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कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं रामपाल जाट, राहुल से मुलाकात के बाद दिया ये बड़ा बयान

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Published : Jan 10, 2023, 5:06 PM IST

Updated : Jan 10, 2023, 5:31 PM IST

बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बाद किसान नेता रामपाल जाट अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. रामपाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मंगलवार को जयपुर में (Rampal Jat Meet Rahul Gandhi) बड़ा बयान दिया है.

Rampal Jat Meet Rahul Gandhi
Rampal Jat Meet Rahul Gandhi
क्या कहा रामपाल जाट ने...

जयपुर. किसान नेता रामपाल जाट भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सोमवार को शामिल हुए थे और राहुल गांधी को किसानों की समस्याओं और उनकी मांगों पर विस्तार से चर्चा की थी. जाट की इस मुलाकात के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वो कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. ईटीवी भरता ने जब उनसे कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जो पार्टी खेत को पानी और फसल का दाम देगी वो उसके साथ हैं, फिर कांग्रेस ही क्यों न हो.

बीजेपी और 'आप' में रह चुके हैं जाट : किसान नेता रामपाल जाट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से हैं और प्रचारक भी रहे हैं. बीजेपी में किसान मोर्चे की कृषि मूल्य नीति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. लेकिन किसानों की मांगों को लेकर अपनी ही पार्टी की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दो-दो हाथ कर बैठे. बात बिगड़ी तो उन्होंने पार्टी से अलग होकर पार्टी के खिलाफ किसानों के मुद्दे को लेकर आंदोलन किया. बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर टोंक से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.

पढ़ें : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पर किसान महापंचायत का आरोप, ERCP पर शेखावत की मंशा पर सवाल

किसान नेता जाट का कहना है कि किसानों से जुड़ी समस्याओं को हल करने पर (Rampal Jat on Rahul Gandhi) कांग्रेस सहमत हुई तो वे कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. रामपाल जाट ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए कहा कि ईआरसीपी योजना जैसी अन्य योजना बनाकर प्रदेश के किसानों के खेत तक पानी पहुंचे और किसानों की फसल का समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देकर फसल का दाम निर्धारित किया जाए. यह प्रमुख मांग उनकी राजनीतिक पार्टियों से रही है.

Rampal Jat Meet Rahul Gandhi
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ रामपाल जाट

अगर कांग्रेस उनकी इन मांगों को पूरा करती है तो वह आने वाले चुनाव में कांग्रेस के साथ जाने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. रामपाल जाट ने कहा कि राहुल गांधी से उन्होंने किसानों से संबंधित सभी मांगों को रखा है. हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र, शाहाबाद एवं अंबाला मार्ग पर यात्रा के दौरान राहुल गांधी से किसानों की ऋण मुक्ति के लिए 'खेत को पानी, फसल के दाम' के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने पर चर्चा हुई. उन्होंने सकारात्मक रुख दिखाया है.

ये हुई राहुल गांधी से बात : रामपाल जाट ने कहा कि कृषि संबंधी कानून बनाने की अधिकारिता भारतीय संविधान में राज्यों को सौंपी हुई है. चर्चा अनुसार राज्यों की ओर से भी इस प्रकार के कानून बनाए जा सकते हैं. कृषि सुधारों के अंतर्गत भारत सरकार की ओर से प्रारूपित आदर्श कृषि उपज और पशुपालन (सुविधा एवं संवर्धन) अधिनियम-2017 के आधार पर कृषि उपजों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाए जा सकते हैं. इस दिशा में किसी राज्य में 40% से अधिक उत्पाद विशेष के लिए परीक्षण के तौर पर कानून बनाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में जौ 65%, मूंग 48%, सरसों 49% एवं बाजरा 45% उत्पादित उपजों के लिए राजस्थान कृषि उपज अधिनियम-1961 एवं नियम -1963 में संशोधन कर घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना सम्भव है. दो विधानसभाओं या राज्यसभा की ओर संकल्प पारित होने पर संसद की ओर से भी जनहित के लिए ऐसे कानून बनाए जा सकतें हैं. जाट ने कहा कि खेत को पानी की दिशा में सिंचाई योजनाओं के लिए बजट में अपेक्षित राशि का आवंटन कर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जैसी योजनाओं को मूर्तरूप देने पर भी चर्चा हुई .

