जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-7 महानगर द्वितीय ने मोटरसाइकिल पर आगे बैठ जा रहे साढ़े चार साल के बच्चे की चाइनीज मांझे से गर्दन कटने से हुई मौत के लिए कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, एसडीओ और माणक चौक थानाधिकारी को जिम्मेदार माना है. इसके साथ ही अदालत ने इन्हें आदेश दिए हैं कि वे मृतक बच्चे की मां फरहानाज को मुआवजा राशि के तौर पर 5.50 लाख रुपए की राशि ब्याज सहित अदा करे. अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित बेटे की मौत की स्थिति में केवल उसकी मां को ही आश्रित की श्रेणी में माना है. इसलिए इस मामले में भी मुआवजा राशि मां को ही दिलाई जा रही है. अदालत ने यह आदेश अजीजुद्दीन व अन्य की ओर से दायर क्षतिपूर्ति दावे पर दिए.
दावे में बताया कि 22 दिसंबर, 2019 को साढ़े चार साल का फैजुद्दीन अपने पिता और भाई के साथ त्रिपोलिया बाजार होता हुआ मोटरसाइकिल से किशनपोल बाजार जा रहा था. इस दौरान वादी को उसकी जैकेट पर कुछ रगड़ने व कटने का अहसास हुआ. इसी बीच आगे बैठे फैजुद्दीन के चिल्लाने पर उसने मोटरसाइकिल रोकी. उसने देखा की मांझे ने उसके बेटे की गर्दन को बुरी तरह काट दिया था. इस पर बच्चे को तुरंत एसएमएस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन खून नहीं रुकने के चलते बच्चे की मौत हो गई.
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दावे में कहा गया कि फैजुद्दीन की मौत प्रतिबंधित चाइनीज मांझे से हुई है. जबकि राज्य सरकार व जिला कलेक्टर ने इसके उपयोग व स्टोर करने पर रोक लगा रखी है. इस आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी पुलिस कमिश्नर व अन्य अफसरों की थी, लेकिन राज्य सरकार व अफसरों के कर्तव्य में विफल रहने के कारण ही प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का उपयोग हुआ और इसके चलते ही उसके बेटे की मौत हुई है. इसलिए उन्हें राज्य सरकार व संबंधित पक्षकारों से मुआवजा दिलवाया जाए.