जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले 5 हजार डेयरी बूथ आवंटित कर बेरोजगारों को रोजगार देने की घोषणा की थी. इनमें से 1 हजार डेयरी बूथ जयपुर शहर में आवंटित होने थे. जिसमें एक हजार बूथ के लिए करीब 4 हजार लोगों ने आवेदन भी किया. लेकिन नगर निगम ने सरस डेयरी के बूथ आवंटन मामले को छोड़कर अमूल डेयरी को 100 बूथ देने का प्लान तैयार कर लिया. जिसके खिलाफ सरस डेयरी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और नतीजन डेयरी बूथ आवंटन पर फिलहाल रोक लगी हुई है.
उधर, निगम की इस कारगुजारी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. कुछ आवेदनकर्ता तो ऐसे हैं जो दो-दो साल से सरकारी डेयरी के लिए चक्कर काट रहे हैं. पूर्व आर्मी मैन रामचंद्र ने बताया कि उन्होंने अपने बेरोजगार बेटों के लिए सरकारी डेयरी बूथ के लिए आवेदन किया था. जिसके लिए 2 साल से वो भटक रहे हैं. कभी उन्हें कलेक्ट्रेट के चक्कर कटाए जाते हैं, तो कभी कोर्ट से स्टे लगने की बात कहते हैं.
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इसे लेकर नगर निगम में चयन कमेटी बनी हुई है. राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की ओर से नए नियम बनाने के बाद इस कमेटी ने दूरी बना ली और फिर अमूल डेयरी को बूथ देने के मामले ने तूल पकड़ लिया जिसका समाधान फिलहाल कोर्ट स्तर पर होना है।