जयपुर. राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी उमेश मिश्रा आज सोमवार को पुलिस मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्बाध एफआईआर की व्यवस्था लागू होने से दर्ज मुकदमों की संख्या बढ़ रही है. लेकिन अपराध में खास बढ़ोतरी नहीं हुई है. यदि एफआर वाले मामलों को अलग कर दें, तो राजस्थान अपराध के लिहाज से देश में दसवें स्थान पर आता है. जबकि उत्तर प्रदेश इस लिहाज से पहले और मध्यप्रदेश चौथे स्थान पर है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हैं. उन्होंने कहा कि अभी दुष्कर्म के 45 प्रतिशत मामले झूठे पाए जा रहे हैं और उनमें एफआर लग रही है.
माफिया हार्डकोर अपराधियों पर सख्तीः डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपराधियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए थे. उसके बाद प्रदेशभर में माफिया, आदतन अपराधी और हार्डकोर बदमाशों पर एक्शन लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस साल अब तक 56 हजार से ज्यादा बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें 1036 उद्घोषित अपराधी, 67 भगोड़े और 9778 स्थायी वारंटी भी शामिल हैं. राजपासा के तहत 73 इस्तगासे पेश कर 9 बदमाशों को निरुद्ध करवाया गया है. संगठित अपराधियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है. इस साल अब तक प्रदेश में कुल 1073 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
पढ़ें: Rajasthan Crime Control: प्रत्येक जिले में पुलिस बनाएगी हिट लिस्ट, संगठित अपराधों पर कसेगी लगाम
नए कानूनों से पुलिस को मिलेगी मददः उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने कुछ नए कानून बनाए हैं. जब ये कानून अस्तित्व में आएंगे तो निश्चित रूप से पुलिस को कार्रवाई करने में सहयोग मिलेगा. डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा कि गश्त में अधिकारियों को सक्रियता से भाग लेने के निर्देश मुख्यालय द्वारा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जब सीनियर अधिकारी गश्त पर होते हैं, तो मातहत कर्मचारियों में सक्रियता बढ़ती है.
नशे के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाईः डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा कि पुलिस की सतर्कता के चलते प्रदेश में मादक पदार्थों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है और पुलिस ने 20.450 किलो हेरोइन, 24 किलो अफीम, 9400 किलो स्मैक, 568 किलोग्राम गांजा, 1400 किलोग्राम डोडा चूरा और 100 ग्राम चरस बरामद कर नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े लोगों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया है.
मनचलों को सिखा रहे सबकः महिलाओं से जुड़े अपराध के मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि पहले दुष्कर्म के मामले कोर्ट इस्तगासे के मार्फत दर्ज ज्यादा होते थे. लेकिन अब इसमें कमी आई है और कोर्ट इस्तगासे से दर्ज होने वाले मामले महज 14.13 फीसदी रह गए हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मनचलों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद मनचलों को सबक सिखाने के लिए 9 दिन का विशेष अभियान ऑपरेशन गरिमा शुरू किया गया है. ऐसे मामलों में कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
पढ़ें: संगठित अपराधों में लिप्त बदमाशों पर नकेल कसेगी क्राइम ब्रांच, तैयार की जा रही रणनीति
मोनू मानेसर को लेकर दिया यह बयानः नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को लेकर पूछे गए सवाल पर डीजीपी ने कहा कि हमारी टीम नूंह गई थी. वह हरियाणा पुलिस पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहते हैं. हम उनसे मदद भी मांगते हैं. इसमें मुख्य मुद्दा इंटेलिजेंस का है. उन्होंने कहा कि इस घटना में प्रत्यक्षतः जो शामिल थे, उनमें वह शामिल नहीं है. अपरोक्ष रूप से उसकी भूमिका की जांच की जा रही है. हम यह नहीं कहते कि हरियाणा पुलिस पहले इत्तला कर रही है या नहीं कर रही है. कई बातें सार्वजनिक रूप से कहने की नहीं होती हैं. लेकिन यह फैक्ट है कि अभी तक वो हमारे सामने नहीं आया है. जो बाकि अपराधी हैं, उनके बारे में भी हमने हरियाणा पुलिस को निवेदन किया है.
मोनू मानेसर पर पुलिस की सफाई, कहा- क्लीन चिट नहीं : मोनू मानेसर को लेकर डीजीपी उमेश मिश्रा के बयान के बाद रात को पुलिस की ओर से ट्वीट किया गया है. इसमें लिखा है, यह स्पष्ट किया जाता है कि राजस्थान पुलिस के डीजीपी और राजस्थान पुलिस ने नासिर-जुनैद हत्याकांड में मोनू मानेसर को किसी तरह की क्लीन चिट नहीं दी है. एफआईआर में मोनू का नाम बतौर आरोपी है. साजिश रचने और संगीन अपराध को बढ़ावा देने में उसकी भूमिका की सक्रियता से जांच की जा रही है. राजस्थान पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह बयान ट्वीट किया गया है.