जयपुर. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बुधवार को जिला स्तर पर प्रदर्शन कर सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. जयपुर जिले में बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा. इसमें सरकार से 18 जनवरी से पहले विद्युत निगम के कर्मचारियों की मांगों पूरी करने की मांग की गई.
राजस्थान विद्युत प्रसारण मजदूर कांग्रेस इंटक (INTUC) के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह ने बताया कि बिजली कर्मचारियों की सभी मांगों को 18 जनवरी से पहले पूरा किया जाना चाहिए. ऐसा नहीं होने की स्थिति में 18 जनवरी को सरकार के खिलाफ जयपुर में प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं विद्युत प्रशासन की होगी.
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बिजली कर्मचारियों की यह है मांगे :
1. पांचों बिजली निगमों में कार्यरत कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की सुविधा दी जाए.
2. विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के इंटर डिस्कॉम स्थानांतरण किए जाएं. इसमें निगम पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा. पांचों विद्युत निगमों को समायोजित कर पुनः छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस सरकार की भांति राज्य में राजस्थान बिजली विभाग का गठन किया जाए.
3. अधिमानता के आधार पर सेकेंडरी पास को राजस्थान सरकार में कनिष्ठ लिपिक पद पर पदस्थापित किया जाता था, लेकिन पांचों विद्युत निगमों में वर्ष 1996 से 31 मार्च 2019 तक तकनीकी कर्मचारी पद पर पदस्थापित किया गया. इन सभी को कनिष्ठ लिपिक पद पर पदोन्नत किया जाए. जबकि 1 अप्रैल 2019 से हायर सेकेंडरी पास को पुनः वाणिज्यक सहायक द्वितीय पद पर नियुक्ति दी जा रही है, लिहाजा वंचितों को भी लाभ दिया जाए.
4. विद्युत निगमों में नियुक्त टेक्निकल हेल्पर प्रथम, द्वितीय एंव तृतीय को उत्पादन निगम के अनुसार टेक्निकल हेल्पर से टेक्नीशियन प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किया जाए और टाइम बाउंड प्रमोशन का लाभ नियुक्ति तारीख से दिया जाए.
5. कनिष्ठ अभियंता/ इंजीनियरिंग सुपरवाइजर(ES) एवं समकक्ष पद को ग्रेड पे 4800 दिया जाए. बिजली निगमों में कार्यरत 2004 से पूर्व नियुक्त हुए कार्मिकों, सेवानिवृत कार्मिकों एवं 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों को RGHS स्कीम का लाभ राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान दिया जाए. राज्य सरकार के की ओर से जारी सभी आदेश विद्युत निगमों मे लागू किए जाएं.