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कोर्ट ने कहा, खुद का स्टेट्स मेंटेन रखने के लिए कर रहे हैं आईफोन का उपयोग तो पत्नी को भी दें भरण पोषण - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

पारिवारिक न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने भरण पोषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पति को हर महीने 22500 रुपए पत्नी को देने के निर्देश दिए हैं.

Family Court Order 4 Mahanagar,  ordered the husband to give maintenance
पारिवारिक न्यायालय.
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Published : Aug 19, 2023, 8:27 PM IST

जयपुर. पारिवारिक न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने दिल्ली में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर पति को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी पत्नी को भरण-पोषण के तौर पर हर महीने 22 हजार 500 रुपए की राशि 22 सितंबर 2021 से दें. कोर्ट ने कहा कि जब पति खुद का स्टेटस मेंटेन रखने के लिए लोन लेकर आईफोन का उपयोग कर रहा है तो उसे पत्नी को भी अंतरिम भरण पोषण की राशि देनी चाहिए. अदालत ने यह आदेश पत्नी के भरण-पोषण प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि प्रार्थिया पत्नी को भरण-पोषण राशि देने से बचने के लिए ही पति ने 15 लाख रुपए का लोन व आईफोन लोन पर लिया है, लेकिन इसके लिए उसने अपने बैंक खातों का कोई विवरण पेश नहीं किया है. ऐसे में अप्रार्थी पति का अपनी आय कम दिखाने के लिए ही लोन लेना बताया जाना प्रतीत होता है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि 5 फरवरी 2020 को जयपुर निवासी प्रार्थिया की शादी अप्रार्थी के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही पति ने दहेज की मांग की और उसे प्रताड़ित किया.

पढ़ेंः Court on Alimony: अपील के दौरान बदली हुई परिस्थितियों के आधार पर दिया जा सकता है कि आदेश

जिस पर मई 2021 से प्रार्थिया अपने पति से अलग रहने लगी. उसने सितंबर 2021 में कोर्ट में पति से अंतरिम भरण-पोषण भत्ता दिलवाने का प्रार्थना पत्र दायर किया. सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने पति की मासिक आय 89 हजार रुपए मानी गई. वहीं पति ने कहा कि वह देश की राजधानी दिल्ली में रहता है, जो अत्यधिक महंगा शहर है. उसके पास पत्नी के भरण-पोषण के लिए रुपए नहीं हैं, लेकिन जब कोर्ट ने उससे महंगा आईफोन उपयोग करने की बात कही तो उसने कहा कि यह तो स्टेटस मेंटेन करने के लिए रखना पड़ता है. जिस पर कोर्ट ने पति को अपनी पत्नी को भी अंतरिम भरण-पोषण राशि हर महीने देने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर. पारिवारिक न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने दिल्ली में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर पति को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी पत्नी को भरण-पोषण के तौर पर हर महीने 22 हजार 500 रुपए की राशि 22 सितंबर 2021 से दें. कोर्ट ने कहा कि जब पति खुद का स्टेटस मेंटेन रखने के लिए लोन लेकर आईफोन का उपयोग कर रहा है तो उसे पत्नी को भी अंतरिम भरण पोषण की राशि देनी चाहिए. अदालत ने यह आदेश पत्नी के भरण-पोषण प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि प्रार्थिया पत्नी को भरण-पोषण राशि देने से बचने के लिए ही पति ने 15 लाख रुपए का लोन व आईफोन लोन पर लिया है, लेकिन इसके लिए उसने अपने बैंक खातों का कोई विवरण पेश नहीं किया है. ऐसे में अप्रार्थी पति का अपनी आय कम दिखाने के लिए ही लोन लेना बताया जाना प्रतीत होता है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि 5 फरवरी 2020 को जयपुर निवासी प्रार्थिया की शादी अप्रार्थी के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही पति ने दहेज की मांग की और उसे प्रताड़ित किया.

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जिस पर मई 2021 से प्रार्थिया अपने पति से अलग रहने लगी. उसने सितंबर 2021 में कोर्ट में पति से अंतरिम भरण-पोषण भत्ता दिलवाने का प्रार्थना पत्र दायर किया. सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने पति की मासिक आय 89 हजार रुपए मानी गई. वहीं पति ने कहा कि वह देश की राजधानी दिल्ली में रहता है, जो अत्यधिक महंगा शहर है. उसके पास पत्नी के भरण-पोषण के लिए रुपए नहीं हैं, लेकिन जब कोर्ट ने उससे महंगा आईफोन उपयोग करने की बात कही तो उसने कहा कि यह तो स्टेटस मेंटेन करने के लिए रखना पड़ता है. जिस पर कोर्ट ने पति को अपनी पत्नी को भी अंतरिम भरण-पोषण राशि हर महीने देने के निर्देश दिए हैं.

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