जयपुर. DoIT विभाग में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के आरोप में पकड़े गए जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शुक्रवार को उसे फिर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कोर्ट के आदेश पर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है. अब उससे हुई पूछताछ और जब्त दस्तावेजों के आधार पर एसीबी विभाग में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की कड़ियां जोड़ने में लगी है.
बताया जा रहा है कि जिन कंपनियों और ठेकेदारों से कमीशन लेने की जानकारी सामने आई है. उनसे भी अब एसीबी पूछताछ की तैयारी कर रही है. एसीबी के सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में जिन कंपनियों और ठेकेदारों से जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव के कमीशन लेने की जानकारी सामने आई है. उनसे पूछताछ की जाएगी. इसके लिए जिनकी जानकारी मिली है, उन ठेकेदारों और कंपनियों के प्रतिनिधियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. बताया जा रहा है कि गुरुग्राम की एक कंपनी के प्रतिनिधि को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
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दस्तावेजों और FSL रिपोर्ट से आगे जांचः जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव से पूछताछ पूरी होने के बाद अब उसे जेल भेज दिया गया है. ऐसे में अब एसीबी की आगे की जांच जब्त किए गए दस्तावेजों और FSL रिपोर्ट के आधार पर होगी. दरअसल, वेदप्रकाश यादव के ऑफिस से जब्त कंप्यूटर, उसके लैपटॉप और तीन फोन को एसीबी ने जांच के लिए FSL में भिजवाए थे. जिनकी जांच रिपोर्ट आनी है. ऐसे में जांच रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर एसीबी अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा सकती है. क्योंकि इन उपकरणों की जांच में कई अहम सबूत एसीबी के हाथ लगने की संभावना है.
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दो बार में पांच दिन रिमांड पर लेकर पूछताछः बता दें कि 19 मई को DoIT विभाग के बेसमेंट में रखी दो अलमारियों में 2.31 करोड़ रुपए नकद और एक किलो सोना मिला था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच की, तो खुलासा हुआ कि यह सोना और नकदी जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव का है. इस पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की और उसे एसीबी को सौंप दिया. एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर पहले तीन और फिर दो दिन की रिमांड पर लिया था. अब आज उसे जेल भेज दिया गया है.