जयपुर. खुशियों का महापर्व दीपावली भारत का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस पर्व की खास बात यह है कि इसकी तैयारियां महीने भर पहले से ही शुरु कर ली जाती है. आमतौर पर यह त्योहार पंचदिवसीय होता है, लेकिन इस बार ये 6 दिन तक सेलेब्रेट किया जाएगा. 10 नवंबर को धनतेरस से लेकर 15 नवंबर भाईदूज तक ये पर्व मनाया जाएगा. इस बीच हर दिन विशेष योग संयोगों के बीच मार्केट में खरीदारी का भी परवान चढ़ेगा.
देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे से पहले दीपोत्सव के दौरान हर दिन विशेष योग-संयोगों के बीच खरीदारी के योग रहेंगे. ऐसे में बाजार में रिकॉर्ड धनवर्षा की उम्मीद है. बर्तन से लेकर वाहन, ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक आइटम की जमकर बिक्री होगी. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 10 नवंबर को धनतेरस पर हस्त नक्षत्र, अमृत योग रहेगा. 11 नवंबर को रूप चतुर्दशी पर चित्रा नक्षत्र व प्रीति योग रहेगा. 12 नवंबर को दीपावली पर स्वाति नक्षत्र व आयुष्मान योग रहेगा. 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या है. 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 15 नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी.
13 नवंबर को सोमवती अमावस्या : वहीं, ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर शर्मा ने बताया कि धनतेरस को लेकर दीपदान 10 नवंबर को जबकि धन्वंतरि जयंती उदियात तिथि में 11 नवंबर को रहेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि धनतेरस की खरीदारी दोनों दिन की जा सकेगी. वहीं रूप चतुर्दशी का दीपदान 11 नवंबर को होगा लेकिन चतुर्दशी का स्नान उदियात तिथि में यानी 12 नवंबर को किया जाएगा. 12 नवंबर को दोपहर 2:45 बजे के बाद अमावस्या शुरू होगी, जो 13 नवंबर को दोपहर 2:57 तक रहेगी. शास्त्रों के अनुसार इन पर्वों का कर्मकाल प्रदोष काल होता है. ऐसे में दीपावली का पर्व 12 नवंबर को ही मनाया जाएगा.
पढ़ें : Diwali 2022: ग्रीन पटाखों से अटा बाजार, प्रदूषण से दम नहीं घुटेगा...पर इनके दाम से निकलेगा 'दम'
गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को : उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, लेकिन इस बार 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या आ रही है. उस दिन दोपहर 2:57 के बाद ही प्रतिपदा शुरू होगी, जो 14 नवंबर को दोपहर 2:37 बजे तक रहेगी. चूंकि तिथि का मान सूर्योदय से 7 घंटे 12 मिनट से ज्यादा रहेगा, ऐसे में गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाया जाएगी और इसके बाद भैयादूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा.