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प्रदेश में बढ़ने लगे डेंगू-मलेरिया के केस, स्वास्थ्य विभाग जुलाई महीने को एन्टी डेंगू माह के रूप में मनाएगा

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Published : Jun 27, 2023, 7:58 AM IST

राजस्थान में डेंगु व मलेरिया के केस में इजाफा हो रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है.

प्रदेश में बढ़ने लगे डेंगू-मलेरिया के केस
प्रदेश में बढ़ने लगे डेंगू-मलेरिया के केस

जयपुर. हाल ही में प्रदेश के जिन स्थानों पर बारिश ज्यादा हुई और ड्रेनेज सिस्टम फेल हुआ. वहां से मच्छर जनित रोग मलेरिया और डेंगू की शिकायतें ज्यादा आ रही है. अकेले बाड़मेर में मलेरिया के 249 और डेंगू के 37 पॉजिटिव केस मिले है. जबकि राजधानी जयपुर में डेंगू के 137 और मलेरिया का एक केस मिला है. लेकिन जालौर, झालावाड़ को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के लगभग सभी जिलों में डेंगू या मलेरिया के पॉजिटिव केस मिले हैं. इसके मद्देनजर अब चिकित्सा महकमा हरकत में आया है. विभाग अब मौसमी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जुलाई महीने को एन्टी डेंगू महीने के रूप में मनाएगा.

प्रदेश में मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होने वाले मलेरिया और एडीज मच्छर के काटने से होने वाले डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ऑफिशियल रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में मलेरिया के 333 जबकि डेंगू के 574 पॉजिटिव के मौजूद हैं. गनीमत ये है कि अब तक किसी भी जिले से मच्छर जनित रोगों से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है. विशेषज्ञों की माने तो क्लाइमेट चेंज और मच्छरों के लिए अनुकूल मौसम की वजह से वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे पायरेथ्रम फोगिंग भी मच्छरों पर असर नहीं कर रही है. ऐसे में अब फोगिंग के लिए साइफिनोथ्रीम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

उधर, चिकित्सा महकमे की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने जुलाई महीने को एन्टी डेंगू माह के रूप में मनाये जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि इस एन्टी डेंगू महीने में मेरा स्वास्थ्य- मेरी जिम्मेदारी अभियान चलाया जाएगा. जिसके तहत सभी जिलों में एएनएम, आशा सहयोगिनियों की टीमें बनाकर घर घर सर्वे कराया जाएगा. साथ ही उन्होंने मच्छरों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एन्टीलार्वल, एन्टीएडस्ट और सोर्स रिडेक्शन गतिविधियां आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही मच्छर जनित रोग से ग्रसित रोगियों को मच्छर प्रूफ वार्ड में भर्ती करने, सभी राजकीय चिकित्सालयों में आवश्यक लॉजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने डेंगू और मलेरिया के हाई रिस्क जिलों (अलवर, दौसा, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जैसलमेर और उदयपुर) में मॉनिटरिंग और पर्यवेक्षण के लिए राज्य स्तर से टीमें भिजवाने के निर्देश दिए.

पढ़ें Health Tips: खिलौना दिखाने और बोलने पर भी अगर बच्चा न दे प्रतिक्रिया तो हो सकता है इस बीमारी का खतरा...

जयपुर. हाल ही में प्रदेश के जिन स्थानों पर बारिश ज्यादा हुई और ड्रेनेज सिस्टम फेल हुआ. वहां से मच्छर जनित रोग मलेरिया और डेंगू की शिकायतें ज्यादा आ रही है. अकेले बाड़मेर में मलेरिया के 249 और डेंगू के 37 पॉजिटिव केस मिले है. जबकि राजधानी जयपुर में डेंगू के 137 और मलेरिया का एक केस मिला है. लेकिन जालौर, झालावाड़ को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के लगभग सभी जिलों में डेंगू या मलेरिया के पॉजिटिव केस मिले हैं. इसके मद्देनजर अब चिकित्सा महकमा हरकत में आया है. विभाग अब मौसमी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जुलाई महीने को एन्टी डेंगू महीने के रूप में मनाएगा.

प्रदेश में मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होने वाले मलेरिया और एडीज मच्छर के काटने से होने वाले डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ऑफिशियल रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में मलेरिया के 333 जबकि डेंगू के 574 पॉजिटिव के मौजूद हैं. गनीमत ये है कि अब तक किसी भी जिले से मच्छर जनित रोगों से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है. विशेषज्ञों की माने तो क्लाइमेट चेंज और मच्छरों के लिए अनुकूल मौसम की वजह से वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे पायरेथ्रम फोगिंग भी मच्छरों पर असर नहीं कर रही है. ऐसे में अब फोगिंग के लिए साइफिनोथ्रीम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

उधर, चिकित्सा महकमे की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने जुलाई महीने को एन्टी डेंगू माह के रूप में मनाये जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि इस एन्टी डेंगू महीने में मेरा स्वास्थ्य- मेरी जिम्मेदारी अभियान चलाया जाएगा. जिसके तहत सभी जिलों में एएनएम, आशा सहयोगिनियों की टीमें बनाकर घर घर सर्वे कराया जाएगा. साथ ही उन्होंने मच्छरों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एन्टीलार्वल, एन्टीएडस्ट और सोर्स रिडेक्शन गतिविधियां आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही मच्छर जनित रोग से ग्रसित रोगियों को मच्छर प्रूफ वार्ड में भर्ती करने, सभी राजकीय चिकित्सालयों में आवश्यक लॉजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने डेंगू और मलेरिया के हाई रिस्क जिलों (अलवर, दौसा, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जैसलमेर और उदयपुर) में मॉनिटरिंग और पर्यवेक्षण के लिए राज्य स्तर से टीमें भिजवाने के निर्देश दिए.

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