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Elephant Medical Camp में हाथियों के लिए विभिन्न सैंपल, खानपान और स्वास्थ्य संबंधित दी जानकारी

जयपुर के आमेर स्थित हाथी गांव में हाथियों के लिए मेडिकल कैंप आयोजित किया गया. इस कैंप में हाथियों के विभिन्न सैंपल लिए गए.

Elephant Medical Camp
Elephant Medical Camp में हाथियों के लिए विभिन्न सैंपल, खानपान और स्वास्थ्य संबंधित दी जानकारी
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Published : Apr 5, 2023, 11:30 PM IST

हाथी गांव में हाथियों के लिए मेडिकल कैंप आयोजित

जयपुर. राजधानी के आमेर स्थित हाथी गांव में बुधवार और गुरुवार को हाथियों की जांच के लिए दो दिवसीय मेडिकल चेकअप कैंप का आयोजन किया गया. डॉक्टर्स की टीम ने हाथियों के ब्लड समेत अन्य सैंपल लिए हैं. हाथियों के विभिन्न सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे.

कैंप के दौरान हाथियों में टीबी, त्वचा संक्रमण, आंख, ब्लड, पेट समेत अन्य अंगों का शारीरिक परीक्षण किया जा रहा है. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद हाथियों को फिट और अनफिट का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर, डॉक्टर अशोक तंवर और डॉक्टर नीरज शुक्ला के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया.

पढ़ेंः जयपुर: हाथी गांव से अनफिट हाथियों को भेज दिया गुजरात, दोबारा जांच करने पर हाथी गांव में 4 हाथी कम

वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि वन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष साल में दो बार हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. स्वास्थ्य परीक्षण में हाथियों की पूरी जांच की जाती है. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद हाथियों को निशुल्क दवाई भी दी जाती है. इसके साथी हाथी महावतों और हाथी पालकों को हाथियों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देकर जागरूक भी किया जा रहा है. हाथियों को प्रत्येक मौसम में किस तरह से रखा जाए और किस तरह का खानपान दिया जाए, इस संबंध में भी जानकारी दी गई है. हाथियों के विभिन्न सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई लैब भेजे जाएंगे.

पढ़ेंः संकट हाथी का साथी : हाथी गांव योजना की हालत खस्ता...खड़े हाथी पर भी रोजाना 2000 का खर्च, पालकों-महावतों पर संकट

वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर नीरज शुक्ला ने बताया कि हाथी महावतों और हाथी पालकों को मौसम के हिसाब से खानपान और हाथियों की रखरखाव संबंधी जानकारी दी जा रही है. नियमित रूप से हाथियों की मॉनिटरिंग भी की जाती है. अगर बीच में कोई भी समस्या सामने आती है, तो त्वरित इलाज दिया जाता है. अगर हाथी में स्वास्थ्य संबंधित कोई भी समस्या सामने आती है, तो उसको रेस्ट पर रखा जाता है और इलाज किया जाता है. स्वस्थ होने के बाद ही एलीफेंट राइड के लिए भेजा जाता है.

पढ़ेंः हथिनी पुष्पा का हैप्पी बर्थडे पार्टी, केक काटकर मनाया जन्मदिन...देखें VIDEO

वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि हाथियों के मुंह, कान, नाक, ब्लड समेत अन्य सैंपल लेकर आईवीआरआई बरेली लैब में भेजे जाएंगे. अगर हाथियों की जांच रिपोर्ट में कोई कमी पाई जाती है, तो उनका इलाज किया जाएगा. बीच-बीच में भी सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे. अनफिट रहने तक हाथी राइडिंग बंद रहेगी. एलीफेंट राइड में फिट एनिमल ही चल सकता है.

