जयपुर. प्रदेश की राजधानी में शुक्रवार को आयोजित महिला सहायता समूह कार्यक्रम के दौरान राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि समाज में परिवर्तन की बात तो सब करते हैं लेकिन हकीकत यह है कि मैं खुद भी विधानसभा चुनाव में ज्यादा महिलाओं को टिकट नहीं दे पाया था.
पायलट ने कहा कि मेरी लाख कोशिश के बावजूद भी उतनी महिलाओं को टिकट नहीं दे पाया था जितना देना चाहिए था. पायलट ने कहा कि राजनीति में भागीदारी हो यह बात सब चाहते हैं पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण दिया गया यह भी अच्छी बात है और हो सकता है कि कुछ समय के लिए उनके परिवार के लोग उनकी जगह काम करें.
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लेकिन अंत में महिला अपने हाथ में बागडोर ले लेगी ऐसे में परिवर्तन हमें पहले खुद में लाना होगा. पायलट यहीं नहीं रुके उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश का नाम लेते हुए कहा कि कैबिनेट में आप एकमात्र महिला मंत्री हैं और महिलाओं को संसद विधानसभा और मंत्रिपरिषद में केवल कोटा भरने के लिए भागीदारी नहीं देनी चाहिए बल्कि उन्हें असल में इन जगहों पर भागीदारी मिलनी चाहिए.
वहीं शुक्रवार को सचिन पायलट ने महिला सहायता समूह की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन महिलाओं को मंच पर स्थान दिया गया जो कामयाब हैं लेकिन हमें ऐसे उदाहरण भी देने चाहिए जहां किसी को कामयाबी नहीं मिली हो और मंच पर उन्हें स्थान मिला हो, जब तक हम कमियों को नहीं समझेंगे तो सुधार कैसे लाएंगे.
पायलट ने कहा कि मंत्रालय हो विभाग हो या एनजीओ हो उन से हटकर महिलाओं को ताकत देने के लिए हमें अपनी गलतियों को स्वीकार करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर हम लोगों को सही में परिवर्तित करना चाहते हैं और समाज या राजनीति में परिवर्तन देखना चाहते हैं तो आंकड़ों के साथ ही सोच भी बदलनी होगी.