते. सरकार को डॉक्टरों से सार्थक बात करनी चाहिए, ताकि जारी गतिरोध को खत्म किया जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में मरीज इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं. कई मरीजों की तो जान खतरे में है.

इसे भी पढे़ं - Protest against RTH : चिकित्सकों ने रैली निकाली, कहा- सरकार वोट के लिए काले कानून को थोपना चाह रही

कानून के लिए एक मत - पूनिया ने कहा कि आम आदमी को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मिले, इसके पक्ष में तो सभी हैं. लेकिन जिस तरह से बीते 11 दिनों से चिकित्सकों का विरोध जारी है, उसे देखते हुए आज अविलंब इस गतिरोध को खत्म करने की जरूरत है. पूनिया में कहा कि बिल सदन में पास हो चुका है और कानून की शक्ल में आ गया है, लेकिन फिर भी सरकार को चिकित्सकों से संजीदगी से बातकर उनकी आपत्तियों को दूर करना चाहिए. आगे गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये सरकार की हठधर्मिता है कि वो समय पर डॉक्टों से बात नहीं किए, वरना ऐसे हालात न बनते.

11 दिन से हड़ताल जारी - बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी चिकित्सक 11 दिनों से हड़ताल पर हैं. निजी चिकित्सकों ने जयपुर सहित कई जिलों में रैली निकालकर विरोध भी जताया है. डॉक्टरों की मांग है कि विधानसभा में पास हुए स्वास्थ्य का अधिकार कानून को वापस लिया जाए. इसी मांग के चलते मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ हुई चिकित्सकों की वार्ता विफल हो गई. हालांकि, हड़ताल के बीच सोमवार देर रात को भी डॉक्टर्स और सरकार के बीच वार्ता होनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर वार्ता स्थगित हो गई. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करना चाह रहे थे, लेकिन ऐन वक्त पर इस वार्ता को स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया

जयपुर. प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर बवाल जारी है. निजी चिकित्सक बिल के विरोध में 11वें दिन भी हड़ताल पर हैं. इस बीच प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह से डगमगा गई है. वहीं, बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था के बीच भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. मंगलवार को अपने निवास पर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए पूनिया ने कहा कि सरकार को अहंकार छोड़कर स्थायी समाधान के लिए कोई रास्ता निकालने की ओर बढ़ना चाहिए.

अहंकार में डूबी सरकार - पूनिया ने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य ऐसा क्षेत्र है, जहां सेवाओं की आवश्यकता 24 घंटे होती है. ऐसे में सरकार को समस्या के समाधान के लिए अहंकार को त्याग वार्ता के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है. आगे उन्होंने कहा कि डॉक्टर और सरकार के बीच जारी ये गतिरोध इतने चरम पर चला गया कि आज 11 दिन बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल सका है. पूनिया ने कहा कि राइट टू हेल्प बिल में सरकार की मंशा अच्छी होती तो यह हालात नहीं बनते. सरकार को डॉक्टरों से सार्थक बात करनी चाहिए, ताकि जारी गतिरोध को खत्म किया जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में मरीज इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं. कई मरीजों की तो जान खतरे में है.

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कानून के लिए एक मत - पूनिया ने कहा कि आम आदमी को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मिले, इसके पक्ष में तो सभी हैं. लेकिन जिस तरह से बीते 11 दिनों से चिकित्सकों का विरोध जारी है, उसे देखते हुए आज अविलंब इस गतिरोध को खत्म करने की जरूरत है. पूनिया में कहा कि बिल सदन में पास हो चुका है और कानून की शक्ल में आ गया है, लेकिन फिर भी सरकार को चिकित्सकों से संजीदगी से बातकर उनकी आपत्तियों को दूर करना चाहिए. आगे गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये सरकार की हठधर्मिता है कि वो समय पर डॉक्टों से बात नहीं किए, वरना ऐसे हालात न बनते.

11 दिन से हड़ताल जारी - बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी चिकित्सक 11 दिनों से हड़ताल पर हैं. निजी चिकित्सकों ने जयपुर सहित कई जिलों में रैली निकालकर विरोध भी जताया है. डॉक्टरों की मांग है कि विधानसभा में पास हुए स्वास्थ्य का अधिकार कानून को वापस लिया जाए. इसी मांग के चलते मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ हुई चिकित्सकों की वार्ता विफल हो गई. हालांकि, हड़ताल के बीच सोमवार देर रात को भी डॉक्टर्स और सरकार के बीच वार्ता होनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर वार्ता स्थगित हो गई. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करना चाह रहे थे, लेकिन ऐन वक्त पर इस वार्ता को स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

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