जयपुर. राजस्थान में साइबर ठगी का मकड़जाल तेजी से फैल रहा है. एक छोटी सी गलती और पलभर में बैंक खाता साफ. इन वारदातों के लिए ठगों का जो सबसे अहम हथियार या टूल बनता है, वह है बैंक खाता और मोबाइल नंबर. पुलिस ने कई मामलों में खुलासा करते हुए शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ में सामने आया है कि जिस शातिर तरीके से गिरोह ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं, उसी शातिराना अंदाज से ये वारदात के लिए संसाधन भी जुटाते हैं.
आईपीएस राहुल प्रकाश के अनुसार साइबर ठगी की वारदातों के लिए ये शातिर बदमाश और ठगी करने वाले गिरोह बैंक अकाउंट खरीदते हैं या कमीशन पर इन्हें हासिल करते हैं. सिम भी फर्जी तरीके से हासिल करते हैं. इसके बाद कुछ समय तक इन बैंक खातों और सिम का उपयोग करने के बाद नए बैंक खाते और सिम का जुगाड़ कर लिया जाता है. प्रदेशभर में साइबर ठगी करने वाले गिरोह से जुड़े बदमाशों की गिरफ्तारी और पड़ताल के बाद सामने आया है कि इस गिरोह में शामिल कुछ बदमाश बैंक खाते जुटाने का ही काम करते हैं.
ठग लोगों के दस्तावेजों को फर्जी तरीके से काम में लेते हैं. साथ ही कई लोगों को झांसा देकर बैंक खातों की जानकारी हासिल करते हैं. इसके अलावा उनके दस्तावेज भी जुटा लेते हैं. जो झांसे में नहीं आते उन्हें लालच दिया जाता है. ऐसे मामलों में ज्यादातर कम पढ़े-लिखे लोग ठगों की बातों में आ जाते हैं. दूसरी तरफ जो पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवान होते हैं, वो लालच में आकर इन बदमाशों के पार्टनर बन जाते हैं. कुछ मामलों में बैंककर्मियों से मिलीभगत कर बड़ी संख्या में बैंक खाते खुलवाने की भी जानकारी सामने आई है.
इन चार तरीकों से शातिर बदमाश जुटाते हैं बैंक खाते-दस्तावेज
1. साइबर ठगी गिरोह से जुड़े बदमाश स्टूडेंट्स और बेरोजगार युवाओं को लालच देकर उनका बैंक खाता खुलवाते हैं. इसके बाद उन्हें कुछ रुपए देकर उनसे इन खातों का एक्सेस हासिल कर लेते हैं. इसके बाद इनका उपयोग ठगी की रकम ट्रांसफर करने में किया जाता है. वारदात के बाद बदमाश यह रुपए निकलवा लेते हैं. पिछले दिनों सीआईडी सीबी ने दो भाइयों को पकड़ा था, जो युवाओं को 3-5 हजार रुपए का लालच देकर उनका अकाउंट खुलवाते थे. इसके बाद यह अकाउंट 10-15 हजार रुपए में आगे साइबर ठगों को बेच देते.
2. कई मामलों में सामने आया है कि गिरोह के बदमाश जॉब का झांसा देकर बैंक खाता खुलवाते हैं. सबसे पहले ठग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जॉब्स के फर्जी विज्ञापन पोस्ट करते हैं. जब बेरोजगार युवा इनसे संपर्क करते हैं तो सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए उनसे दस्तावेज लेकर खाता खुलवाते हैं. इसके बाद उनके एटीएम पिन, चेकबुक हासिल कर लेते हैं. इन खातों को भी साइबर ठगों को बेचा जाता है. साइबर ठग इन खातों में अपने मोबाइल नंबर ऐड करवाकर इन्हें ठगी की वारदातों में काम में लेते हैं.
3. कई मामलों में सामने आया है कि गरीब तबके के अनपढ़ या कम पढ़े लिखे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने या कुछ रुपए का लालच देकर भी साइबर ठगी के लिए खाते खुलवाए जा रहे हैं. खाता एक्टिवेट होने के बाद पासबुक, एटीएम और चेकबुक बदमाश ले लेते हैं और इनमें ठगी की रकम ट्रांसफर करवाते हैं.
