जयपुर. पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने अपने पत्र के जरिए इस पूरे घटनाक्रम की जांच सीबीआई से कराने, मृतक परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग मुख्यमंत्री से की है. मालवीय नगर से भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई की छवि एक ईमानदार और निर्भीक पुलिस अधिकारी की थी. अपने काम से उन्होंने कई थानों की काया पलट कर दी थी इन दिनों एक गैंगवार की घटना में लिप्त अज्ञात अपराधियों के खिलाफ जांच कर रहे थे. मोबाइल चैटिंग और सुसाइड नोट से भी उन पर भारी राजनीतिक दबाव होने की बात सामने आई है.
सराफ ने कहा कि उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों पर भी कमजोर होने और उन पर दबाव बनाकर काम करवाने की बात कहते हुए ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेने तक की बात कही है. उनकी आत्महत्या पर स्थानीय नागरिकों, व्यापार मंडल और परिजनों ने गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए बाजार तक बंद कर दिए और स्थानीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी भी की है.
सराफ के अनुसार पुलिस अफसर द्वारा ड्यूटी पर आत्महत्या की घटना के बाद थाने के पूरे स्टाफ ने आईजी बीकानेर को पत्र लिखकर सामूहिक स्थानांतरण कराने की मांग की है. उनके अनुसार पत्र में थाने के स्टाफ में सामूहिक रूप से रिपोर्ट देते हुए बताया कि उनकी रोजमर्रा की ड्यूटी में दखल देते हुए विधायक कृष्णा पूनिया और उनके कार्यकर्ता अपने मन मुताबिक काम करने का दबाव बनाते हैं और नहीं करने पर उच्च अधिकारियों से झूठी शिकायत करके उन्हें लाइन हाजिर करवा देते हैं या ट्रांसफर करवा देते हैं.
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सराफ ने बताया कि थाना अधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या की घटना से पूरा स्टाफ डरा हुआ है. सभी ने विधायक की भूमिका को स्पष्ट करते हुए सामूहिक ट्रांसफर की मांग भी की है. कालीचरण सराफ के अनुसार थाने के स्टाफ द्वारा पेश की गई रिपोर्ट से स्पष्ट पर की थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने स्थानीय विधायक कृष्णा पूनिया द्वारा बनाए गए राजनीतिक दबाव के कारण आत्महत्या की है. ऐसे में विधायक कृष्णा पूनिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करके प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए और मृतक के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा देने के साथ ही एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाना चाहिए.