जयपुर. हाल में भरतपुर के बाल सम्प्रेषण गृह में शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश के बाल सम्प्रेषण गृहों, बालिका गृहों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गया है. इन गृहों की व्यवस्थाओं को लेकर ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन गृहों में रह रहे बच्चे-बच्चियां सुरक्षित हैं, सवाल यह भी कि इन गृहों के हालात कैसे हैं, कुछ ऐसा तो नहीं जो सामने न आ रहा हो. गृहों में सुविधाएं किस तरह की हैं और सुधार कार्यक्रम किस तरह चलाए जा रहे हैं, इन्हीं सब सवालों के जवाब तलाशने के लिए ETV भारत ने जयपुर के गांधीनगर बालिका गृह का रियलिटी चेक किया.
बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष का निरीक्षण, ETV का रियलिटी चेक...
हालांकि, नियम और सुरक्षा के लिहाज से बिना अनुमति के कोई भी इन गृहों खासतौर से बालिका गृह में प्रवेश नहीं कर सकता, लिहाजा ईटीवी भारत ने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से गांधी नगर बालिका गृह का औचक निरीक्षण करने का विशेष आग्रह किया. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष के औचक निरीक्षण और ईटीवी भारत के इस रियलिटी चेक में सामने आया कि बालिका गृह के हालात संतोषजनक थे.
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संतोषजनक मिली गांधीनगर बालिका गृह की स्थिति...
बाल अपराध में लिप्त बालक-बालिकाओं को बाल सम्प्रेषण गृह में रखा जाता है. प्रदेश में ऐसे 6 संप्रेषण गृह हैं. हाल में भरतपुर बाल सम्प्रेषण गृह में शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने के बाद न केवल भरतपुर की, बल्कि राज्य के सभी सम्प्रेषण गृहों की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे. इन्हीं सवालों को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के साथ गांधीनगर के बालिका गृह का औचक निरीक्षण किया. औचक निरीक्षण के दौरान बालिका गृह की स्थिति कमोबेश ठीक नजर आई.
भरतपुर की घटना से उठे थे सवाल...
संगीता बेनीवाल मानती हैं कि भरतपुर संप्रेषण गृह की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के बाकी सम्प्रेषण गृह के हालात ठीक हैं. यहां की सफाई की व्यस्था के साथ खान-पान की व्यवस्थाएं भी ठीक पाई गई हैं. इस दौरान संगीत बेनीवाल ने यहां रहने वाली बालिकाओं से भी व्यवस्थाओं का फीड बैक लिया.
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औचक निरीक्षण के बाद संगीत बेनीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो फीडबैक के आधार पर भी निरीक्षण किया जाएगा. जयपुर सहित प्रदेश में 6 बाल संप्रेषण गृह हैं जिन्हें बाल अपचारी गृह भी कहा जाता है. इन सम्प्रेषण गृह में सिर्फ बालकों को रखा जाता है. बालिकाओं के लिए अलग से सम्प्रेषण गृह नही हैं. बालिका आश्रय गृह में किसी भी तरह की पीड़ित बालिकाओं को रखा जाता है. बहरहाल ईटीवी भारत की जांच में यह सामने आया कि जयपुर गांधीनगर बालिका गृह में व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं, लेकिन जरूरी है कि प्रदेश के बाकी बाल सम्प्रेषण गृहों के हालात की भी औचक जांच हो. ताकि भरतपुर में जो घटना हुई वो किसी और संप्रेषण गृह में नहीं हो