4. बड़े पैमाने पर बैंक खाते खुलवाने के लिए साइबर ठग बैंककर्मियों को लालच देकर उनसे मिलीभगत कर लेते हैं. इसके बाद एक साथ कई सारे खाते खुलवाकर उनका एक्सेस हासिल कर लेते हैं. ठग इन खातों में अपना मोबाइल नंबर जुड़वाकर, खुद ऑपरेट करते हैं. जयपुर में पुलिस ने बैंककर्मी राधेश्याम और राजू को गिरफ्तार किया था. इन्होंने अपने परिचितों और रिश्तेदारों के नाम फर्जी खाते खोलकर 8-10 हजार रुपए में साइबर ठगों को बेच दिया था.
मेवात-मेवाड़ से ऑपरेट हो रही गैंग : राजस्थान में गांव-ढाणी से लेकर बड़े शहरों तक हो रही साइबर ठगी की वारदातों का सीधे तौर पर कनेक्शन मेवात गैंग और मेवाड़ गैंग से निकालकर सामने आ रहा है. मेवात और मेवाड़ इलाके में बैठे साइबर ठग नित नई तरकीब से लोगों को ठग रहे हैं. खास बात है कि इनका नेटवर्क प्रदेश के कई जिलों में फैला है और इन गुर्गों से ये बदमाश अलग-अलग काम करवा रहे हैं. कोई खातों में जमा रकम को एटीएम से निकलवाकर इन बदमाशों तक पहुंचा रहा है और कोई इनके लिए बैंक खातों का इंतजाम कर रहा है. हाल ही में एसओजी ने एक गैंग का खुलासा किया है, जो चित्तौड़गढ़ से ठगी कर रहे हैं. लेकिन उनके लिए बैंक खाते का इंतजाम सीकर और अजमेर के पीसांगन तक से हो रहा है. इसके बदले इन गुर्गों को 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक कमीशन देने का भी खुलासा हुआ है.
घर बैठे कमाई का झांसा, 100 करोड़ रुपए ठगे : घर बैठे ऑनलाइन काम करने पर हर दिन 2500-3000 हजार रुपए कमाने का झांसा देकर लाखों-करोड़ों रुपए की ठगी करने के कई मामले बीते कुछ दिनों में सामने आए हैं. यू-ट्यूब पर वीडियो लाइक कर हर दिन 2500 रुपए कमाने का लालच देकर एक महिला मनोविज्ञानी से शातिर ठगों ने 43 लाख रुपए की ठगी की. इस मामले में चार आरोपी एसओजी के हत्थे चढ़े थे. इन्होंने अलग-अलग लोगों से 22 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की थी. अब ताजा मामला इंस्टाग्राम पर वीडियो लाइक करने का झांसा देकर एक युवक से 1 करोड़ रुपए की ठगी का सामने आया है. एसओजी ने पड़ताल की तो सामने आया कि इन्होंने 15-20 दिन में 31 दिन में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की है. इस मामले में सात आरोपी पकड़े गए हैं.
पुलिस से बचने के लिए अपनाते हैं यह हथकंडा : ज्यादातर साइबर ठग ठगी की रकम को सीधे तौर पर अपने खातों में जमा नहीं करवाते, न ही ये इसके लिए अपने परिजन या परिचित के खातों का इस्तेमाल करते हैं. ठगी की रकम ट्रांसफर करवाने के लिए वे किसी ऐसे व्यक्ति के खाते का उपयोग करते हैं, जो सीधे तौर पर उनके संपर्क में नहीं होता है. ऐसे लोगों के बैंक अकाउंट हासिल करने के लिए ये शातिर ठग अलग-अलग तरीके से लोगों को झांसा देते हैं या लालच देते हैं और उनके अकाउंट का एक्सेस हासिल कर लेते हैं. इससे कई बार वे गिरफ्त में आने से बच जाते हैं.