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राजस्थान ऐसा पहला राज्य जहां सरकारी स्कूलों में लगेंगी प्री प्राइमरी क्लास, लॉटरी सिस्टम से एडमिशन - बाल वाटिका

शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार के लिए राजस्थान के सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में बाल वाटिका (प्री प्राइमरी क्लासेज) शुरू की जा रही है. प्रदेश के 958 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में बाल वाटिका में बच्चे पढ़ेंगे ( Pre primary Classes in Rajasthan). इनमें जयपुर के 95 स्कूल भी शामिल हैं. इन स्कूलों में आवेदन प्रक्रिया हो चुकी हैं.

Pre primary Classes in Rajasthan
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Published : Dec 20, 2022, 6:48 AM IST

Updated : Dec 20, 2022, 8:38 AM IST

सरकारी स्कूलों में लगेंगी प्री प्राइमरी क्लास

जयपुर. सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेज का संचालन करने वाला राजस्थान में देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है ( Pre primary Classes in Rajasthan). इन स्कूलों में आवेदन प्रक्रिया हो चुकी हैं. हर कक्षा में 25 बच्चों को लॉटरी के माध्यम से चुना जाएगा और फिर 6 जनवरी से शिक्षण कार्य शुरू होगा. हालांकि इस नई व्यवस्था के तहत पहला सत्र महज 4 महीने का ही रहने वाला है. यानी नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी में जो भी छात्र एडमिशन लेंगे, वो जनवरी से अप्रैल तक ही पढ़ पाएंगे.

प्री प्राइमरी क्लासेस को नाम दिया गया है बाल वाटिका. बाल वाटिका के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि पहली कक्षा से पहले प्री प्राइमरी का कंसेप्ट है. जिसमें नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी पढ़ाया जाता है. ताकि छात्र पहली कक्षा में दक्षता के साथ पहुंचे. जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है, अब छोटे बच्चों की पढ़ाई को लेकर रिक्वायरमेंट बदली है. और प्री प्राइमरी एजुकेशन का ये प्रयोग सक्सेसफुल भी है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूल के इस कंसेप्ट को अडॉप्ट करते हुए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपनाया है. जिसे बालवाटिका का नाम दिया गया है.

प्रदेश के 958 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में बाल वाटिका शुरू होंगी. इनमें से 95 स्कूल जयपुर के हैं. जिनमें पढ़ने के लिए छात्रों की आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और जल्द लॉटरी के जरिए छात्रों को दाखिला मिलेगा. इस संबंध में राजेंद्र शर्मा ने बताया कि अधिकांश महात्मा गांधी स्कूलों में बाल वाटिका के लिए कक्षा कक्ष मौजूद हैं. जयपुर जिले के 95 स्कूलों के लिए शिक्षकों के इंटरव्यू कंडक्ट कराए गए थे, और उनका संबंधित स्कूलों में पदस्थापन भी कर दिया गया है. 95 में से 91 स्कूलों में इस काम को अंतिम रूप दिया जा चुका है. शेष में इक्का-दुक्का दिन में ये काम पूरा कर लिया जाएगा.

पढ़ें-स्कूली खेल प्रतियोगिता में जुड़े 30 नए खेल, अब गुमनाम खेलों को पहचान दिलाने की तैयारी

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों की प्री प्राइमरी क्लासेस 6 जनवरी से शुरू होंगी. जिसमें नर्सरी, लोअर केजी और अपर केजी कक्षाएं पढ़ाई जाएंगी. इन तीनों ही कक्षाओं के लिए आवेदन आए हैं. इनमें 3 से 4 वर्ष के बच्चे नर्सरी के लिए 4 से 5 वर्ष के बच्चे एलकेजी जबकि 5 से 6 वर्ष के बच्चे यूकेजी के लिए योग्य हैं. चूंकि कक्षाएं जनवरी से शुरू होंगी इसलिए बाल वाटिकाओं में पहला सत्र 4 महीने का ही रहेगा. इस संबंध में राजेंद्र शर्मा ने कहा कि शुभस्य शीघ्रम की धारणा को ध्यान में रखते हुए जो छात्र अभी 3 से 4 वर्ष का है, उसे इसी सत्र में नर्सरी पढ़ने का मौका मिल जाएगा. फिर चाहे वो 4 महीने के लिए ही सही. नए सत्र से साल भर कक्षाएं लगेंगी.

आपको बता दें कि सर्दी में बाल वाटिका का समय 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक 10 से 2 बजे और गर्मी में 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह 8 से 12 बजे तक रहेगा. बाल वाटिका में सप्ताह में 5 दिन चार 4 घंटे की कक्षाएं लगेंगी. फाइव डे वीक के तहत प्रति शनिवार को टीचर्स को अगले सप्ताह के कार्यक्रम की योजना, शिक्षक अधिगम सामग्री निर्माण, अभिभावक संपर्क, पोर्टफोलियो निर्माण सहित अन्य कार्य करने होंगे. इसके साथ ही प्रवेश रजिस्टर, स्वास्थ्य रजिस्टर, प्रगति पंजिका, टीचर्स डायरी को भी मेंटेन करना होगा. अंग्रेजी स्कूलों में व्यवस्था सफल रही तो हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों में भी बाल वाटिकाएं शुरू की जाएंगी.

