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ज्योति मिर्धा के जाने से नागौर कांग्रेस में धड़ेबाजी समाप्त, भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में फूल भी नहीं दिया: डीडवाना विधायक - Ex MP Jyoti Mirdha left congress joins bjp

डीडवाना विधायक चेतन डू़डी ने कहा कि पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़कर जाने से नागौर कांग्रेस में गुटबाजी समाप्त हो गई. यहां तक कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी उनके स्वागत में पटाखे तो छोड़ दीजिए बल्कि फूल भी नहीं दिए.

Didwana MLA Chetan Dudi
डीडवाना से विधायक चेतन डूडी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 19, 2023, 10:37 AM IST

Updated : Sep 19, 2023, 2:02 PM IST

डीडवाना से विधायक चेतन डूडी

जयपुर. राजस्थान के दिग्गज जाट मिर्धा परिवार की ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़कर जाने पर कांग्रेस के नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. इसमें नागौर के नेताओं की प्रतिक्रिया को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जा सकती है. डीडवाना अब भले ही खुद जिला बन गया हो, लेकिन अब भी डीडवाना नागौर संभाग का ही हिस्सा है. डीडवाना से विधायक चेतन डूडी ने ज्योति मिर्धा के कांग्रेस से जाने को लेकर कहा कि ज्योति मिर्धा का जाना कांग्रेस के लिए कोई नुकसान नहीं, बल्कि उनके रहने से जो कांग्रेस का कार्यकर्ता व्यथित और परेशान था.

उसके जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राहत मिली है. उन्होंने कहा कि नागौर में ज्योति मिर्धा के रहते कांग्रेस पार्टी अलग-अलग धड़ों में बंटी थी जो उनके जाने के बाद एकजुट हो गई है. उन्होंने कहा कि ज्योति मिर्धा न तो आम लोगों के साथ कोई जुड़ाव रख पा रही थी, ना ही समझ बना पा रही थी. वहीं उन्होंने ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने को लेकर कहा कि इससे बीजेपी को भी कोई फायदा नहीं होगा. यही कारण है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका कोई स्वागत नहीं किया और ज्योति मिर्धा के स्वागत में पटाखे छुटने तो दूर की बात है कोई फूल लेकर भी नहीं पहुंचा.

पढ़ें Rajasthan Assembly Election 2023: ज्योति मिर्धा की भाजपा में एंट्री के साइड इफेक्ट: पूर्व मंत्री ने मिर्धा परिवार के खिलाफ खोला मोर्चा

नागौर जैसी कांग्रेस सीट पर 2 बार हारी चुनाव, विधायकों ने किया था विरोध : चेतन डूडी ने कहा कि राजस्थान में नागौर की सीट ऐसी है जिसे कांग्रेस बाहुल्य सीट माना जाता है. यहां से कांग्रेस का चुनाव हारना लगभग असंभव है. उसके बावजूद ज्योति मिर्धा दो बार चुनाव हारी. उन्होंने कहा कि ज्योति मिर्धा के विरोध में पिछले लोकसभा चुनाव में भी विधायकों ने कहा था कि इन्हें पार्टी को प्रत्याशी नहीं बनना चाहिए. डूडी ने कहा कि ज्योति मिर्जा किसी विचारधारा से जुड़ी नहीं थी. वो केवल पार्टी की मेहरबानी से टिकट लेकर आई और पार्टी की मेहरबानी से ही एक बार सांसद भी बनीं. उन्होंने कहा कि दो-तीन पीढ़ी से ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार भी कांग्रेसी था, लेकिन वह भी कांग्रेस छोड़कर गया और ज्योति मिर्धा भी. इन बातों से कांग्रेस पार्टी को कोई नुकसान नहीं होता और वैसे भी जो व्यक्ति राजनीति में नीचे से उठकर आता है वह ज्यादा मजबूत होता है.

पढ़ें ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस के नेताओं की खिसकी जमीन: कैलाश चौधरी

डीडवाना से विधायक चेतन डूडी

जयपुर. राजस्थान के दिग्गज जाट मिर्धा परिवार की ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़कर जाने पर कांग्रेस के नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. इसमें नागौर के नेताओं की प्रतिक्रिया को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जा सकती है. डीडवाना अब भले ही खुद जिला बन गया हो, लेकिन अब भी डीडवाना नागौर संभाग का ही हिस्सा है. डीडवाना से विधायक चेतन डूडी ने ज्योति मिर्धा के कांग्रेस से जाने को लेकर कहा कि ज्योति मिर्धा का जाना कांग्रेस के लिए कोई नुकसान नहीं, बल्कि उनके रहने से जो कांग्रेस का कार्यकर्ता व्यथित और परेशान था.

उसके जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राहत मिली है. उन्होंने कहा कि नागौर में ज्योति मिर्धा के रहते कांग्रेस पार्टी अलग-अलग धड़ों में बंटी थी जो उनके जाने के बाद एकजुट हो गई है. उन्होंने कहा कि ज्योति मिर्धा न तो आम लोगों के साथ कोई जुड़ाव रख पा रही थी, ना ही समझ बना पा रही थी. वहीं उन्होंने ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने को लेकर कहा कि इससे बीजेपी को भी कोई फायदा नहीं होगा. यही कारण है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका कोई स्वागत नहीं किया और ज्योति मिर्धा के स्वागत में पटाखे छुटने तो दूर की बात है कोई फूल लेकर भी नहीं पहुंचा.

पढ़ें Rajasthan Assembly Election 2023: ज्योति मिर्धा की भाजपा में एंट्री के साइड इफेक्ट: पूर्व मंत्री ने मिर्धा परिवार के खिलाफ खोला मोर्चा

नागौर जैसी कांग्रेस सीट पर 2 बार हारी चुनाव, विधायकों ने किया था विरोध : चेतन डूडी ने कहा कि राजस्थान में नागौर की सीट ऐसी है जिसे कांग्रेस बाहुल्य सीट माना जाता है. यहां से कांग्रेस का चुनाव हारना लगभग असंभव है. उसके बावजूद ज्योति मिर्धा दो बार चुनाव हारी. उन्होंने कहा कि ज्योति मिर्धा के विरोध में पिछले लोकसभा चुनाव में भी विधायकों ने कहा था कि इन्हें पार्टी को प्रत्याशी नहीं बनना चाहिए. डूडी ने कहा कि ज्योति मिर्जा किसी विचारधारा से जुड़ी नहीं थी. वो केवल पार्टी की मेहरबानी से टिकट लेकर आई और पार्टी की मेहरबानी से ही एक बार सांसद भी बनीं. उन्होंने कहा कि दो-तीन पीढ़ी से ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार भी कांग्रेसी था, लेकिन वह भी कांग्रेस छोड़कर गया और ज्योति मिर्धा भी. इन बातों से कांग्रेस पार्टी को कोई नुकसान नहीं होता और वैसे भी जो व्यक्ति राजनीति में नीचे से उठकर आता है वह ज्यादा मजबूत होता है.

पढ़ें ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस के नेताओं की खिसकी जमीन: कैलाश चौधरी

Last Updated : Sep 19, 2023, 2:02 PM IST
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