जयपुर. बदलते वक्त के साथ आज इंटरनेट और संचार तकनीक ने लोगों के जीवन में अपनी खास जगह बनाई है. इससे कई सहूलियतें हैं तो कई बार परेशानी भी खड़ी हो रही हैं. जमाना बदला तो लोग अपना जीवनसाथी और पार्टनर भी इंटरनेट पर तलाशने लगे हैं. युवक-युवतियां इन मेट्रीमोनियल साइट्स और डेटिंग साइट्स पर अपनी प्रोफाइल बनाकर जीवनसाथी और पार्टनर तलाश रहे हैं. लेकिन इनके बढ़ते क्रेज ने आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को भी अपनी तरफ आकर्षित किया है. शातिर ठग इन साइटों पर लड़कियों और सिंगल महिलाओं को फंसाकर ठगी और शोषण जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि, कई मामलों में अपराधी पकड़े भी जा रहे हैं लेकिन कई मामलों में ये शातिर पुलिस को चकमा देने में भी कामयाब हो जाते हैं. कई मामलों में ये शातिर मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट भी फर्जी तरीके से हासिल कर लेते हैं. पिछले दिनों राजधानी जयपुर में जो ऐसे मामले सामने आए हैं. उनकी पड़ताल में सामने आया है कि मेट्रीमोनियल साइट्स और डेटिंग साइट्स पर ठगी और शोषण की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश कभी अकेले और कभी संगठित गिरोह के माध्यम से वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में समय पर यदि सावधानी नहीं बरती गई तो बाद में हाथ मलने के अलावा कोई चारा ही नहीं रह जाता है. खास बात ये है कि ये शातिर इतने चालाक होते हैं कि पढ़ी-लिखी महिलाओं को भी अपने मकड़जाल में फंसा लेते हैं.
डिस्कॉम की जेईएन से ठगी करने वाला गिरफ्त से बाहर : जयपुर में डिस्कॉम की एक जेईएन को निशाना बनाकर पिछले दिनों शातिर ठग ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. शातिर ने मेट्रोनियल साइट पर खुद को इंग्लैंड का रहने वाला बताकर बातचीत शुरू की. महिला जेईएन के लिए महंगा गिफ्ट भेजने के बहाने उसे भरोसे में लिया. फिर कस्टम ड्यूटी के नाम पर लगने वाले 2.24 लाख रुपए एक अकाउंट में जमा करवाने की बात कही. उसकी बातों में आकर महिला ने उसके बताए खाते में 2.24 लाख रुपए जमा करा दिए और पार्सल का इंतजार करने लगी. कई दिनों के बाद भी पार्सल नहीं मिला तो उसने कस्टम विभाग में संपर्क किया. तब जाकर उसे एहसास हुआ कि वो ठगी का शिकार हो चुकी है. अभी तक वारदात को अंजाम देने वाला ठग पुलिस की पकड़ से दूर है.
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यूके का डॉक्टर बनकर महिला टीचर से ठगे 6.50 लाख : राजस्थान की एक महिला टीचर से भी पिछले दिनों मेट्रीमोनियल साइट पर जान पहचान बढ़ाकर एक शातिर ठग ने 6.50 लाख रुपए ठग लिए थे. उसने खुद का नाम कार्तिक बताया और कहा कि वह यूके में नामी डॉक्टर है. राजस्थान में लोगों के लिए अस्पताल बनवाने और महिला टीचर से शादी करने का झांसा दिया. वह उसकी बातों में आ गई. एक दिन अचानक महिला के पास कॉल आया कि डॉ. कार्तिक को कोलकाता एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया है. उसके पास कोई वैध दस्तावेज भी नहीं है. यदि वह उसे बचाना चाहती है तो एक अकाउंट में रकम जमा करवाने को कहा. इस तरह महिला से अलग-अलग बैंक खातों में 6.49 लाख रुपए जमा करवा लिए. बाद में उसे एहसास हुआ कि वो ठगी का शिकार हो गई है. इस मामले में दिल्ली में रहने वाले एक नाइजीरियन युवक एलेक्स ओबी सैम्युअल और नगालैंड की उसकी महिला मित्र हिनोटोली को गिरफ्तार किया गया है.
