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ट्रेनों में दिव्यांग और महिलाओं को उनके आरक्षित कोच में भी नहीं मिल पा रही जगह - रेलवे

गर्मियों की छुट्टियों से पहले ही ट्रेनों में यात्रियों को रिजर्वेशन और सीटों को लेकर खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रेनों में जनरल कोच की तो बात छोड़िए जयपुर में दिव्यांगों और महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में भी उन्हें जगह तक नहीं मिल पा रही है. हैरानी की बात तो यह है कि रेलवे प्रशासन की ओर से इन यात्रियों की सुनने वाला भी कोई नहीं था.

ट्रेनों में दिव्यांग और महिला यात्रियों को नहीं मिल रही आरक्षित कोच में बैठने की जगह
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Published : Apr 11, 2019, 12:11 AM IST

जयपुर. गर्मी की छुट्टियों में ट्रेनों में यात्री भार ज्यादा बढ़ने लगा है. यहां तक की दिव्यांग और महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में भी सामान्य पुरुष यात्रा करते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते दिव्यांग और महिलाओं के लिए रिजर्व कोच में भी उनको जगह नहीं मिल पा रही है.

ट्रेनों में दिव्यांग और महिला यात्रियों को नहीं मिल रही आरक्षित कोच में बैठने की जगह

ट्रेनों में दिव्यांग और महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में सामान्य यात्रियों की भीड़ से महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ ऐसा ही दृश्य जयपुर रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. जिसमें दिव्यांग आरक्षित कोच में सामान्य पुरुष यात्रियों की भीड़ ने जगह रोक ली. जिससे दिव्यांग यात्रियों को कोच में सीट ही नहीं मिल पाई. हैरानी की बात तो यह है कि इन यात्रियों की सुनने वाला भी कोई नहीं था.

दिव्यांग यात्रियों ने ईटीवी भारत को अपनी पीड़ा बताई. दिव्यांग यात्रियों ने बताया कि काफी देर से ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही ट्रेन आई तो दिव्यांग कोच में चढ़ने के लिए भी जगह नहीं मिली. दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में सामान्य यात्रियों की भीड़ ने दिव्यांग यात्रियों को धक्का देकर साइड में कर दिया और कोच में जगह फुल कर दी. प्लेटफॉर्म पर रेलवे पुलिस के जवान भी इस परेशानी को सुनने के लिए नहीं मिले.

दिव्यांग यात्रियों ने बताया कि जब पूरी ट्रेन में दिव्यांग यात्रियों के लिए एक डिब्बा आरक्षित किया गया है तो उसमें भी दिव्यांगों के लिए सुविधा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में सामान्य लोग ही इन डिब्बों में बैठ जाते हैं. वहीं महिलाओं के कोच में भी पुरुषों की भीड़ इतनी ज्यादा देखने को मिली कि महिलाओं के लिए रिजर्व कोच में प्रवेश कर पाना भी मुश्किल हो रहा था.

ऐसे में रेलवे प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिरकार जिम्मेदार लोग इस ओर ध्यान क्यों नहीं देते है. कई बार यात्रियों की शिकायतों के बावजूद भी रेलवे प्रशासन दिव्यांग और महिलाओं की यात्री सुविधाओं पर ध्यान क्यों नहीं देता है.

हालांकि रेलवे की ओर से गर्मी की छुट्टियों में कई स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जा रहा है. बावजूद इसके हालात इस तरह के देखने को मिल रहे हैं. जहां रेलवे प्रशासन यात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए बड़े-बड़े दावे करता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के हालातों को देखकर रेलवे के इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.

जयपुर. गर्मी की छुट्टियों में ट्रेनों में यात्री भार ज्यादा बढ़ने लगा है. यहां तक की दिव्यांग और महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में भी सामान्य पुरुष यात्रा करते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते दिव्यांग और महिलाओं के लिए रिजर्व कोच में भी उनको जगह नहीं मिल पा रही है.

ट्रेनों में दिव्यांग और महिला यात्रियों को नहीं मिल रही आरक्षित कोच में बैठने की जगह

ट्रेनों में दिव्यांग और महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में सामान्य यात्रियों की भीड़ से महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ ऐसा ही दृश्य जयपुर रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. जिसमें दिव्यांग आरक्षित कोच में सामान्य पुरुष यात्रियों की भीड़ ने जगह रोक ली. जिससे दिव्यांग यात्रियों को कोच में सीट ही नहीं मिल पाई. हैरानी की बात तो यह है कि इन यात्रियों की सुनने वाला भी कोई नहीं था.

