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Rajasthan Budget 2023: गहलोत सरकार के बजट से कर्मचारी नाखुश, आंदोलन की रणनीति के लिए बुलाई आपात बैठक

मुख्यमंत्री ने आज बजट पेश किया है. गहलोत सरकार के बजट से कर्मचारियों (employees disappointed after Gehlot budget) में निराशा है. कर्मचारियों ने आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए 13 फरवरी को आपात बैठक बुलाई है.

Rajasthan Budget 2023
गहलोत सरकार के बजट से कर्मचारी निराश
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Published : Feb 10, 2023, 9:59 PM IST

गहलोत सरकार के बजट से कर्मचारी निराश

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भले ही अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया हो, लेकिन फिर भी प्रदेश के कर्मचारी इस बजट से नाखुश हैं. कर्मचारियों ने कहा कि सीएम गहलोत के कार्यकाल के अंतिम बजट से कर्मचारियों को जितनी आशाएं थीं उसके विपरीत उनको कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है. शुक्रवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने बजट से नाराज होकर आंदोलन की रणनीति के लिए आपात बैठक बुलाई है. अखिल राजस्थान महिला बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने भी इस बजट को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का अपमान वाला बजट बताया.

13 फरवरी को बुलाई बैठक
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बजट को कर्मचारी विरोधी बताया है. उन्होंने आगे की रणनीति तय करने के लिए 13 फरवरी को सोमवार को प्रदेश महासमिति की जयपुर में आवश्यक बैठक बुलाई है. राठौड़ ने कहा कि बजट से पूर्व मुख्यमंत्री ने जिस उत्साह के साथ कर्मचारी संगठनों के साथ संवाद किया था. उससे लग रहा था कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों की मांगों को लेकर काफी संवेदनशील हैं, लेकिन बजट पेश करने के बाद सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि बजट में कर्मचारियों की अनदेखी कर सरकार ने कर्मचारी संगठनों को खुली चुनौती दी है जिसका परिणाम उसे आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा.

पढ़ें. Rajasthan Budget 2023: एक क्लिक में जानिए बजट की 10 बड़ी घोषणाएं

बजट में 2 लाख आंगनबाड़ी मातृशक्ति का किया अपमान
अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने बजट में 2 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, साथिन, आशा सहयोगिनी का 15 प्रतिशत मानदेय वृद्धि कर अपमान किया है. 15 प्रतिशत मानदेय वृद्धि जिसमें 500 रुपये से 600 रुपये तक की वृद्धि हुई है. इससे महिला कार्मिकों को निराशा हाथ लगी है. संघ के संस्थापक-संरक्षक छोटीलाल बुनकर ने बताया कि कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में इन महिला कार्मिकों को नियमित करने का वादा किया था जो जुमला साबित हुआ है. अब जल्द ही बड़ा आन्दोलन किया जाएगा जिसमें विधानसभा का घेराव और हड़ताल करना प्रस्तावित है.

गहलोत सरकार के बजट से कर्मचारी निराश

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भले ही अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया हो, लेकिन फिर भी प्रदेश के कर्मचारी इस बजट से नाखुश हैं. कर्मचारियों ने कहा कि सीएम गहलोत के कार्यकाल के अंतिम बजट से कर्मचारियों को जितनी आशाएं थीं उसके विपरीत उनको कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है. शुक्रवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने बजट से नाराज होकर आंदोलन की रणनीति के लिए आपात बैठक बुलाई है. अखिल राजस्थान महिला बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने भी इस बजट को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का अपमान वाला बजट बताया.

13 फरवरी को बुलाई बैठक
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बजट को कर्मचारी विरोधी बताया है. उन्होंने आगे की रणनीति तय करने के लिए 13 फरवरी को सोमवार को प्रदेश महासमिति की जयपुर में आवश्यक बैठक बुलाई है. राठौड़ ने कहा कि बजट से पूर्व मुख्यमंत्री ने जिस उत्साह के साथ कर्मचारी संगठनों के साथ संवाद किया था. उससे लग रहा था कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों की मांगों को लेकर काफी संवेदनशील हैं, लेकिन बजट पेश करने के बाद सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि बजट में कर्मचारियों की अनदेखी कर सरकार ने कर्मचारी संगठनों को खुली चुनौती दी है जिसका परिणाम उसे आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा.

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बजट में 2 लाख आंगनबाड़ी मातृशक्ति का किया अपमान
अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने बजट में 2 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, साथिन, आशा सहयोगिनी का 15 प्रतिशत मानदेय वृद्धि कर अपमान किया है. 15 प्रतिशत मानदेय वृद्धि जिसमें 500 रुपये से 600 रुपये तक की वृद्धि हुई है. इससे महिला कार्मिकों को निराशा हाथ लगी है. संघ के संस्थापक-संरक्षक छोटीलाल बुनकर ने बताया कि कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में इन महिला कार्मिकों को नियमित करने का वादा किया था जो जुमला साबित हुआ है. अब जल्द ही बड़ा आन्दोलन किया जाएगा जिसमें विधानसभा का घेराव और हड़ताल करना प्रस्तावित है.

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