जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल को लेकर चिकित्सक संगठनों का विरोध थम नहीं रहा है. मंगलवार को ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और इस बिल को वापस लेने की मांग रखी. इस बिल के विरोध में बीते कुछ समय से प्रदेश के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था और कुछ समय से निजी अस्पतालों की ओर से तमाम सरकारी योजनाओं का बहिष्कार भी किया जा रहा है.
इस मौके पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा ने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल को लेकर विभिन्न चिकित्सक संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं और इसे लेकर ज्वाइंट एक्शन कमिटी भी बनाई गई है. इस कमेटी के सदस्यों ने मंगलवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और बिल में आ रही खामियों से अवगत करवाया. चिकित्सकों का कहना है कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जो भी मांगे हैं उसे लेकर वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखेंगे.
दरअसल निजी अस्पतालों से जुड़े चिकित्सक राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे आंदोलन को तेज करेंगे और भूख हड़ताल पर भी जाएंगे. चिकित्सकों का आरोप है कि सरकार की ओर से निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है जो सरासर गलत है. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में चिकित्सकों की ओर से तमाम सरकारी योजनाओं का बहिष्कार भी किया जा रहा है.
ऐसे में मरीजों को बीते कुछ समय से निजी अस्पतालों में चिरंजीवी, आरजीएचएस समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा. चिकित्सक संगठनों का कहना है कि सरकार की इस दमनात्मक कार्रवाई को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका डटकर मुक़ाबला किया जाएगा. किसी भी निजी अस्पताल या चिकित्सक पर अनुचित दबाव या कार्रवाई पर आंदोलन और उग्र हो जाएगा.