ETV Bharat / state

23 को प्रचार बंद, इसी दिन है देवउठनी एकादशी, शादियों में पहुंचेंगे बिन बुलाए 'मेहमान'

5 महीने से सोए हुए देव 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर जागेंगे. 23 नवंबर को ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में प्रत्याशियों के लिए शादी समारोह ही जनसंपर्क का जरिया बनेगा.

Candidates will reach weddings to campaign
शादियों में प्रचार के लिए पहुंचेंगे प्रत्याशी
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 21, 2023, 7:25 AM IST

Updated : Nov 21, 2023, 8:01 AM IST

शादियों में प्रचार के लिए पहुंचेंगे प्रत्याशी

जयपुर. लोकतंत्र का महापर्व सिर पर है. इससे पहले देवउठनी एकादशी पर प्रदेश में बड़े स्तर पर विवाह संबंधी कार्यक्रम होंगे. शादियों को लेकर प्रथम पूज्य भगवान गणपति को निमंत्रित करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. वहीं, इस बार शादियों में चुनावी रण के महारथी भी पहुंचेंगे. चूंकि 23 नवंबर को आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में ये शादी-समारोह ही प्रत्याशियों के संपर्क का सबसे बड़ा माध्यम बनेगा. जिन शादियों में आने के लिए प्रत्याशियों को न्योता जाएगा, वहां उनके साथ उनके समर्थक भी पहुंचेंगे. ऐसे में मेजबानों को भोजन की अतिरिक्त व्यवस्था भी करनी पड़ेगी.

5 महीने बाद जागे देव : 5 महीने से सोए हुए देव 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर जागेंगे. इस बार अधिकमास होने की वजह से मांगलिक कार्य 5 महीने तक नहीं हुए, लेकिन अब राजधानी सहित प्रदेश भर में शहनाई गूंजने वाली है. यही वजह है कि मंदिरों में लोग प्रथम पूज्य भगवान गणेश को निमंत्रण देने पहुंच रहे हैं.

नहर के गणेश मंदिर के महंत पं. जय शर्मा बताते हैं कि अनादि काल से प्रथम पूज्य भगवान गणपति निमंत्रण का एक विधान रहा है. किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य में उनका आह्वान किया जाता है, ताकि किसी भी काम में कोई विघ्न पैदा ना हो. देव दिवाली पर देवताओं का जागरण होगा और उसी दिन से मांगलिक कार्य विवाह आदि शुरू हो जाएंगे. विषम संख्याओं में 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 11 दिन के अनुसार गणपति निमंत्रण किया जाता है. यहां भगवान को पीले चावल चढ़ाए जाते हैं और फिर मंदिर की ओर से पीली मिट्टी या सुपारी के गणेश जी दिए जाते हैं. मांगलिक कार्य संपन्न होने के बाद जोड़े से भगवान गणपति को विदा करने भी जाया जाता है.

पढ़ें : Rajasthan : कन्यादान और मतदान एक दिन, देवउठनी एकादशी के चलते कम होगी वोटिंग परसेंटेज!

शादियों में 25 फीसदी बढ़ी महंगाई : वहीं 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. प्रदेश में बड़े स्तर पर विवाह कार्यक्रम शुरू होगे. अकेले राजधानी जयपुर की बात की जाए तो यहां 4000 शादियां होने का अनुमान है. इस बार शादियों के पर्व के साथ ही लोकतांत्रिक पर्व भी है. ऑल वेडिंग इंडस्ट्री फेडरेशन राजस्थान के महामंत्री भवानी शंकर माली ने बताया कि 25 नवंबर को मतदान होना है. ऐसे में 'पहले मतदान बाद में कन्यादान' जैसे स्लोगन भी लगाए गए हैं. साथ ही 23 नवंबर को होने वाली शादियों में भी मैरिज गार्डन के बाहर 25 तारीख को 100 फीसदी मतदान करने का आह्वान किया जा रहा है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि इस बार पिछले वर्ष की तुलना में शादियों में महंगाई करीब 25 फीसदी हो चुकी है.

पढ़ें : होम वोटिंग को लेकर बुजुर्गो में उत्साह, जयपुर में 5 दिनों में 6825 मतदाताओं ने किया घर से मतदान

23 को ही आदर्श आचार संहिता लागू : ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि जिंदल ने कहा कि इस बार शादियों में अलग माहौल होगा, क्योंकि 25 नवंबर को राजस्थान विधानसभा के चुनाव हैं और हर प्रत्याशी चाहेगा कि वो अपने क्षेत्र की शादी में जाकर अपना प्रचार करें. 23 नवंबर को आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में प्रत्याशियों के संपर्क करने का एक बड़ा जरिया शादियां बनेगी और ऐसे में मेजबानों को गेस्ट के लिए निर्धारित भोजन व्यवस्था में चेंजेज करना पड़ेगा. ऐसे में शादियों में एक्स्ट्रा खाना भी बनाना पड़ सकता है. वर-वधु को भी स्थानीय प्रत्याशियों का आशीर्वाद मिलेगा.

