जयपुर. शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन की तिथियों में बदलाव कर (District level educational conference date change) दिया है. यह सम्मेलन अब 23-24 सितंबर की जगह 27 और 28 सितंबर को होंगे. हालांकि, शिक्षक संगठन राज्य सरकार के इस फैसले को सरकार की तानाशाही करार दे रहे हैं. साथ ही इस फैसले के विरोध में अब विधायकों को इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं करने की घोषणा की गई है.
शिविरा कैलेंडर के अनुसार प्रदेश में जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलनों की तिथियां 23 और 24 सितंबर को तय की गई थी. शिक्षक संगठनों की मानें तो शिविरा कैलेंडर के अनुरुप शैक्षिक सम्मेलनों की तैयारी भी पूरी कर ली थी. हॉल, बस, पंपलेट, पोस्टर, बैनर और भोजन के लिए हलवाई तक की बुकिंग हो गई थी. साथ ही दूर से आने वाले मुख्य वक्ताओं के लिए रेल और हवाई जहाज की टिकट भी बुक हो चुकी थी, लेकिन सरकार ने बिना किसी वजह के सम्मेलन को स्थगित कर शिक्षकों के साथ घिनौना मजाक किया है.
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ऐसे में अब हर स्तर पर संगठन सरकार के इस प्रकार के तुगलकी आदेशों का पुरजोर विरोध करेगा. राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) (Rajasthan Teachers Association) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग और महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने संयुक्त बयान में विभाग के इस फैसले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि अब विरोध स्वरूप संगठन किसी भी जिले में किसी भी विधायक और मंत्री को सम्मेलन में आमंत्रित नहीं करेगा. बता दें कि शैक्षिक सम्मेलनों में तिथि बदलने का कारण वर्तमान में चल रहे विधानसभा सत्र को बताया जा रहा है. ऐसे में विधायक अपने जिलों में होने वाले इस जिला स्तरीय कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाते, क्योंकि शैक्षिक सम्मेलन में विधायकों के पास सरकार और खुद की उपलब्धियां गिनाने का मौका होता है. वो शिक्षकों की समस्याएं भी सुनते हैं. ऐसे में इन तारीखों को आगे बढ़ाया गया है.