हाथी सवारी की रेट बढ़ाने की मांगः हाथी पालक आसिफ खान ने बताया कि मेडिकल टीम ने हाथियों के रखरखाव और खानपान संबंधित जानकारी दी है. आमेर महल में हाथी सवारी की रेट 1100 रुपए प्रति पर्यटक है. 12-13 साल से हाथियों सवारी की रेट नहीं बढ़ाई गई है. समय के साथ महंगाई बढ़ती जा रही है. हाथियों का खानपान और रखरखाव भी महंगा पड़ रहा है. पहले हाथी का चावड़ा करीब 300 रुपए प्रति क्विंटल आता था, लेकिन आज हाथी का चारा करीब 600 रुपए प्रति क्विंटल आ रहा है. लेकिन हाथी सवारी की रेट नहीं बढ़ रही. हाथी सवारी की रेट बढ़ाने के लिए कई बार प्रशासन को पत्र भी लिखा गया. आज के महंगाई के हिसाब से हाथी सवारी की रेट 2 से 3000 रुपए होनी चाहिए.

हाथी गांव में हाथियों के लिए मेडिकल कैंप आयोजित

जयपुर. राजधानी के आमेर स्थित हाथी गांव में बुधवार और गुरुवार को हाथियों की जांच के लिए दो दिवसीय मेडिकल चेकअप कैंप का आयोजन किया गया. डॉक्टर्स की टीम ने हाथियों के ब्लड समेत अन्य सैंपल लिए हैं. हाथियों के विभिन्न सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे.

कैंप के दौरान हाथियों में टीबी, त्वचा संक्रमण, आंख, ब्लड, पेट समेत अन्य अंगों का शारीरिक परीक्षण किया जा रहा है. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद हाथियों को फिट और अनफिट का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर, डॉक्टर अशोक तंवर और डॉक्टर नीरज शुक्ला के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया.

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वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि वन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष साल में दो बार हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. स्वास्थ्य परीक्षण में हाथियों की पूरी जांच की जाती है. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद हाथियों को निशुल्क दवाई भी दी जाती है. इसके साथी हाथी महावतों और हाथी पालकों को हाथियों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देकर जागरूक भी किया जा रहा है. हाथियों को प्रत्येक मौसम में किस तरह से रखा जाए और किस तरह का खानपान दिया जाए, इस संबंध में भी जानकारी दी गई है. हाथियों के विभिन्न सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई लैब भेजे जाएंगे.

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वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर नीरज शुक्ला ने बताया कि हाथी महावतों और हाथी पालकों को मौसम के हिसाब से खानपान और हाथियों की रखरखाव संबंधी जानकारी दी जा रही है. नियमित रूप से हाथियों की मॉनिटरिंग भी की जाती है. अगर बीच में कोई भी समस्या सामने आती है, तो त्वरित इलाज दिया जाता है. अगर हाथी में स्वास्थ्य संबंधित कोई भी समस्या सामने आती है, तो उसको रेस्ट पर रखा जाता है और इलाज किया जाता है. स्वस्थ होने के बाद ही एलीफेंट राइड के लिए भेजा जाता है.

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वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि हाथियों के मुंह, कान, नाक, ब्लड समेत अन्य सैंपल लेकर आईवीआरआई बरेली लैब में भेजे जाएंगे. अगर हाथियों की जांच रिपोर्ट में कोई कमी पाई जाती है, तो उनका इलाज किया जाएगा. बीच-बीच में भी सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे. अनफिट रहने तक हाथी राइडिंग बंद रहेगी. एलीफेंट राइड में फिट एनिमल ही चल सकता है.

हाथी सवारी की रेट बढ़ाने की मांगः हाथी पालक आसिफ खान ने बताया कि मेडिकल टीम ने हाथियों के रखरखाव और खानपान संबंधित जानकारी दी है. आमेर महल में हाथी सवारी की रेट 1100 रुपए प्रति पर्यटक है. 12-13 साल से हाथियों सवारी की रेट नहीं बढ़ाई गई है. समय के साथ महंगाई बढ़ती जा रही है. हाथियों का खानपान और रखरखाव भी महंगा पड़ रहा है. पहले हाथी का चावड़ा करीब 300 रुपए प्रति क्विंटल आता था, लेकिन आज हाथी का चारा करीब 600 रुपए प्रति क्विंटल आ रहा है. लेकिन हाथी सवारी की रेट नहीं बढ़ रही. हाथी सवारी की रेट बढ़ाने के लिए कई बार प्रशासन को पत्र भी लिखा गया. आज के महंगाई के हिसाब से हाथी सवारी की रेट 2 से 3000 रुपए होनी चाहिए.

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