क्या कहा रामपाल जाट ने...

जयपुर. किसान नेता रामपाल जाट भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सोमवार को शामिल हुए थे और राहुल गांधी को किसानों की समस्याओं और उनकी मांगों पर विस्तार से चर्चा की थी. जाट की इस मुलाकात के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वो कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. ईटीवी भरता ने जब उनसे कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जो पार्टी खेत को पानी और फसल का दाम देगी वो उसके साथ हैं, फिर कांग्रेस ही क्यों न हो.

बीजेपी और 'आप' में रह चुके हैं जाट : किसान नेता रामपाल जाट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से हैं और प्रचारक भी रहे हैं. बीजेपी में किसान मोर्चे की कृषि मूल्य नीति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. लेकिन किसानों की मांगों को लेकर अपनी ही पार्टी की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दो-दो हाथ कर बैठे. बात बिगड़ी तो उन्होंने पार्टी से अलग होकर पार्टी के खिलाफ किसानों के मुद्दे को लेकर आंदोलन किया. बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर टोंक से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.

पढ़ें : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पर किसान महापंचायत का आरोप, ERCP पर शेखावत की मंशा पर सवाल

किसान नेता जाट का कहना है कि किसानों से जुड़ी समस्याओं को हल करने पर (Rampal Jat on Rahul Gandhi) कांग्रेस सहमत हुई तो वे कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. रामपाल जाट ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए कहा कि ईआरसीपी योजना जैसी अन्य योजना बनाकर प्रदेश के किसानों के खेत तक पानी पहुंचे और किसानों की फसल का समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देकर फसल का दाम निर्धारित किया जाए. यह प्रमुख मांग उनकी राजनीतिक पार्टियों से रही है.

Rampal Jat Meet Rahul Gandhi
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ रामपाल जाट

अगर कांग्रेस उनकी इन मांगों को पूरा करती है तो वह आने वाले चुनाव में कांग्रेस के साथ जाने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. रामपाल जाट ने कहा कि राहुल गांधी से उन्होंने किसानों से संबंधित सभी मांगों को रखा है. हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र, शाहाबाद एवं अंबाला मार्ग पर यात्रा के दौरान राहुल गांधी से किसानों की ऋण मुक्ति के लिए 'खेत को पानी, फसल के दाम' के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने पर चर्चा हुई. उन्होंने सकारात्मक रुख दिखाया है.

ये हुई राहुल गांधी से बात : रामपाल जाट ने कहा कि कृषि संबंधी कानून बनाने की अधिकारिता भारतीय संविधान में राज्यों को सौंपी हुई है. चर्चा अनुसार राज्यों की ओर से भी इस प्रकार के कानून बनाए जा सकते हैं. कृषि सुधारों के अंतर्गत भारत सरकार की ओर से प्रारूपित आदर्श कृषि उपज और पशुपालन (सुविधा एवं संवर्धन) अधिनियम-2017 के आधार पर कृषि उपजों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाए जा सकते हैं. इस दिशा में किसी राज्य में 40% से अधिक उत्पाद विशेष के लिए परीक्षण के तौर पर कानून बनाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में जौ 65%, मूंग 48%, सरसों 49% एवं बाजरा 45% उत्पादित उपजों के लिए राजस्थान कृषि उपज अधिनियम-1961 एवं नियम -1963 में संशोधन कर घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना सम्भव है. दो विधानसभाओं या राज्यसभा की ओर संकल्प पारित होने पर संसद की ओर से भी जनहित के लिए ऐसे कानून बनाए जा सकतें हैं. जाट ने कहा कि खेत को पानी की दिशा में सिंचाई योजनाओं के लिए बजट में अपेक्षित राशि का आवंटन कर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जैसी योजनाओं को मूर्तरूप देने पर भी चर्चा हुई .

Last Updated : Jan 10, 2023, 5:31 PM IST
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