जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में अब कामकाजी महिलाओं का मातृत्व उनके काम के आड़े नहीं आएगा. प्रदेश में पहली बार किसी नगरीय निकाय में क्रेच यानी शिशु पालना गृह की व्यवस्था की गई है. जहां निगम में कार्यरत महिला कर्मचारी अधिकारी और पार्षद अपने बच्चों को देखभाल के लिए छोड़ सकेंगे. इसके लिए उन्हें हर महीने 2000 रुपए शुल्क देना होगा. इसके साथ ही अन्य सरकारी महिला कर्मचारी को 3200 रुपए और गैर सरकारी महिला कर्मचारी को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए 4000 रुपए खर्च करने होंगे.
जयपुर ग्रेटर निगम में वर्किंग वुमन्स के बच्चों के लिए शिशु पालना गृह शुरू किया गया है. जिसमें 6 महीने से लेकर 6 साल तक के बच्चों की देखभाल की जा सकेगी. यहां ना सिर्फ नगर निगम की महिलाओं के लिए बल्कि निगम मुख्यालय के आस-पास के क्षेत्र कार्यरत महिलाएं भी अपने बच्चों को उचित देखभाल के लिए छोड़ सकेंगी. इस क्रेच का लोकार्पण करते हुए महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि महिला दिवस पर क्रेच की घोषणा की थी और अब इसकी शुरुआत की गई है.
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निगम में कई महिला कर्मचारी हैं, जिनके बच्चे छोटे हैं. इससे महिलाओं के मातृत्व का असर उनके काम पर पड़ता है. ऐसे में निगम मुख्यालय में क्रेच हाउस बनाया है. इससे बच्चों को यहां खेलने-कूदने की जगह और अच्छा पालन-पोषण किया जा सकेगा. क्रेच को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है. निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं. ताकि माताएं भी हर वक्त अपने बच्चों पर नजर रख सकें. बच्चों के लिए केयर टैकर और मेडिकल स्टाफ भी लगाए गए हैं.
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इसके साथ ही मंगलवार को ग्रेटर नगर निगम के सभाकक्ष का जीर्णोद्धार कर नामकरण करते हुए लोकार्पण किया गया. इस सभागार को पन्नाधाय को समर्पित किया गया है. इसे लेकर महापौर ने कहा कि राष्ट्र सेवक से अपनी ममता का बलिदान करने वाली मां पन्नाधाय के नाम पर इस सभा कक्ष का नाम रखा गया है. इसके साथ ही मुख्यालय में नई इंदिरा रसोई का भी मंगलवार को लोकार्पण किया गया. ऐसे में अब निगम आने वाले व्यक्तियों को महज 8 रुपए में भोजन उपलब्ध होगा.