ETV Bharat / state

वर्गवार आरक्षण के विरोध में भूतपूर्व सैनिकों ने भरी हुंकार, सरकार को दी बड़े आंदोलन की चेतावनी - आरएएस और फर्स्ट ग्रेड में पद हुए शून्य

राजस्थान सरकार की विभिन्न भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को दिए जा रहे आरक्षण को जातिगत आधार पर बांटने के बजाए एक समान मेरिट बनाने सहित सात मांगों को लेकर भूतपूर्व सैनिकों ने शहीद स्मारक पर सभा की. मांगें पूरी नहीं होने पर पूर्व सैनिकों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है.

Warn Gehlot Government
वर्गवार आरक्षण के विरोध में भूतपूर्व सैनिकों ने भरी हुंकार
author img

By

Published : Jun 15, 2023, 9:30 PM IST

Updated : Jun 16, 2023, 11:53 AM IST

जयपुर. राजस्थान के कई इलाकों से भूतपूर्व सैनिक गुरुवार को राजधानी जयपुर पहुंचे और शहीद स्मारक पर धरना देकर सभा की. ये सभी भूतपूर्व सैनिक राज्य सरकार की विभिन्न भर्तियों में पूर्व सैनिकों को वर्गवार आरक्षण की व्यवस्था का विरोध जताने के लिए यहां इकट्ठा हुए और सरकार से मांग रखी कि भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण जातिगत या वर्गवार नहीं बांटकर एक समान मेरिट बनाई जाए. भूतपूर्व सैनिक संघर्ष समिति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया.

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कमांडों हिम्मत सिंह ने ज्ञापन दिया. उसमें लिखा है कि राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के तहत राज्य के अधीन विभिन्न सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है. लेकिन 7 दिसंबर 2022 को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग की अधिसूचना में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण अब वर्गवार कर दिया गया है, जो भूतपूर्व सैनिकों के हितों के खिलाफ है. यह नई व्यवस्था राज्य सरकार के राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के भी विरुद्ध है.

पढ़ें : राजस्थान कांग्रेस आरक्षण पर मास्टर स्ट्रोक लगाने का कर रही विचार, दिनभर चला बैठकों का दौर

आरएएस और फर्स्ट ग्रेड में पद हुए शून्य : भूतपूर्व सैनिक सत्येंद्र मांजू का कहना है कि सैनिकों के पुनर्वास के लिए भूतपूर्व सैनिकों को राज्य सरकार की विभिन्न सेवाओं में 12.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था. लेकिन पिछले साल सरकार ने नया प्रावधान कर इस आरक्षण को जातिगत या वर्गवार बांट दिया है. जबकि यह आरक्षण वर्गवार नहीं होकर एक समान मेरिट बननी चाहिए. नई व्यवस्था के कारण आरएएस, शिक्षक ग्रेड-1 और ईओ जैसी भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों के पद शून्य हो गए हैं. जबकि अन्य भर्तियों में भी भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों की संख्या काफी कम हो गई है. इससे भूतपूर्व सैनिकों को नुकसान हो रहा है.

वनरक्षक भर्ती में शारीरिक दक्षता में मिले छूट : इसके साथ ही हिम्मत सिंह ने अपने ज्ञापन में कहा कि भूतपूर्व सैनिकों ने वनरक्षक भर्ती में शारीरिक दक्षता में रियायत देने, यूईआई की डिग्री को बीएसटीसी के समान मान्यता देने और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने, न्यूनतम अंकों की बाध्यता समाप्त करने, सरकारी नौकरियों में सैनिकों को सभी वर्गों की तरह आरक्षण में दोहरा लाभ देने और सैन्य सेवा के आधार पर बोनस अंक देने की भी मांग की है.

march with tricolor
2100 फीट के तिरंगे के साथ निकाला पैदल मार्च

2100 फीट के तिरंगे के साथ निकाला पैदल मार्च : शहीद स्मारक पर सभा और धरने के बाद भूतपूर्व सैनिकों ने शाम को राजधानी की सड़कों पर 2100 फीट के तिरंगे के साथ पैदल मार्च निकाला. शहीद स्मारक से रवाना होकर भूतपूर्व सैनिकों का पैदल मारचगवर्नमेन्ट हॉस्टल, चौमूं हाउस सर्किल, भाजपा कार्यालय के सामने से होते हुए राजमहल होटल चौराहा से सिविल फाटक पहुंचे और वहां से वापस इसी रास्ते से शहीद स्मारक पहुंचे. इससे पहले शहीद स्मारक पर गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई.