शादियों में प्रचार के लिए पहुंचेंगे प्रत्याशी

जयपुर. लोकतंत्र का महापर्व सिर पर है. इससे पहले देवउठनी एकादशी पर प्रदेश में बड़े स्तर पर विवाह संबंधी कार्यक्रम होंगे. शादियों को लेकर प्रथम पूज्य भगवान गणपति को निमंत्रित करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. वहीं, इस बार शादियों में चुनावी रण के महारथी भी पहुंचेंगे. चूंकि 23 नवंबर को आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में ये शादी-समारोह ही प्रत्याशियों के संपर्क का सबसे बड़ा माध्यम बनेगा. जिन शादियों में आने के लिए प्रत्याशियों को न्योता जाएगा, वहां उनके साथ उनके समर्थक भी पहुंचेंगे. ऐसे में मेजबानों को भोजन की अतिरिक्त व्यवस्था भी करनी पड़ेगी.

5 महीने बाद जागे देव : 5 महीने से सोए हुए देव 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर जागेंगे. इस बार अधिकमास होने की वजह से मांगलिक कार्य 5 महीने तक नहीं हुए, लेकिन अब राजधानी सहित प्रदेश भर में शहनाई गूंजने वाली है. यही वजह है कि मंदिरों में लोग प्रथम पूज्य भगवान गणेश को निमंत्रण देने पहुंच रहे हैं.

नहर के गणेश मंदिर के महंत पं. जय शर्मा बताते हैं कि अनादि काल से प्रथम पूज्य भगवान गणपति निमंत्रण का एक विधान रहा है. किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य में उनका आह्वान किया जाता है, ताकि किसी भी काम में कोई विघ्न पैदा ना हो. देव दिवाली पर देवताओं का जागरण होगा और उसी दिन से मांगलिक कार्य विवाह आदि शुरू हो जाएंगे. विषम संख्याओं में 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 11 दिन के अनुसार गणपति निमंत्रण किया जाता है. यहां भगवान को पीले चावल चढ़ाए जाते हैं और फिर मंदिर की ओर से पीली मिट्टी या सुपारी के गणेश जी दिए जाते हैं. मांगलिक कार्य संपन्न होने के बाद जोड़े से भगवान गणपति को विदा करने भी जाया जाता है.

पढ़ें : Rajasthan : कन्यादान और मतदान एक दिन, देवउठनी एकादशी के चलते कम होगी वोटिंग परसेंटेज!

शादियों में 25 फीसदी बढ़ी महंगाई : वहीं 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. प्रदेश में बड़े स्तर पर विवाह कार्यक्रम शुरू होगे. अकेले राजधानी जयपुर की बात की जाए तो यहां 4000 शादियां होने का अनुमान है. इस बार शादियों के पर्व के साथ ही लोकतांत्रिक पर्व भी है. ऑल वेडिंग इंडस्ट्री फेडरेशन राजस्थान के महामंत्री भवानी शंकर माली ने बताया कि 25 नवंबर को मतदान होना है. ऐसे में 'पहले मतदान बाद में कन्यादान' जैसे स्लोगन भी लगाए गए हैं. साथ ही 23 नवंबर को होने वाली शादियों में भी मैरिज गार्डन के बाहर 25 तारीख को 100 फीसदी मतदान करने का आह्वान किया जा रहा है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि इस बार पिछले वर्ष की तुलना में शादियों में महंगाई करीब 25 फीसदी हो चुकी है.

पढ़ें : होम वोटिंग को लेकर बुजुर्गो में उत्साह, जयपुर में 5 दिनों में 6825 मतदाताओं ने किया घर से मतदान

23 को ही आदर्श आचार संहिता लागू : ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि जिंदल ने कहा कि इस बार शादियों में अलग माहौल होगा, क्योंकि 25 नवंबर को राजस्थान विधानसभा के चुनाव हैं और हर प्रत्याशी चाहेगा कि वो अपने क्षेत्र की शादी में जाकर अपना प्रचार करें. 23 नवंबर को आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में प्रत्याशियों के संपर्क करने का एक बड़ा जरिया शादियां बनेगी और ऐसे में मेजबानों को गेस्ट के लिए निर्धारित भोजन व्यवस्था में चेंजेज करना पड़ेगा. ऐसे में शादियों में एक्स्ट्रा खाना भी बनाना पड़ सकता है. वर-वधु को भी स्थानीय प्रत्याशियों का आशीर्वाद मिलेगा.

Last Updated : Nov 21, 2023, 8:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.