जयपुर. राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे सियासत की तपीश भी बढ़ती जा रही है. इस चुनाव को लेकर जमीनी रणनीति बनाने में जुटी भाजपा के भीतर इस बात पर चर्चा तेज है कि आखिर चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा. कभी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आलाकमान की ओर से फ्रीहैंड देने की चर्चा होती है तो कभी उनका दखल सीमित होने की बात सामने आती है. इन चर्चाओं के बीच ईटीवी भारत ने सीधे तौर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से खास बातचीत के जरिए यह जानने की कोशिश की है कि भाजपा किसके चेहरे पर चुनाव मैदान में उतरने जा रही है.
बातचीत के दौरान सीपी जोशी ने साफ कहा कि प्रदेश का कोई भी नेता चुनावी चेहरा नहीं होगा. बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड ने तय कर दिया है कि इस बार विधानसभा चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा. इसके बाद किसी को कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए. कार्यकारिणी को लेकर सीपी जोशी ने कहा कि मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने को लेकर चल रहे कार्यक्रमों के बाद नई और ऊर्जावान टीम देखने को मिलेगी.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष से सवाल-जवाब
सवाल : बीजेपी सत्ता वापसी की तैयारी में है, लेकिन कांग्रेस कह रही कि जनकल्याणकारी योजनाएं और महंगाई राहत कैंप के जरिए सत्ता वापसी होगी ? कहा जा रहा है कि बीजेपी की सरकार बनी तो योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा.
जवाब : मैं कांग्रेस सरकार के मुखिया से पूछना चाहूंगा कि आपकी सरकार आने के साथ ही भामाशाह योजना जो जन कल्याणकारी योजना थी, उसको बंद किसने किया ? बीजेपी के शासन में 10 हजार तक का बिजली बिल माफ हुआ करता था, उसको आपने सरकार में आने के साथ ही बंद किया. बीजेपी सरकार में 50,000 का कर्जा माफ हुआ, आपने कितना कर्ज माफ किया ? आपने तो चुनाव में आने से पहले घोषणा की थी कि संपूर्ण कर्ज माफ होगा. आज कई किसानों ने आत्महत्या कर ली, हजारों किसानों की जमीन कुर्क होने वाली है. बीजेपी की सरकार में स्टेट टोल फ्री थे, लेकिन आपने आते ही उन पर शुल्क लगाना शुरू कर दिया. अब जनता सब समझ रही है, इसलिए न इनके राहत कैंप से कोई असर होने वाला है और न ही इनकी मार्केटिंग कंपनी के जरिए हो रहे प्रचार प्रसार से उन्हें कोई लाभ मिलने वाला है.
सवाल : अध्यक्ष का पद संभाले 2 महीने से ऊपर का वक्त हो गया, मौजूदा वक्त में पार्टी को आप कहां पाते हैं, चुनाव को लेकर बीजेपी किस स्थिति में है?
जवाब : लोगों के मन में टीस है कि साढ़े 4 वर्ष पहले झूठ की बुनियाद पर बनी सरकार को समर्थन दिया, लोग बहकावे में आ गए और एक सरकार बनी मात्र डेढ़ लाख वोटों के अंतर से. इस सरकार ने क्या किया पूरे साढ़े चार साल, सिर्फ कुर्सी बचाने का काम चला. प्रदेश में कोई काम नहीं हुआ. आम जनता ने जिस विश्वास के साथ अपना समर्थन दिया था, उस पर यह सरकार खरी नहीं उतर पाई. युवा रोजगार को लेकर परेशान हैं, पेपर लीक ने युवाओं के सपनों को तोड़ा है. महिलाएं आज असुरक्षित महसूस कर रही हैं. किसान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. प्रदेश अपनी पुरानी गलती पर पछता रही है और अब इंतज़ार कर रहा है कांग्रेस को सबक सीखाने के लिए. बीजेपी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है, इस बार जनता का भरपूर समर्थन पार्टी को मिलेगा.
सवाल : कुर्सी को लेकर बीजेपी सवाल उठाती रही , लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि कुर्सी का झगड़ा तो बीजेपी में ज्यादा है.
जवाब : कांग्रेस कितने भी सवाल उठाए, लेकिन बीजेपी में कोई झगड़ा नहीं है. भारतीय जनता पार्टी एक मुखी होकर काम करती है. संसदीय बोर्ड निर्णय करता है, उसकी पालना सब करते हैं. बीजेपी में सब एक परिवार के रूप में काम करते हैं, किसी में कोई मतभेद नहीं है. आज हमें खुशी है कि देश में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है. यहां विचारों के लिए लड़ते हैं, व्यक्ति के लिए नहीं. बीजेपी में पहली प्राथमिकता देश है, नेशन से बड़ा कुछ नहीं है, लेकिन कांग्रेस में कोई आगे बढ़ता है तो उसको नाकारा निकम्मा कहा जाता है , उसे गद्दार बताया जाता है. अपनी ही पार्टी के नेताओं के लिए इस तरह से शब्द बोले जाते हैं, यह संस्कार भारतीय जनता पार्टी में नहीं है.