सरकारी स्कूलों में लगेंगी प्री प्राइमरी क्लास

जयपुर. सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेज का संचालन करने वाला राजस्थान में देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है ( Pre primary Classes in Rajasthan). इन स्कूलों में आवेदन प्रक्रिया हो चुकी हैं. हर कक्षा में 25 बच्चों को लॉटरी के माध्यम से चुना जाएगा और फिर 6 जनवरी से शिक्षण कार्य शुरू होगा. हालांकि इस नई व्यवस्था के तहत पहला सत्र महज 4 महीने का ही रहने वाला है. यानी नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी में जो भी छात्र एडमिशन लेंगे, वो जनवरी से अप्रैल तक ही पढ़ पाएंगे.

प्री प्राइमरी क्लासेस को नाम दिया गया है बाल वाटिका. बाल वाटिका के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि पहली कक्षा से पहले प्री प्राइमरी का कंसेप्ट है. जिसमें नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी पढ़ाया जाता है. ताकि छात्र पहली कक्षा में दक्षता के साथ पहुंचे. जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है, अब छोटे बच्चों की पढ़ाई को लेकर रिक्वायरमेंट बदली है. और प्री प्राइमरी एजुकेशन का ये प्रयोग सक्सेसफुल भी है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूल के इस कंसेप्ट को अडॉप्ट करते हुए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपनाया है. जिसे बालवाटिका का नाम दिया गया है.

प्रदेश के 958 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में बाल वाटिका शुरू होंगी. इनमें से 95 स्कूल जयपुर के हैं. जिनमें पढ़ने के लिए छात्रों की आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और जल्द लॉटरी के जरिए छात्रों को दाखिला मिलेगा. इस संबंध में राजेंद्र शर्मा ने बताया कि अधिकांश महात्मा गांधी स्कूलों में बाल वाटिका के लिए कक्षा कक्ष मौजूद हैं. जयपुर जिले के 95 स्कूलों के लिए शिक्षकों के इंटरव्यू कंडक्ट कराए गए थे, और उनका संबंधित स्कूलों में पदस्थापन भी कर दिया गया है. 95 में से 91 स्कूलों में इस काम को अंतिम रूप दिया जा चुका है. शेष में इक्का-दुक्का दिन में ये काम पूरा कर लिया जाएगा.

पढ़ें-स्कूली खेल प्रतियोगिता में जुड़े 30 नए खेल, अब गुमनाम खेलों को पहचान दिलाने की तैयारी

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों की प्री प्राइमरी क्लासेस 6 जनवरी से शुरू होंगी. जिसमें नर्सरी, लोअर केजी और अपर केजी कक्षाएं पढ़ाई जाएंगी. इन तीनों ही कक्षाओं के लिए आवेदन आए हैं. इनमें 3 से 4 वर्ष के बच्चे नर्सरी के लिए 4 से 5 वर्ष के बच्चे एलकेजी जबकि 5 से 6 वर्ष के बच्चे यूकेजी के लिए योग्य हैं. चूंकि कक्षाएं जनवरी से शुरू होंगी इसलिए बाल वाटिकाओं में पहला सत्र 4 महीने का ही रहेगा. इस संबंध में राजेंद्र शर्मा ने कहा कि शुभस्य शीघ्रम की धारणा को ध्यान में रखते हुए जो छात्र अभी 3 से 4 वर्ष का है, उसे इसी सत्र में नर्सरी पढ़ने का मौका मिल जाएगा. फिर चाहे वो 4 महीने के लिए ही सही. नए सत्र से साल भर कक्षाएं लगेंगी.

आपको बता दें कि सर्दी में बाल वाटिका का समय 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक 10 से 2 बजे और गर्मी में 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह 8 से 12 बजे तक रहेगा. बाल वाटिका में सप्ताह में 5 दिन चार 4 घंटे की कक्षाएं लगेंगी. फाइव डे वीक के तहत प्रति शनिवार को टीचर्स को अगले सप्ताह के कार्यक्रम की योजना, शिक्षक अधिगम सामग्री निर्माण, अभिभावक संपर्क, पोर्टफोलियो निर्माण सहित अन्य कार्य करने होंगे. इसके साथ ही प्रवेश रजिस्टर, स्वास्थ्य रजिस्टर, प्रगति पंजिका, टीचर्स डायरी को भी मेंटेन करना होगा. अंग्रेजी स्कूलों में व्यवस्था सफल रही तो हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों में भी बाल वाटिकाएं शुरू की जाएंगी.

Last Updated : Dec 20, 2022, 8:38 AM IST
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