ETV Bharat / state

'जहां-ए-खुसरो' का हुआ समापन, नूरां बहनों की जुगलबंदी ने किया महफिल को सूफियाना - दो दिवसीय विश्व सूफी संगीत समारोह

जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर आयोजित दो दिवसीय विश्व सूफी संगीत समारोह जहां-ए-खुसरो संगीत महोत्सव का रविवार को समापन हो गया. राजस्थान पर्यटन विभाग के सौजन्य से इस कार्यक्रम में सूफी प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम का समापन नूरां सिस्टर्स द्वारा सदा-ए-सूफी पर दी प्रस्तुतियों के साथ हुआ.

Sufi Sangeet in Jaipur
विश्व सूफी संगीत समारोह
author img

By

Published : Nov 20, 2022, 10:13 PM IST

जयपुर. विश्व सूफी संगीत समारोह के दौरान नूरां सिस्टर्स की ओर से (Jugalbandi of Nooran Sisters in Jaipur) दी गई शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम के अंतिम दिन की शुरुआत 'हुमा' से हुई, जो फीनिक्स जैसे पौराणिक पक्षी पर आधारित एक नृत्य बैले है. इसके माध्यम से असफलता और सफलता के पथ को दिखाते हैं. संगीत मुजफ्फर अली की ओर से रचित था और जसलीन कौर मोंगिया और शाहिद नियाजी की ओर से प्रस्तुत किया गया था और मुराद अली ने आवाज दी थी.

नूरां बहनों की जुगलबंदी ने किया महफिल को सूफियाना : पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ के अनुसार पर्यटन विभाग की ओर से (Music Festival Jahan e Khusro in Jaipur) दूसरे दिन भी रविवार को अल्बर्ट हॉल पर जहान-ए-खुसरो का आयोजन किया गया। इसमें मुजफ्फर अली के हुमा-द सेलेश्चल बर्ड 'हुमा' नृत्य ने दर्शकों का मन मोहा. इसमें आकाशीय पक्षी की कहानी को जीवंत किया गया. वहीं, संगीतकार नूरान बहनों की जुगलबंदी ने शाम को सूफियाना बना दिया. इनकी ओर से 'सदा ए सूफी' की प्रस्तुति दी गई.

पढ़ें : City Lifeline: समय के साथ बढ़ती गई गुलाबी नगरी की रंगत, पर्यटन के क्षेत्र में विदेशों तक में है अलग पहचान

रूमी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन की शुरुआत 'हुमा' से हुई। पौराणिक पक्षी पर आधारित इस बैले नृत्य के माध्यम से असफलता और सफलता के पथ को दिखाया गया. इसमें व्यक्ति को कैसे अहंकार विनाश की ओर ले जाता है और जब जीवन चरम पर होता है तो कैसे विनम्र होना चाहिए, को दर्शाया गया. इसका संगीत मुजफ्फर अली की ओर से रचित था. जसलीन कौर मोंगिया और शाहिद नियाजी की ओर से इसे प्रस्तुत किया गया. मुराद अली की ओर से इसको आवाज दी गई.

'हुमा' शिंजिनी कुलकर्नी और समूह की ओर से उड़ते पक्षी की तरह (Sufi Sangeet in Jaipur) एक अनूठी संगीतमय प्रस्तुति रही. इसमें नेहा सिंह मिश्रा, मोहित श्रीधर, मयूख भट्टाचार्य और हितेश गंगानी के साथ बैले की कोरियोग्राफी दी. इसके बाद संगीतकार नूरान सिस्टर्स की ओर से सदा-ए-सूफी की प्रस्तुति दी गई, जिसने सूफी प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

जयपुर. विश्व सूफी संगीत समारोह के दौरान नूरां सिस्टर्स की ओर से (Jugalbandi of Nooran Sisters in Jaipur) दी गई शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम के अंतिम दिन की शुरुआत 'हुमा' से हुई, जो फीनिक्स जैसे पौराणिक पक्षी पर आधारित एक नृत्य बैले है. इसके माध्यम से असफलता और सफलता के पथ को दिखाते हैं. संगीत मुजफ्फर अली की ओर से रचित था और जसलीन कौर मोंगिया और शाहिद नियाजी की ओर से प्रस्तुत किया गया था और मुराद अली ने आवाज दी थी.

नूरां बहनों की जुगलबंदी ने किया महफिल को सूफियाना : पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ के अनुसार पर्यटन विभाग की ओर से (Music Festival Jahan e Khusro in Jaipur) दूसरे दिन भी रविवार को अल्बर्ट हॉल पर जहान-ए-खुसरो का आयोजन किया गया। इसमें मुजफ्फर अली के हुमा-द सेलेश्चल बर्ड 'हुमा' नृत्य ने दर्शकों का मन मोहा. इसमें आकाशीय पक्षी की कहानी को जीवंत किया गया. वहीं, संगीतकार नूरान बहनों की जुगलबंदी ने शाम को सूफियाना बना दिया. इनकी ओर से 'सदा ए सूफी' की प्रस्तुति दी गई.

पढ़ें : City Lifeline: समय के साथ बढ़ती गई गुलाबी नगरी की रंगत, पर्यटन के क्षेत्र में विदेशों तक में है अलग पहचान

रूमी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन की शुरुआत 'हुमा' से हुई। पौराणिक पक्षी पर आधारित इस बैले नृत्य के माध्यम से असफलता और सफलता के पथ को दिखाया गया. इसमें व्यक्ति को कैसे अहंकार विनाश की ओर ले जाता है और जब जीवन चरम पर होता है तो कैसे विनम्र होना चाहिए, को दर्शाया गया. इसका संगीत मुजफ्फर अली की ओर से रचित था. जसलीन कौर मोंगिया और शाहिद नियाजी की ओर से इसे प्रस्तुत किया गया. मुराद अली की ओर से इसको आवाज दी गई.

'हुमा' शिंजिनी कुलकर्नी और समूह की ओर से उड़ते पक्षी की तरह (Sufi Sangeet in Jaipur) एक अनूठी संगीतमय प्रस्तुति रही. इसमें नेहा सिंह मिश्रा, मोहित श्रीधर, मयूख भट्टाचार्य और हितेश गंगानी के साथ बैले की कोरियोग्राफी दी. इसके बाद संगीतकार नूरान सिस्टर्स की ओर से सदा-ए-सूफी की प्रस्तुति दी गई, जिसने सूफी प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.