सवाल : कांग्रेस की सरकार के संकट के समय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने समर्थन किया, यह बात खुले रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रहे हैं ?
जवाब : मुझे लगता है कि कहीं न कहीं विषय को भटकाने के लिए इस तरह के बयान दिए गए हैं. उनको अपने साढ़े 4 साल का लेखा-जोखा जनता के बीच में रखना चाहिए. केंद्र की योजनाओं के अलावा आपने क्या दिया? राजस्थान की जनता इसका जवाब जानना चाहती है. जिन भी योजनाओं की बात कांग्रेस सरकार कर रही है उन सभी योजनाओं में केंद्र सरकार का अनुदान जुड़ा हुआ है, इसलिए लोगों को गुमराह करना बंद करें. इस तरह से झूठे बयान देकर मुद्दों से भटकाने की कोशिश हो रही है.
सवाल : बीजेपी में इस बार विधानसभा चुनाव में चेहरे को लेकर लगातार सवाल उठ रहा है कि आखिर किसके चेहरे पर चुनाव होगा. चेहरा नहीं होने से नेता और कार्यकर्ता में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
जवाब : बहुत पहले ही बीजेपी के पार्लियामेंट्री बोर्ड ने तय कर दिया है कि इस बार जहां भी विधानसभा चुनाव होंगे, वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव होंगे. किसी भी राज्य में चुनाव का कोई चेहरा नहीं होगा. इसके बाद इस पर कुछ बोलने के लिए बचा नहीं है, सवाल के कोई मायने नहीं हैं. कौन चेहरा होगा इसका निर्णय हो चुका है और नरेंद्र मोदी ही चेहरा होंगे. पीएम मोदी से बड़ा कोई दूसरा चेहरा नहीं है. आज देश ही नहीं बल्कि विश्व में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम की तारीफ हो रही है. जनता ने उन्हें स्वीकार किया है, इसमें कोई संकोच नहीं होना चाहिए.
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सवाल : इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा ? पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार का मुद्दा अजमेर सभा में उठाया. क्या इस बार बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्राथमिकता पर रखेगी ?
जवाब : इस सरकार में कई ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर बीजेपी जनता के बीच में जाएगी. भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है. आजादी के बाद अगर सबसे ज्यादा भ्रष्ट सरकार अगर कोई बनी है तो राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार बनी है, जिसने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. सचिवालय से कुछ कदम दूरी पर योजना भवन में जहां पर प्रदेश की विकास की योजना बनानी चाहिए, वहां पर भ्रष्टाचार का इतिहास लिखा गया. यह पहला उदाहरण होगा जब किसी सरकारी भवन में करोड़ों रुपए और सोने की बिस्किट मिले हों. कौन लेकर आया? किसके लिए पैसे आए थे ? यह सवाल बने हुए हैं. इस विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है, सीएम गहलोत को तो इस मामले में तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए. जोशी ने कहा कि हर योजना में भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघी गई हैं, चाहे वह जल जीवन मिशन हो, पीएचडी विभाग की हो, परिवहन विभाग या खाद्य विभाग, चौतरफा भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है. गांव से लेकर ढाणी तक सभी जगह बिना पैसे काम नहीं होता और यह हम नहीं बल्कि इनके पार्टी के विधायक और मंत्री खुद कहते हैं. मुख्यमंत्री के खुद सलाहकार विधानसभा में इस बात को कहते हैं कि सरकार में 50 टका दिए बिना एक फाइल नहीं हिलती है, इससे स्पष्ट है कि इससे महा भ्रष्ट सरकार कभी नहीं आएगी.
सवाल : कार्यकर्ता नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही कार्यकारिणी के विस्तार की ओर लगातार देख रहे हैं. आखिर क्या कारण है कि अभी तक कार्यकारिणी में विस्तार नहीं हो रहा? इंतजार कब खत्म होगा?
जवाब : मोदी सरकार के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 9 साल पूरे हुए हैं, उसको लेकर सेवा सुशासन अभियान चल रहा है. इन कार्यक्रमों के बाद जल्द ही टीम का गठन होगा.
सवाल : कहीं ऐसा तो नहीं है कि सामंजस्य बिठाने में दिक्कत आ रही हो, किसको खुश करें किसको नाराज ? पहले भी धड़े बंदी में बंटे हुए थे, इसलिए कहीं न कहीं दिक्कत आ रही हो?
जवाब : ऐसा नहीं है, अभी दो ही महीने हुए हैं. वैसे भी बीजेपी में किसी तरह की कोई नाराजगी या खुश करने के लिए कार्यकारिणी नहीं बनती है, टीम बनती है. कौन समर्पित भाव से पार्टी के लिए काम कर सकता है. संगठनात्मक कार्यकाल रहा हो ऐसे लोगों को कार्यकारिणी में शामिल किया जाता है. सैद्धांतिक सोच के साथ ही टीम का गठन किया जाता है. किसी को खुश या नाराजगी के बारे में सोच कर किसी को पद पर नहीं लिया जाता. विधानसभा चुनाव सामने हैं, ऐसे में जो टीम होगी वो ऊर्जावान होगी, जल्द ही नई टीम सबके सामने होगी.