जी हां, गुर्जर आंदोलन के शंखनाद के साथ ही गुर्जर समुदाय के लोगों ने डेयरी में भेजे जाने वाले दूध की सप्लाई को बंद कर दिया है और साथ ही जो लोग आंदोलन पर बैठे हैं उनके लिए अनेक गांव से बड़ी मात्रा में दूध आंदोलन स्थल तक लेकर आया जा रहा है. यदि बात की जाए आंदोलनकारियों के लिए लाए गए दूध की तो अब तक 10 क्विंटल से भी अधिक दूध आंदोलन स्थल तक पहुंच चुका है और 5 क्विंटल दूध की खपत भी हो चुकी है.
विभिन्न गांव से दूध लेकर गुर्जर समुदाय के लोग आंदोलन स्थल पर पहुंच रहे हैं और साथ ही आंदोलनकारियों का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें दूध, चाय और नाश्ता दे रहे हैं. आंदोलनकारियों को दूध पिला रहे गुर्जर समुदाय के लोगों का कहना है कि आंदोलन स्थल पर किसी भी चीज की कोई भी कमी नहीं होगी और 24 घंटे यहां पर दूध की सप्लाई जारी रहेगी.
पहलवान पी रहे 5-5 लीटर दूध
आंदोलन स्थल पर बैठे आंदोलनकारियों में अनेक पहलवान भी मौजूद हैं जो अकेले ही पांच-पांच लीटर दूध पी रहे. इसके साथ ही वह दूसरे लोगों का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें यह भी कह रहे हैं कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मान लेती यह आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा. कर्नल बैंसला के निर्देशन में ही इस पूरे आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई है और बैंसला के निर्देशन में ही आगे भी आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा. इसके साथ ही आंदोलनकारियों को शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन में भूमिका निभाने के लिए भी बार-बार आग्रह किया जा रहा है.