जयपुर. राजस्थान के कई इलाकों से भूतपूर्व सैनिक गुरुवार को राजधानी जयपुर पहुंचे और शहीद स्मारक पर धरना देकर सभा की. ये सभी भूतपूर्व सैनिक राज्य सरकार की विभिन्न भर्तियों में पूर्व सैनिकों को वर्गवार आरक्षण की व्यवस्था का विरोध जताने के लिए यहां इकट्ठा हुए और सरकार से मांग रखी कि भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण जातिगत या वर्गवार नहीं बांटकर एक समान मेरिट बनाई जाए. भूतपूर्व सैनिक संघर्ष समिति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया.

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कमांडों हिम्मत सिंह ने ज्ञापन दिया. उसमें लिखा है कि राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के तहत राज्य के अधीन विभिन्न सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है. लेकिन 7 दिसंबर 2022 को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग की अधिसूचना में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण अब वर्गवार कर दिया गया है, जो भूतपूर्व सैनिकों के हितों के खिलाफ है. यह नई व्यवस्था राज्य सरकार के राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के भी विरुद्ध है.

पढ़ें : राजस्थान कांग्रेस आरक्षण पर मास्टर स्ट्रोक लगाने का कर रही विचार, दिनभर चला बैठकों का दौर

आरएएस और फर्स्ट ग्रेड में पद हुए शून्य : भूतपूर्व सैनिक सत्येंद्र मांजू का कहना है कि सैनिकों के पुनर्वास के लिए भूतपूर्व सैनिकों को राज्य सरकार की विभिन्न सेवाओं में 12.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था. लेकिन पिछले साल सरकार ने नया प्रावधान कर इस आरक्षण को जातिगत या वर्गवार बांट दिया है. जबकि यह आरक्षण वर्गवार नहीं होकर एक समान मेरिट बननी चाहिए. नई व्यवस्था के कारण आरएएस, शिक्षक ग्रेड-1 और ईओ जैसी भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों के पद शून्य हो गए हैं. जबकि अन्य भर्तियों में भी भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों की संख्या काफी कम हो गई है. इससे भूतपूर्व सैनिकों को नुकसान हो रहा है.

वनरक्षक भर्ती में शारीरिक दक्षता में मिले छूट : इसके साथ ही हिम्मत सिंह ने अपने ज्ञापन में कहा कि भूतपूर्व सैनिकों ने वनरक्षक भर्ती में शारीरिक दक्षता में रियायत देने, यूईआई की डिग्री को बीएसटीसी के समान मान्यता देने और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने, न्यूनतम अंकों की बाध्यता समाप्त करने, सरकारी नौकरियों में सैनिकों को सभी वर्गों की तरह आरक्षण में दोहरा लाभ देने और सैन्य सेवा के आधार पर बोनस अंक देने की भी मांग की है.

march with tricolor
2100 फीट के तिरंगे के साथ निकाला पैदल मार्च

2100 फीट के तिरंगे के साथ निकाला पैदल मार्च : शहीद स्मारक पर सभा और धरने के बाद भूतपूर्व सैनिकों ने शाम को राजधानी की सड़कों पर 2100 फीट के तिरंगे के साथ पैदल मार्च निकाला. शहीद स्मारक से रवाना होकर भूतपूर्व सैनिकों का पैदल मारचगवर्नमेन्ट हॉस्टल, चौमूं हाउस सर्किल, भाजपा कार्यालय के सामने से होते हुए राजमहल होटल चौराहा से सिविल फाटक पहुंचे और वहां से वापस इसी रास्ते से शहीद स्मारक पहुंचे. इससे पहले शहीद स्मारक पर गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई.

Last Updated : Jun 16, 2023, 11:53 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.