मेट्रीमोनियल साइट पर दोस्ती कर घर आया, गहने ले भागा : जयपुर के सांगानेर इलाके में रहने वाली एक युवती नुसरत खातून को भी मेट्रीमोनियल साइट से जान-पहचान बढ़ाने वाले युवक पर भरोसा करना भारी पड़ गया. शातिर युवक खावर अली जयपुर घूमने के बहाने आया और उसके घर रुका. खुद को नामी वकील बताकर वह पांच-छह दिन तक उसके घर में ठहरा और उसके बाद वह उसके घर में रखे गहने और अन्य कीमती सामान लेकर भाग गया. हालांकि, पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए आरोपी खावर अली को गिरफ्तार कर लिया और चुराए गए सभी गहने और महंगा सामान भी बरामद कर लिया. बाद में पता चला कि वह इस तरह की वारदातों को पहले भी अंजाम दे चुका है. एक महिला को होटल में ले जाकर शादी का झांसा देकर संबंध बनाने के आरोप में वह जेल भी जा चुका है. नुसरत खातून के साथ हुई ये घटना दूसरों के लिए भी बड़ा सबक है कि मेट्रीमोनियल साइट्स पर बनाई गई प्रोफाइल सही हो इसकी कोई गारंटी नहीं है. अतिरिक्त सावधानी बरतकर ही किसी अनहोनी से बचा जा सकता है.
न प्रोफाइल असली और न ही फोटो वीडियो कॉल में भी कर देते हैं खेल : मेट्रीमोनियल वेबसाइट्स पर शातिर बदमाश लड़कियों और सिंगल महिलाओं को फंसाने के लिए खुद को बड़ा अधिकारी, बिजनसमैन बताते हैं. कई शातिर बदमाश अपनी फोटो भी प्रोफाइल में नहीं लगाते हैं. इंटरनेट से अपनी प्रोफाइल से मिलती जुलती फोटो लेकर उसे इस तरह एडिट करते हैं कि हर कोई धोखा खा जाए. ठगी की वारदात के लिए जिस नंबर से कॉल करते हैं. वह सिम भी खुद के नाम पर नहीं होती है. आमतौर पर ये सिम किसी दूसरे के नाम पर फर्जी तरीके से ली गई होती है. जिन बैंक खातों में ठगी की रकम मंगवाते हैं वह दूसरों के दस्तावेज लगाकर खुलवाए जाते हैं और एटीएम अपने पास रख लेते हैं. जिसके नाम खाता होता है. उसे पता भी नहीं चलता कि उसके खाते में ठगी की रकम आ रही है. ऐसी वारदातों को अंजाम देने वाले शातिर बदमाश अलग-अलग वेबसाइट्स पर एक ही नाम या अलग-अलग नाम से प्रोफाइल बनाते हैं और एक साथ कई लड़कियों-महिलाओं को निशाना बनाकर वारदात करते हैं. कई ठग इतने शातिर होते हैं कि वीडियो कॉल करने पर भी सामने वाले को धोखा दे देते हैं. एक खास तरह का एप काम में लेते हुए वे वीडियो कॉल करते हैं. इससे उसकी शक्ल के बजाए वह फोटो दिखती है जो वो दिखाना चाहता है.
नाइजीरियन युवक के पास मिली थी 99 फर्जी सिम, हर वेबसाइट पर बना रखी थी प्रोफाइल : मेट्रीमोनियल साइट पर जान-पहचान कर एक महिला टीचर से ठगी के मामले की जांच कर रही एसओजी के साइबर थाने की इंस्पेक्टर पूनम चौधरी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने वाले नाइजीरियन युवक के पास 99 सिम मिली हैं. खास बात यह है कि ये सभी सिम उसने फर्जी तरीके से हासिल की है. इसी तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने बैंकों में खाते खुलवा रखे थे. ये बैंक खाते पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और नॉर्थ ईस्ट में खुलवाए गए थे. इन्हीं अकाउंट में वह महिलाओं से ठगी की वारदात को अंजाम देकर रकम जमा करवाता था. इन बैंक खातों को वह मोबाइल नंबर से दिल्ली में बैठकर ऑपरेट करता था. हर मेट्रीमोनियल साइट और डेटिंग साइट पर उसने अपनी प्रोफाइल बना रखी थी और कई महिलाओं-लड़कियों के साथ वह ठगी की वारदात कर चुका है.
सावधानी में ही है बचाव : मेट्रीमोनियल और डेटिंग साइटों के उपयोग के दौरान ठगी से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है. किसी भी प्रोफाइल पर आंख बंद कर भरोसा करना सबसे बड़ी भूल बन सकती है. इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ऐसी साइटों का प्रयोग करते समय अपना डाटा और अपना पैसा किसी के साथ शेयर नहीं करें. किसी भी बहाने से कोई पैसे मांगता है तो उसकी शिकायत पुलिस से करें.