जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्य आरोपी बाबूलाल कटारा और अनिल उर्फ शेरसिंह मीना की तीन दिन की रिमांड अवधि पूरा होने पर सोमवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया. यहां से दोनों को 30 सितंबर तक जेल भेज दिया गया है. इन दोनों से तीन दिन की पूछताछ में ईडी को कई अहम जानकारियां और सबूत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
हालांकि, इनसे पूछताछ में इस केस से जुड़ी क्या नई जानकारियां ईडी के हाथ लगी हैं, इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. संभावना जताई जा रही है कि अब इस मामले को लेकर ईडी अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है. ईडी की ओर से पिछले दिनों जारी बयान में बताया था कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर आउट मामले में आरपीएससी के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा और अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा को 15 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया. अब यह रिमांड अवधि सोमवार को पूरी होने पर दोनों को फिर से कोर्ट में पेश किया गया. यहां से दोनों को 30 सितंबर तक जेल भेज दिया गया.
एक महीने पहले जब्त की थी संपत्ति : शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में बड़े पैमाने पर धन के लेन-देन का मामला सामने आने के बाद ईडी ने इसकी जांच शुरू की थी. इस मामले को लेकर बाबूलाल कटारा समेत अन्य आरोपियों से पहले ईडी जेल में भी पूछताछ कर चुकी थी. ईडी ने 18 अगस्त को बाबूलाल कटारा, सुरेश विश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण, अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा की चल और अचल संपत्तियां जब्त की. जब्त संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब 3.11 करोड़ रुपये है. उस समय ईडी की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि पेपर लीक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत इन आरोपियों की संपत्ति जब्त की गई है.