जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-प्रथम ने डाक विभाग की ओर से 30 ग्राम वजन के स्पीड पोस्ट का चार्ज उपभोक्ता से 17 रुपए की बजाय 40 रुपए वसूलने को सेवादोष करार दिया है. इसके साथ ही आयोग ने पोस्ट ऑफिस सांभर लेक व अन्य को आदेश दिए हैं कि वह अधिक वसूले गए 23 रुपए परिवाद दायर करने की तारीख 24 नवंबर 2015 से नौ प्रतिशत ब्याज सहित परिवादी को अदा करे. इसके साथ ही परिवादी को हुई परेशानी को देखते हुए आयोग ने डाक विभाग पर पांच हजार रुपए का हर्जाना अलग से अदा करने को कहा है.
आयोग के अध्यक्ष डॉ. सूबे सिंह यादव व सदस्य नीलम शर्मा ने यह आदेश सांभर लेक निवासी किरन देवी नागला के परिवाद पर दिए. परिवाद में बताया गया कि उसने 18 सितंबर 2015 को सांभर लेक पोस्ट ऑफिस से स्पीड पोस्ट किया. जिसका वजन तीस ग्राम आया. तीस ग्राम वजन के लिए 17 रुपए चार्ज लेने की बजाय डाक घर ने उससे 40 रुपए लिए. परिवादी ने ज्यादा चार्ज लेने का कारण पूछा तो कहा कि यहां इतना ही चार्ज लिया जाएगा.
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परिवाद में कहा गया कि पोस्ट ऑफिस ने उससे 23 रुपए ज्यादा वसूले हैं. इसलिए उसे स्पीड पोस्ट के लिए ज्यादा वसूले 23 रुपए ब्याज व हर्जा-खर्चा सहित दिलवाए जाए. इसके जवाब में पोस्ट ऑफिस की ओर से कहा गया कि स्पीड पोस्ट की राशि गलत अंकित होने के कारण ऐसा हुआ है. उन्होंने अपनी गलती मानते हुए 14 अक्टूबर 2015 को ही परिवादी के नाम से 23 रुपए का चेक जारी कर उसे भेजा था, लेकिन परिवादी ने लेने से मना कर कानूनी कार्रवाई की बात कही. इसलिए परिवाद को खारिज किया जाए. आयोग ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर डाक विभाग पर हर्जाना लगाया है.