जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार के बाद प्रदेश में भी 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को दीवाली पर बड़ा तोहफा मिला है. राज्य निर्वाचन आयोग ने कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार के 4 फीसदी DA और बोनस के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही आयोग ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रीमियम रिन्यूअल को भी मंजूरी दी है. आदेश के बाद अब कर्मचारियों को अब तक जो 42 फीसदी डीए मिल रहा था,अब वह 46 फीसदी हो जाएगा.
46 फीसदी हुआ DA: केंद्रीय कर्मचारियों के अनुरूप राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. अब राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स को 42% के स्थान पर 46% महंगाई भत्ता देय होगा. जुलाई से लेकर नवंबर तक की बढ़े हुए DA की राशि कर्मियों के GPF में जमा होने और उसके बाद से नकद जमा होने की संभावना है. वहीं 4800 ग्रेड पे तक के करीब 6 लाख कर्मियों को दीपावली से पूर्व करीब 6774 रुपए का बोनस मिल सकता है. कर्मचारियों को संबल देने के लिए राज्य सरकार सालाना करीब 2000 करोड़ रुपए वहन करेगी. इस निर्णय से लगभग 8 लाख कर्मचारियों और 4 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा. बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के अतिरिक्त पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारियों को भी देय होगा.
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आयोग ने दी मंजूरी: बता दें कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बीच आदर्श आचार संहिता लागू है , ऐसे में पिछले दिनों राज्य सरकार ने कर्मचारियों के 4 फ़ीसदी DA और बोनस के प्रस्ताव को निर्वाचन आयोग के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा था , जिसे आयोग ने शर्त के साथ मंजूरी दी. आयोग ने राज्य सरकार को इसके ज्यादा प्रचार प्रसार करने, विज्ञापित करने के लिए मना किया है. इसके साथ ही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रीमियम रिन्यूअल करने की भी आयोग ने मंजूरी दी है.
कर्मचारियों ने जताई खुशी: सरकार की इस घोषणा के साथ ही प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में खुशी की लहर है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के फैसले के करीब एक सप्ताह बाद ही सही, लेकिन महंगाई और भत्ता बढ़ा कर कर्मचारियों को राहत दी है. 4 फीसदी DA बढ़ने से 12 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. बता दें कि महंगाई भत्ता यानी एक प्रकार का भत्ता है जो कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके मूल वेतन के ऊपर भुगतान किया जाता है. यह भत्ता महंगाई दर बदलने के अनुसार नियमित अंतराल पर बदलता है. इसे समय-समय पर केंद्र व राज्य सरकारें निर्धारित करती हैं.