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Nasir Junaid murder case: मोनू मानेसर को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल भेजा

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2023, 7:55 PM IST

नासिर-जुनैद हत्याकांड में आरोपी मोनू मानेसर को कोर्ट ने 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच उसे सेवर केंद्रीय कारागार में शिफ्ट कर दिया है.

Court sent Monu Manesar judicial custody,  Monu Manesar judicial custody for 15 days
मोनू मानेसर को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल भेजा.

भरतपुर. बहुचर्चित नासिर- जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को 2 दिन की पुलिस रिमांड के बाद गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया. न्यायालय ने मोनू मानेसर को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पेशी के बाद मोनू मानेसर को कड़ी सुरक्षा के बीच केंद्रीय कारागृह सेवर शिफ्ट कर दिया गया.

मोनू मानेसर को गुरुवार शाम को मथुरा गेट थाने से कड़ी सुरक्षा के बीच वीसी के माध्यम से कामां न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया. एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि न्यायाधीश ने मोनू मानेसर को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. सुरक्षा कारणों से कड़ी सुरक्षा के बीच मोनू मानेसर को सेवर जेल में शिफ्ट कर दिया गया.

थाइलैंड में काटी थी फरारीः हत्याकांड के बाद मोनू मानेसर गुड़गांव में अलग-अलग जगह छुप-छुप कर रहता था. घटना के बाद से ही उसने अपने मिलने वाले और दोस्तों के यहां पर रहकर फरारी काटी थी. मोनू ने अन्य आरोपी जो घटना में शामिल थे उनको भी शरण दी थी. दो माह पहले मोनू मानेसर फरारी काटने थाईलैंड गया था. वहां करीब एक सप्ताह तक बैंकॉक में रुका था. मोनू मानेसर के साथ थाईलैंड और भी कई लोग गए थे.

पढ़ेंः Nasir Junaid murder case : मुख्य आरोपी मोनू मानेसर को न्यायालय ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

यह था घटनाक्रमः गौरतलब है कि 13 फरवरी की रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर, जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर -नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की थी, लेकिन उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ. गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अलसुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. तीन टीमें एकजुट हो गईं. इन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में मारपीट भी की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की.

पढ़ेंः Rajasthan : नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर ने थाईलैंड में काटी थी फरारी, अन्य आरोपियों को भी दी थी शरण

इस दौरान ये लोग नासिर और जुनैद के साथ लाठी, सरिया से गंभीर रूप से मारपीट कर चुके थे. इसके बाद सभी आरोपी, नासिर, जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे, लेकिन नासिर, जुनैद को गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया तो ये लोग नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे, जहां पहले नासिर की गला दबाकर हत्या की, जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जला दिया.

भरतपुर. बहुचर्चित नासिर- जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को 2 दिन की पुलिस रिमांड के बाद गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया. न्यायालय ने मोनू मानेसर को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पेशी के बाद मोनू मानेसर को कड़ी सुरक्षा के बीच केंद्रीय कारागृह सेवर शिफ्ट कर दिया गया.

मोनू मानेसर को गुरुवार शाम को मथुरा गेट थाने से कड़ी सुरक्षा के बीच वीसी के माध्यम से कामां न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया. एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि न्यायाधीश ने मोनू मानेसर को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. सुरक्षा कारणों से कड़ी सुरक्षा के बीच मोनू मानेसर को सेवर जेल में शिफ्ट कर दिया गया.

थाइलैंड में काटी थी फरारीः हत्याकांड के बाद मोनू मानेसर गुड़गांव में अलग-अलग जगह छुप-छुप कर रहता था. घटना के बाद से ही उसने अपने मिलने वाले और दोस्तों के यहां पर रहकर फरारी काटी थी. मोनू ने अन्य आरोपी जो घटना में शामिल थे उनको भी शरण दी थी. दो माह पहले मोनू मानेसर फरारी काटने थाईलैंड गया था. वहां करीब एक सप्ताह तक बैंकॉक में रुका था. मोनू मानेसर के साथ थाईलैंड और भी कई लोग गए थे.

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यह था घटनाक्रमः गौरतलब है कि 13 फरवरी की रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर, जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर -नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की थी, लेकिन उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ. गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अलसुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. तीन टीमें एकजुट हो गईं. इन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में मारपीट भी की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की.

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इस दौरान ये लोग नासिर और जुनैद के साथ लाठी, सरिया से गंभीर रूप से मारपीट कर चुके थे. इसके बाद सभी आरोपी, नासिर, जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे, लेकिन नासिर, जुनैद को गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया तो ये लोग नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे, जहां पहले नासिर की गला दबाकर हत्या की, जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जला दिया.

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