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Jaipur News : ज्योति नगर थाने के एसआई, एएसआई और हेड कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज - राजीनामा करने का दबाव

राजधानी जयपुर के ज्योतिनगर थाने के तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ इसी थाने में मामला दर्ज हुआ है. एक वकील द्वारा कोर्ट में परिवाद पेश कर तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है.

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ज्योति नगर थाना
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Published : May 7, 2023, 3:12 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के ज्योतिनगर थाने के तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक अधिवक्ता ने एससी-एसटी एक्ट सहित आईपीसी की अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया है. अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में पेश इस्तगासे के आधार पर कोर्ट के आदेश पर अब शनिवार को यह मामला दर्ज हुआ है. इसमें वकील ने तीन पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने, बिना वजह लॉकअप में बंद करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप लगाए हैं.

कोर्ट में पेश परिवाद में लालकोठी निवासी अधिवक्ता रामप्रकाश मीणा ने बताया कि 21 मई 2022 को सुबह पुलिस की एक गाड़ी के चालक ने नशे में वाहन चलाते हुए उसके घर के बाहर खड़ी दो गाड़ियों को टक्कर मार दी. इस हादसे में घर के बाहर खड़ी उनकी मां बाल-बाल बची थी. इस घटना की जानकारी देने पर थाने से पीसीआर आई और पुलिसकर्मी मौका मुआयना कर चले गए. इस घटना को लेकर जब वह मामला दर्ज करवाने थाने गया तो बिना वजह उसे थाने में बिठाए रखा और राजीनामा करने का दबाव डाला गया.

पढ़ें : अलवर में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष, कई लोग घायल

जब उन्होंने राजीनामा करने से इनकार कर दिया तो बड़ी मुश्किल से मामला दर्ज किया गया. वकील रामप्रकाश का आरोप है कि इसके बाद रात को वाहन चालक सोनू और 5-6 अन्य लोग घर पर आए और उनके व परिजनों के साथ मारपीट की. इसके बाद उन्हें गाड़ी में बिठाकर थाने ले गए. रास्ते में मोबाइल छीनकर घटना के दौरान बनाए गए वीडियो और फोटो डिलीट कर दिए. उन्होंने उनके और परिजनों के साथ हुई मारपीट की घटना का मामला दर्ज करवाना चाहा तो मामला दर्ज करने से भी इनकार कर दिया गया.

इस दौरान एसआई मुकेश, एएसआई करण सिंह और हेड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह ने लॉकअप में बंद करने की धमकी दी. जब परिवादी मामला दर्ज करवाने की बात पर अड़ा रहा तो उसे बिना मेडिकल मुआयना करवाए ही लॉकअप में बंद कर दिया गया, फिर शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. इस पूरे मामले को लेकर परिवादी ने पुलिस उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इस पर परिवादी ने कोर्ट में इस्तगासा पेश किया. कोर्ट के आदेश पर अब थाने में मामला दर्ज किया गया है.

एसीपी कर रहे हैं मामले की जांच : ज्योति नगर थाना प्रभारी अनिल मूंड ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर एससी-एसटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच एसीपी राजेंद्र रावत कर रहे हैं.

जयपुर. राजधानी जयपुर के ज्योतिनगर थाने के तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक अधिवक्ता ने एससी-एसटी एक्ट सहित आईपीसी की अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया है. अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में पेश इस्तगासे के आधार पर कोर्ट के आदेश पर अब शनिवार को यह मामला दर्ज हुआ है. इसमें वकील ने तीन पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने, बिना वजह लॉकअप में बंद करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप लगाए हैं.

कोर्ट में पेश परिवाद में लालकोठी निवासी अधिवक्ता रामप्रकाश मीणा ने बताया कि 21 मई 2022 को सुबह पुलिस की एक गाड़ी के चालक ने नशे में वाहन चलाते हुए उसके घर के बाहर खड़ी दो गाड़ियों को टक्कर मार दी. इस हादसे में घर के बाहर खड़ी उनकी मां बाल-बाल बची थी. इस घटना की जानकारी देने पर थाने से पीसीआर आई और पुलिसकर्मी मौका मुआयना कर चले गए. इस घटना को लेकर जब वह मामला दर्ज करवाने थाने गया तो बिना वजह उसे थाने में बिठाए रखा और राजीनामा करने का दबाव डाला गया.

पढ़ें : अलवर में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष, कई लोग घायल

जब उन्होंने राजीनामा करने से इनकार कर दिया तो बड़ी मुश्किल से मामला दर्ज किया गया. वकील रामप्रकाश का आरोप है कि इसके बाद रात को वाहन चालक सोनू और 5-6 अन्य लोग घर पर आए और उनके व परिजनों के साथ मारपीट की. इसके बाद उन्हें गाड़ी में बिठाकर थाने ले गए. रास्ते में मोबाइल छीनकर घटना के दौरान बनाए गए वीडियो और फोटो डिलीट कर दिए. उन्होंने उनके और परिजनों के साथ हुई मारपीट की घटना का मामला दर्ज करवाना चाहा तो मामला दर्ज करने से भी इनकार कर दिया गया.

इस दौरान एसआई मुकेश, एएसआई करण सिंह और हेड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह ने लॉकअप में बंद करने की धमकी दी. जब परिवादी मामला दर्ज करवाने की बात पर अड़ा रहा तो उसे बिना मेडिकल मुआयना करवाए ही लॉकअप में बंद कर दिया गया, फिर शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. इस पूरे मामले को लेकर परिवादी ने पुलिस उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इस पर परिवादी ने कोर्ट में इस्तगासा पेश किया. कोर्ट के आदेश पर अब थाने में मामला दर्ज किया गया है.

एसीपी कर रहे हैं मामले की जांच : ज्योति नगर थाना प्रभारी अनिल मूंड ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर एससी-एसटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच एसीपी राजेंद्र रावत कर रहे हैं.

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