जयपुर. प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ डॉक्टरों का आंदोलन फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब निजी चिकित्सकों ने इस मुहिम को अनूठे तरीके से आगे बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है. आज राजधानी जयपुर स्थित जयपुर मेडिकल एसोसिएशन कार्यालय से एक मशाल यात्रा का आगाज किया गया. यहां से रवाना हुई यह यात्रा सीकर पहुंचेगी. इसके बाद झुंझुनूं, चूरू, बीकानेर, अजमेर होते हुए वापस जयपुर आएगी. रास्ते में जगह-जगह रूककर इस यात्रा में शामिल डॉक्टर लोगों को राइट टू हेल्थ के नुकसान बताएंगे.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सीकर के अध्यक्ष डॉ. रामदेव चौधरी ने बताया, हम चाहते हैं कि आमजन तक अपनी भावनाएं पहुंचाए. सरकार हमारी भावना जनता तक नहीं पहुंचा पाई है. हम जनता को बताएंगे कि क्यों काला कानून सरकार ला रही है. यह चुनावी RTH है. उनकी भावना कैसे गलत है. यह आमजन के लिए कितना हानिकारक है. इस बात को जनता तक पहुंचाने के लिए आज जयपुर से मशाल यात्रा शुरू की गई है. इसे पोल खोल RTH नाम दिया गया है.
पहले से चल रही योजनाओं का भी नहीं मिल पा रहा है फायदा
डॉ. रामदेव चौधरी ने कहा कि सरकार की योजनाओं को हमने 21 मई 2021 से चलाया. जबकि सच्चाई यह है कि सरकारी दरों में निजी अस्पताल काम नहीं कर पा रहे हैं. जबकि जनता की सेवा के लिए योजनाओं को सरकारी दरों पर चलाया. लेकिन पिछले 15 दिन से चिरंजीवी योजना जैसी स्कीम्स भी छीन ली है सरकार ने. हम बताना चाहते हैं जनता को कि हम जो सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण उपचार दे रहे थे. वह सरकार छीन रही है और आगे भी इनकी यही मंशा है. इन्हीं भावनाओं को बताने के लिए हम गांव-ढ़़ाणी तक जाएंगे. हमारी ऐसी कई यात्राएं हैं जो पूरे राजस्थान को कवर करेंगी और अगले 20 दिन तक जारी रहेंगी.
महिला डॉक्टर का चार दिन से बैठी हैं अनशन पर
सरकार द्वारा प्रस्तावित 'राइट टू हेल्थ बिल' के विरोध में पिछले चार दिन से जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के कार्यालय में अनशन भी किया जा रहा है. डॉक्टर नीलम खंडेलवाल लगातार चार दिन से अनशन पर बैठी हैं. जबकि आज डॉ. राजीव घड़सा, डॉ. सुभाष दूत और डॉ. रॉबिन बोथरा उनके साथ क्रमिक अनशन पर बैठे हैं.