जयपुर. निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कमर कस ली. शिक्षा विभाग ने शिक्षा के नाम पर होने वाली लूट को रोकने के लिए स्पष्ट आदेश दे दिया है.
निजी स्कूलों में पुस्तके, यूनिफार्म, जूते, टाई, कॉपियां आदि के नाम पर अब निजी स्कूल संचालक वसूली नहीं कर सकेंगे. अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में आदेश दे दिए गए है. आदेश में बताया की निर्देशों की सख्ती से पालना हो और निजी शिक्षण संस्थानों को मनमानी ना हो, ऐसी व्यवस्था की जावे.
यह है आदेश
1. किसी भी शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं हो, पुस्तके और अन्य सामग्री के लिए स्कूल संचालक अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाए.
2. निजी स्कूल की ओर से विद्यार्थियों के लिए निर्धारित की जाने वाली यूनिफार्म न्यूनतम 5 वर्षों तक बदली नहीं जावे.
3. निजी स्कूलोंको यह तय करना होगा कि यूनिफार्म, पाठ्यपुस्तकें सहित अन्य सामग्री कम से कम तीन स्थानीय विक्रेताओं के पास उपलब्ध होनी चाहिए.
4. इसके अलावा पुस्तकों के लेखक, प्रकाश के नाम, मूल्य की सूची एक माह पूर्व विद्यालय के बोर्ड पर चस्पा की जानी होगी.
जयपुर संभाग के मुख्य जिला शिक्षा अधिलारी रतन सिंह यादव का कहना है कि निदेशालय के आदेश संज्ञान में है, वहीं स्कूलों का कोई ऐसा मामला आता है तो तुरंत प्रभाव से कार्यवाही की जाएगी. वहीं फीस बढ़ोतरी को लेकर यादव ने कहा कि फीस निर्धारण कमिटी के आधार पर ही फीस की बढ़ोतरी हो.