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असुरक्षित दूध को लेकर दर्ज एफआईआर में दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक - high court stays on punitive action

सरस डेयरी की कौथून स्थित बीएमसी में असुरक्षित दूध मिलने के मामले में डेयरी चेयरमैन ओम प्रकाश पूनिया सहित अन्य को राहत दी है. कोर्ट ने इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

FIR in insecure milk seized
असुरक्षित दूध को लेकर दर्ज एफआईआर
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 2, 2023, 6:17 PM IST

Updated : Dec 2, 2023, 8:04 PM IST

असुरक्षित दूध मामले में डेयरी अधिकारियों को राहत

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने सरस डेयरी की कौथून स्थित बीएमसी में असुरक्षित दूध मिलने से जुड़े मामले में डेयरी चेयरमैन ओम प्रकाश पूनिया सहित अन्य को राहत दी है. अदालत ने मामले में चाकसू थाने में दर्ज एफआईआर में डेयरी के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को 20 दिसंबर तक जवाब पेश करने को कहा है. जस्टिस आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, संघ के प्रबंध निदेशक चांद मल वर्मा और चैयरमेन ओमप्रकाश पूनिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता घनश्याम सिंह राठौड़ ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए मामले की सुनवाई 20 दिसंबर तक टाल दी.

पढ़ें: अलवर में 9 हजार लीटर दूध नाले में बहाया गया, पिछले 8 माह में सातवीं बड़ी कार्रवाई

याचिका में अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा और अधिवक्ता मयंक गुप्ता ने अदालत को बताया कि पुलिस को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की शक्ति प्राप्त नहीं है. खाद्य विभाग के सक्षम अधिकारी की ओर से ही अभियोजन किया जा सकता है और पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं कर सकती. याचिका में कहा गया कि जयपुर डेयरी उच्चतम गुणवत्ता का दूध व दूध उत्पाद बनाती है और राजनीति रूप से छवि खराब करने के लिए यह कार्रवाई की गई है.

पढ़ें: शौचालय में चल रही थी नकली दूध बनाने की फैक्ट्री, मौके से भागे आरोपी

इसके साथ ही जहां से सैंपल लिया गया है, वहां से दूध की बिक्री नहीं की जाती. इसके अलावा जिस टैंकर से दूध का नमूना उठाया गया था उस पर स्पष्ट लिखा था की यह दूध बिक्री के लिए नहीं है. ऐसे में बिना परिष्कृत दूध के नमूने के आधार पर पूरी जयपुर डेयरी के खिलाफ अपराधिक मुकदमा बना देना गलत और नियम विरुद्ध है. इसलिए मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

पढ़ें: Disclosure of adulterated milk in Alwar: मिलावटी दूध के अड्डे पर विजिलेंस टीम का छापा, सोर्बिटोल ऑयल के 10 ड्रम नष्ट

गौरतलब है कि गत 17 नवंबर को सूचना के आधार पर कौथून डेयरी पर पुलिस ने एक टैंकर जब्त किया था. जिससे लिए गए सैंपल में मरी हुई मक्खियां और अपशिष्ट पाया गया था. इसके साथ ही कौथून डेयरी के चिलिंग प्लांट से लिए सैंपल में भी धूल कण पाए गए थे. जिस पर पुलिस ने जयपुर डेयरी के चेयरमैन एमडी सहित क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी व विजिलेंस अधिकारियों को दोषी मानते हुए एफआईआर दर्ज की थी. वहीं डेयरी चेयरमैन ओम पूनिया के दूध को सुरक्षित बताने के बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.

असुरक्षित दूध मामले में डेयरी अधिकारियों को राहत

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने सरस डेयरी की कौथून स्थित बीएमसी में असुरक्षित दूध मिलने से जुड़े मामले में डेयरी चेयरमैन ओम प्रकाश पूनिया सहित अन्य को राहत दी है. अदालत ने मामले में चाकसू थाने में दर्ज एफआईआर में डेयरी के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को 20 दिसंबर तक जवाब पेश करने को कहा है. जस्टिस आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, संघ के प्रबंध निदेशक चांद मल वर्मा और चैयरमेन ओमप्रकाश पूनिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता घनश्याम सिंह राठौड़ ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए मामले की सुनवाई 20 दिसंबर तक टाल दी.

पढ़ें: अलवर में 9 हजार लीटर दूध नाले में बहाया गया, पिछले 8 माह में सातवीं बड़ी कार्रवाई

याचिका में अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा और अधिवक्ता मयंक गुप्ता ने अदालत को बताया कि पुलिस को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की शक्ति प्राप्त नहीं है. खाद्य विभाग के सक्षम अधिकारी की ओर से ही अभियोजन किया जा सकता है और पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं कर सकती. याचिका में कहा गया कि जयपुर डेयरी उच्चतम गुणवत्ता का दूध व दूध उत्पाद बनाती है और राजनीति रूप से छवि खराब करने के लिए यह कार्रवाई की गई है.

पढ़ें: शौचालय में चल रही थी नकली दूध बनाने की फैक्ट्री, मौके से भागे आरोपी

इसके साथ ही जहां से सैंपल लिया गया है, वहां से दूध की बिक्री नहीं की जाती. इसके अलावा जिस टैंकर से दूध का नमूना उठाया गया था उस पर स्पष्ट लिखा था की यह दूध बिक्री के लिए नहीं है. ऐसे में बिना परिष्कृत दूध के नमूने के आधार पर पूरी जयपुर डेयरी के खिलाफ अपराधिक मुकदमा बना देना गलत और नियम विरुद्ध है. इसलिए मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

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गौरतलब है कि गत 17 नवंबर को सूचना के आधार पर कौथून डेयरी पर पुलिस ने एक टैंकर जब्त किया था. जिससे लिए गए सैंपल में मरी हुई मक्खियां और अपशिष्ट पाया गया था. इसके साथ ही कौथून डेयरी के चिलिंग प्लांट से लिए सैंपल में भी धूल कण पाए गए थे. जिस पर पुलिस ने जयपुर डेयरी के चेयरमैन एमडी सहित क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी व विजिलेंस अधिकारियों को दोषी मानते हुए एफआईआर दर्ज की थी. वहीं डेयरी चेयरमैन ओम पूनिया के दूध को सुरक्षित बताने के बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.

Last Updated : Dec 2, 2023, 8:04 PM IST
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