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Transfer of third grade teachers : प्रशासन ने पैदल मार्च को रोका, शिक्षक नेता बोले- इस बार सरकार पर वोट की चोट की जाएगी

तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ 'तबादला नहीं तो वोट नहीं' आंदोलन की शुरुआत की है. इसके तहत शुक्रवार को बस्सी चक आगरा रोड से सिविल लाइंस तक शिक्षकों के पैदल मार्च निकालने की तैयारी थी, हालांकि पुलिस प्रशासन ने इनको बस्सी चक से रवाना ही नहीं होने दिया.

Teachers Foot March in Jaipur
तृतीय श्रेणी शिक्षकों का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 1, 2023, 5:08 PM IST

Updated : Sep 1, 2023, 6:31 PM IST

तृतीय श्रेणी शिक्षकों का प्रदर्शन

जयपुर. बीते साढ़े चार साल से अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक अब चुनावी वर्ष में राज्य सरकार के खिलाफ खुलकर मुखर हुए हैं. राजधानी सहित प्रदेश भर में जगह-जगह 'तबादला नहीं तो वोट नहीं' के होर्डिंग-पोस्टर लगाए गए हैं. शुक्रवार को तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने बस्सी चक आगरा रोड से सिविल लाइंस कूच का ऐलान किया था. बड़ी संख्या में शिक्षक बस्सी चक में इकट्ठा हुए, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से शिक्षकों को वहीं रोक दिया गया. ऐसे में अब शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनके तबादला नहीं किए जाते हैं तो शिक्षक गांव-ढाणी तक जाकर कांग्रेस की विफलताओं का प्रचार करेंगे.

सरकार पर वोट की चोट की जाएगी : शिक्षक नेता हरपाल दादररवाल का कहना है कि सालों से महिला शिक्षक अपने परिवार से दूर हैं. 50 की उम्र पार कर चुके सैकड़ों शिक्षक बीमारियों से ग्रसित हैं, बावजूद इसके उनका तबादला नहीं किया जा रहा. ऐसे शिक्षकों को शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी आश्वासन दे चुके हैं और अब आचार संहिता लगने वाली है. इससे पहले यदि सरकार शिक्षकों के हक में उचित फैसला नहीं लेती है, तो इस बार सरकार पर वोट की चोट की जाएगी.

ये भी पढ़ें. Transfer of third grade teachers : तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने दिया नारा ’ट्रांसफर नहीं तो वोट नहीं’

ट्रांसफर पॉलिसी के आधार पर तबादले रद्द : बता दें कि अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर राज्य सरकार की ओर से आवेदन मांगे गए थे. इसमें करीब 85 हजार शिक्षकों ने अर्जी लगाई. इसके बाद ट्रांसफर पॉलिसी बनाने के बाद इसी आधार पर ट्रांसफर करने की बात कहते हुए तबादलों पर रोक लगा दी गई और सभी आवेदन महज रद्दी बनकर रह गए. इसके खिलाफ लंबे समय से शिक्षक लगातार आंदोलनरत हैं.

तृतीय श्रेणी शिक्षकों का प्रदर्शन

जयपुर. बीते साढ़े चार साल से अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक अब चुनावी वर्ष में राज्य सरकार के खिलाफ खुलकर मुखर हुए हैं. राजधानी सहित प्रदेश भर में जगह-जगह 'तबादला नहीं तो वोट नहीं' के होर्डिंग-पोस्टर लगाए गए हैं. शुक्रवार को तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने बस्सी चक आगरा रोड से सिविल लाइंस कूच का ऐलान किया था. बड़ी संख्या में शिक्षक बस्सी चक में इकट्ठा हुए, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से शिक्षकों को वहीं रोक दिया गया. ऐसे में अब शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनके तबादला नहीं किए जाते हैं तो शिक्षक गांव-ढाणी तक जाकर कांग्रेस की विफलताओं का प्रचार करेंगे.

सरकार पर वोट की चोट की जाएगी : शिक्षक नेता हरपाल दादररवाल का कहना है कि सालों से महिला शिक्षक अपने परिवार से दूर हैं. 50 की उम्र पार कर चुके सैकड़ों शिक्षक बीमारियों से ग्रसित हैं, बावजूद इसके उनका तबादला नहीं किया जा रहा. ऐसे शिक्षकों को शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी आश्वासन दे चुके हैं और अब आचार संहिता लगने वाली है. इससे पहले यदि सरकार शिक्षकों के हक में उचित फैसला नहीं लेती है, तो इस बार सरकार पर वोट की चोट की जाएगी.

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ट्रांसफर पॉलिसी के आधार पर तबादले रद्द : बता दें कि अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर राज्य सरकार की ओर से आवेदन मांगे गए थे. इसमें करीब 85 हजार शिक्षकों ने अर्जी लगाई. इसके बाद ट्रांसफर पॉलिसी बनाने के बाद इसी आधार पर ट्रांसफर करने की बात कहते हुए तबादलों पर रोक लगा दी गई और सभी आवेदन महज रद्दी बनकर रह गए. इसके खिलाफ लंबे समय से शिक्षक लगातार आंदोलनरत हैं.

Last Updated : Sep 1, 2023, 6:31 PM IST
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