जयपुर. राजस्थान में संगठित माफिया और गैंगस्टर पर लगाम कसने के लिए गठित की गई एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स अब फुल एक्शन में है. टास्क फोर्स ने गुरुवार को पहली कार्रवाई करते हुए 50 हजार रुपए के इनामी बदमाश दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार किया है. दिग्विजय कोटा का हिस्ट्रीशीटर है और पांच साल से फरार चल रहा था. हिस्ट्रीशीटर बिट्टू को जयपुर के करधनी थाना इलाके के नांगल जैसा बोहरा से गिरफ्तार किया है.
एडीजी (क्राइम) और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के प्रमुख दिनेश एम एन ने बताया कि गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू बेगूं (चित्तौड़गढ़) में साल 2009 में हुए दोहरे हत्याकांड में पांच साल से फरार चल रहा था. उन्होंने बताया कि हिस्ट्रीशीटर दिग्विजय पर उदयपुर रेंज आईजी ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. बदमाश बिट्टू के जयपुर में होने की सूचना मिलने पर गुरुवार को करधनी थाना इलाके के नांगल जैसा बोहरा में टीम ने दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया. आरोपी दिग्विजय को कोटा में कोर्ट में पेश कर कोटा एजीटीएफ टीम को सौंपा गया है.
हरकतों से तंग आकर बीवी-बच्चों से छोड़ा साथ: दिनेश एम एन ने बताया कि गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू के खिलाफ पहले ही 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि दिग्विजय की अपराधिक प्रवृत्ति के कारण पत्नी और बच्चों ने साथ छोड़ दिया और अलग रह रहे थे.
2009 में दोहरे हत्याकांड के बाद फरार था: दरअसल, गैंगस्टर शिवराज सिंह का भाई बृजराज सिंह गैंगस्टर लाला बैरागी की हत्या का मुख्य गवाह था. उसकी भानूप्रताप और उसके साथियों ने हत्या की थी. भानूप्रताप गैंग बृजराज सिंह की हत्या की फिराक में थी. बेगूं में 13 मई 2009 को बृजराज सिंह व उसके साथी जितेंद्र पर अंधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया. चित्तौड़गढ़ कोर्ट ने इस मामले में एक महिला सहित पांच को आखिरी सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई. इस मामले में दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू फरार हो गया था.