दिव्यांग यात्रियों ने ईटीवी भारत को अपनी पीड़ा बताई. दिव्यांग यात्रियों ने बताया कि काफी देर से ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही ट्रेन आई तो दिव्यांग कोच में चढ़ने के लिए भी जगह नहीं मिली. दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में सामान्य यात्रियों की भीड़ ने दिव्यांग यात्रियों को धक्का देकर साइड में कर दिया और कोच में जगह फुल कर दी. प्लेटफॉर्म पर रेलवे पुलिस के जवान भी इस परेशानी को सुनने के लिए नहीं मिले.

दिव्यांग यात्रियों ने बताया कि जब पूरी ट्रेन में दिव्यांग यात्रियों के लिए एक डिब्बा आरक्षित किया गया है तो उसमें भी दिव्यांगों के लिए सुविधा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में सामान्य लोग ही इन डिब्बों में बैठ जाते हैं. वहीं महिलाओं के कोच में भी पुरुषों की भीड़ इतनी ज्यादा देखने को मिली कि महिलाओं के लिए रिजर्व कोच में प्रवेश कर पाना भी मुश्किल हो रहा था.

ऐसे में रेलवे प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिरकार जिम्मेदार लोग इस ओर ध्यान क्यों नहीं देते है. कई बार यात्रियों की शिकायतों के बावजूद भी रेलवे प्रशासन दिव्यांग और महिलाओं की यात्री सुविधाओं पर ध्यान क्यों नहीं देता है.

हालांकि रेलवे की ओर से गर्मी की छुट्टियों में कई स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जा रहा है. बावजूद इसके हालात इस तरह के देखने को मिल रहे हैं. जहां रेलवे प्रशासन यात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए बड़े-बड़े दावे करता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के हालातों को देखकर रेलवे के इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.

Intro:जयपुर
एंकर- रेलवे में गर्मी की छुट्टियों में यात्री भार ज्यादा बढ़ने लगा है। विकलांग और महिलाओं के रिजर्वेशन कोच में सामान्य पुरुष यात्रा कर रहे हैं। जिसके चलते विकलांग और महिलाओं के रिजर्वेशन कोच में भी उनको जगह नहीं मिल पा रही है।


Body:रेलवे में गर्मी की छुट्टियों में यात्री भार ज्यादा बढ़ने लगा है। विकलांग और महिलाओं के रिजर्वेशन कोच में सामान्य पुरुष यात्रा कर रहे हैं। जिसके चलते विकलांग और महिलाओं के रिजर्वेशन कोच में भी उनको जगह नहीं मिल पा रही है।
रेलवे के विकलांग और महिलाओं के आरक्षित कोच में सामान्य यात्रियों की भीड़ से महिलाओं और दिव्यांगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही दृश्य जयपुर रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला जिसमें विकलांग आरक्षित कोच में सामान्य पुरुष यात्रियों की भीड़ ने जगह रोक ली। जिससे विकलांग यात्रियों को कोच में सीट ही नहीं मिल पाई। इन यात्रियों की सुनने वाला भी कोई नहीं था। दिव्यांग यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपनी पीड़ा बताई। दिव्यांग यात्रियों ने बताया कि काफी देर से ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। और ट्रेन आई तो विकलांग कोच में चढ़ने के लिए भी जगह नहीं मिली। विकलांग आरक्षित कोच में सामान्य यात्रियों की भीड़ ने विकलांग यात्रियों को धक्का देकर साइड कर दिया और कोच में जगह फुल कर दी। प्लेटफॉर्म पर रेलवे पुलिस के जवान भी इस परेशानी को सुनने के लिए नहीं मिले। विकलांग यात्रियों ने बताया कि जब पूरी ट्रेन में विकलांग यात्रियों को एक डिब्बा आरक्षित किया गया है तो उसमें भी विकलांगों के लिए सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सामान्य लोग ही इन डिब्बों में बैठ जाते हैं। वहीं महिलाओं के कोच में भी पुरुषों की भीड़ इतनी ज्यादा देखने को मिली कि महिलाओ का कोच में प्रवेश कर पाना भी मुश्किल हो रहा था। ऐसे में रेलवे प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े होते हैं आखिरकार जिम्मेदार लोग इस ओर ध्यान क्यों नहीं देते। कई बार यात्रियों की शिकायतों के बावजूद भी रेलवे प्रशासन विकलांग और महिलाओं की सुविधाओं के ऊपर ध्यान क्यों नहीं देता है।
हालांकि रेलवे की ओर से गर्मी की छुट्टियों में कई स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जा रहा है। बावजूद इसके भी हालात इस तरह देखने को मिल रहे हैं। जहां रेलवे प्रशासन यात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए बड़े-बड़े दावे करता है। वहीं दूसरी ओर इस तरह के हालातों को देखकर रेलवे के इन दावों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है।

बाईट- मंगत सिंह, विकलांग यात्री






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