जयपुर. कोविड स्वास्थ्य सहायक तीन दिन के बाद सोमवार को टंकी से नीचे उतर गए. उन्हें सरकार की तरफ से बातचीत करने का न्योता मिला है जिसके बाद उन्होंने टंकी से उतरने का निर्णय लिया. वहीं, सीएचए ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनके खिलाफ किसी तरह का कोई मुकदमा दायर किया तो वह आत्मदाह कर लेंगे. दरअसल, बजट से नाखुश हुए कोविड स्वास्थ्य सहायक (सीएचए) 10 फरवरी को गांधीनगर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. इन लोगों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.
10 फरवरी को पानी की टंकी पर चढ़े थे सीएचए: गहलोत सरकार के बजट से ना उम्मीद कोविड स्वास्थ्य सहायक 10 फरवरी को टंकी पर चढ़ गए थे. उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था. इस बीच पुलिस से इन लोगों की बातचीत विफल रही थी. जिसके बाद कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने पानी की टंकी पर डटे रहने का फैसला किया था. हालांकि, 13 फरवरी को सरकार की तरफ से बातचीत का न्योता मिलने के बाद वह पानी की टंकी से नीचे उतर आए हैं.
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कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने आरोप लगाया कि जब हम लोगों ने आंदोलन किया था तब सरकार के कुछ मंत्रियों ने वादा किया था कि बजट में आपकी मांगें पूरी की जाएंगी लेकिन 10 फरवरी को पेश किए गए बजट में कोविड स्वास्थ्य सहायकों को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया. कोविड स्वास्थ्य सहायक अलग से कैडर बनाकर स्थाई करने की मांग कर रहे हैं.
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दरअसल, राजस्थान जब कोविड-19 संक्रमण की चपेट में था तब सरकार की तरफ से कोविड स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती की गई थी. वहीं, जब कोरोना संक्रमण के मामले कम होने लगे थे, तब राज्य सरकार ने 31 मार्च 2022 को इन सभी को हटा दिया था, जिसके बाद सीएचए बेरोजगार हो गए. उसके बाद इन लोगों ने शहीद स्मारक पर धरना दिया था.