जयपुर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा के इस्तीफे से युवा बेरोजगारों की उम्मीदों को झटका लगा है. उनके इस्तीफा देने से प्रदेश में आगामी दिनों में होने वाली करीब एक लाख पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया भी अटक गई है. ऐसे में भले ही सरकार एक लाख पदों पर चुनाव से पहले भर्ती निकालकर जल्द नियुक्ति देने के दावे कर रही है. लेकिन युवा बेरोजगारों के मन में आशंका है कि चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले यह भर्तियां कैसे पूरी हो पाएंगी और कैसे उनका रोजगार का सपना पूरा हो पाएगा.
इसी शंका के बीच आज गुरुवार को राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले बेरोजगारों ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के कार्यालय पर सांकेतिक प्रदर्शन किया और उपवास रखकर जल्द से जल्द चयन बोर्ड के नए अध्यक्ष व सदस्यों को नियुक्ति देने और भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करने की सरकार से गुहार लगाई. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव और युवा बेरोजगारों ने उपवास रखा और सांकेतिक प्रदर्शन किया.
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अक्टूबर में पूरा होता कार्यकाल, जुलाई में दिया इस्तीफाः उपेन यादव का कहना है कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने अपना इस्तीफा जुलाई माह में ही दे दिया. इसके चलते सरकार ने जिन एक लाख पदों पर भर्तियों की घोषणा की है. वे अटक गई हैं. अब अक्टूबर में चुनावी आचार संहिता लग जाएंगी. ऐसे में कब भर्तियां पूरी होंगी और कब बेरोजगारों को नियुक्ति मिलेगी. उन्होंने चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की जल्द नियुक्ति की मांग की है. दरअसल, हरिप्रसाद शर्मा का कार्यकाल अक्टूबर में पूरा होना है. लेकिन वे फुलेरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. शर्मा ने इसके लिए पद से इस्तीफा तो दे दिया है, लेकिन सरकार ने अभी तक इसे मंजूर नहीं किया है.
पहले हुई परीक्षा के परिणाम जल्द जारी होः उपेन यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री खुद को गांधीवादी कहते हैं. इसलिए उनसे गांधीवादी तरीके से गुहार लगाई गई है. उन्होंने पेपर लीक की घटनाओं को सख्ती से रोकने के साथ ही जिन भर्तियों की परीक्षा हो चुकी हैं. उनके परिणाम भी जल्द जारी करवाने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आचार संहिता लागू होने से पहले उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को युवाओं के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा.