जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार अपना जन्मदिन 8 मार्च के बजाय 4 मार्च को मनाएंगी. इस दिन वह सालासर बालाजी धाम से सियासी हुंकार भरेंगी. राज्य के सियासी हलकों में ये चर्चा है कि वसुंधरा राजे अपने धुर विरोधियों के गढ़ में पार्टी आलाकमान को अपनी राजनीतिक ताकत दिखाएंगी. दरअसल, माना जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर राजे के कई धुर विरोधी हैं. जिनमें से उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को वसुंधरा राजे का राजनीतिक विरोधी माना जाता है. चूरू जहां उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की कर्मभूमि है, तो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की जन्मभूमि है.
8 मार्च नहीं, 4 मार्च मनाएंगी जन्मदिन : वसुंधरा राजे का जन्मदिन 8 मार्च को होता है, लेकिन इस बार 8 मार्च को होली होने के वजह से उनके जन्मदिन के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. वसुंधरा राजे चूरू जिले के सालासर धाम पूजा अर्चना कर अपना जन्मदिन मनाएंगी. साथ ही एक जनसभा को संबोधित करेंगी. प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. बीजेपी ने इस बार सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है. ऐसे में माना जा रहा है कि राजे अपने जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन कर केंद्रीय नेतृत्व को दिखाने की कोशिश करेंगी कि, उन्हें नजरअंदाज करके सत्ता हासिल करना संभव नहीं है.
सालासर धाम के सियासी मायने : वरिष्ठ पत्रकार श्याम सुंदर शर्मा बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने अधिकांश जन्मदिन आदिवासी अंचल के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर और बेणेश्वर धाम में मनाती आई हैं. लेकिन इस बार वसुंधरा राजे ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए चूरू जिले के सालासर धाम को चुना है. इसके पीछे के सियासी मायने निकाले जा रहे है. उन्होंने कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष चूरू विधानसभा सीट से लगातार विधायक रहे हैं, तो सतीश पूनिया चूरू के राजगढ़ से आते हैं. दोनों ही नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विरोधी माना जाता है. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चूरू जिले के सालासर धाम में जन्मदिन के बहाने अपने विरोधियों के गढ़ में अपनी ताकत दिखाएंगी, ताकि इसका एक सियासी संदेश भी दिया जा सके.
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पूनिया-राजे की बढ़ती दूरियां : श्याम सुंदर शर्मा बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मौजूदा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच में दूरियां लगातार बढ़ी हैं. पूनिया अध्यक्ष बनने के बाद भी प्रदेश बीजेपी को एकजुट नहीं कर पाए. पूनिया ने समर्थकों के जरिए अपने आप को सीएम चेहरा दिखाने की कोशिश की, जिसकी वजह से गुटबाजी लगातार बढ़ती गई. यही वजह रही कि पार्टी के अधिकांश कार्यक्रमों में वसुंधरा राजे गैरहाजिर ही रही.
डेढ़ लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना : वसुंधरा राजे के जन्मदिन के बहाने सालासर धाम पर डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए वसुंधरा राजे के समर्थक जनसंपर्क अभियान में भी जुट गए हैं. प्रताप सिंह सिंघवी, पहलाद गुंजल, अशोक प्रणामी समेत कई पूर्व और मौजूदा विधायक (जो वसुंधरा राजे के खेमे के हैं) इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं. माना जा रहा है कि राजे की सभा मे न केवल शेखावाटी के बल्कि प्रदेश भर से लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है.