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जयपुर: निगम प्रशासन ने नियुक्तियों को लेकर कर्मचारियों से पूछी पसंद, 90 फीसदी ने ग्रेटर निगम कार्यालय को चुना

जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर नगर निगम के गठन के बाद अब इनमें कर्मचारी और अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. पदस्थापन के लिए निगम प्रशासन खुद कर्मचारी और अधिकारियों की पसंद पूछ रहा है. जिसमें सामने आया कि 90 फ़ीसदी कर्मचारी ग्रेटर नगर निगम यानी लाल कोठी मुख्यालय पर ही काम करने के इच्छुक हैं.

Corporation administration, निगम प्रशासन जयपुर
90 फीसदी कर्मचारियों की पहली पसंद बना ग्रेटर निगम कार्यालय.
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Published : Feb 19, 2020, 1:51 AM IST

जयपुर. सरकार ने भले ही 2 नगर निगमों का गठन कर दिया हो लेकिन नगर निगम कर्मचारी सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नहीं दिख रहे है. ये सच्चाई जयपुर में दो नगर निगम यानी जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर नगर निगमों में कर्मचारी और अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के दौरान सामने आई है. नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों से उनकी पसंद का विकल्प मांगा है. जिसमें 90 फ़ीसदी कर्मचारियों ने हेरिटेज नगर निगम जयपुर को नकारते हुए, जयपुर ग्रेटर नगर निगम को अपनी पसंद बताया है.

90 फीसदी कर्मचारियों की पहली पसंद बना ग्रेटर निगम कार्यालय.

इसके पीछे नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी हेरिटेज नगर निगम में राजस्व की आमद और काम करने की संभावनाएं भी कम आंक रहे हैं. इस संबंध में निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने कहा कि नए पदों के सृजन के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार के निर्देश पर अधिकारी कर्मचारियों का पदस्थापन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों-अधिकारियों से उनका इच्छित स्थान पूछा गया है.

ये भी पढ़ें: प्रतापगढ़ कलेक्टर की साप्ताहिक समीक्षा बैठक, कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग को किया अलर्ट

हालांकि उन्होंने हवा महल पूर्व, हवा महल पश्चिम, आमेर और मोती डूंगरी जोन में कार्यरत कर्मचारियों का हवाला देते हुए, कर्मचारियों की हेरिटेज निगम में जाने की इच्छा कम होने की बात को खारिज किया. निगम सूत्रों की मानें तो अब तक जिन 256 कार्मिकों ने विकल्प भर दिए हैं उनमें 10 फ़ीसदी कर्मचारियों ने ही कार्य क्षेत्र के रूप में हेरिटेज नगर निगम को चुना है. ऐसे में भविष्य में जिस 60:40 के अनुपात का जिक्र निगम प्रशासक कर रहे हैं, वो एक बड़ी चुनौती बन सकता है.

जयपुर. सरकार ने भले ही 2 नगर निगमों का गठन कर दिया हो लेकिन नगर निगम कर्मचारी सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नहीं दिख रहे है. ये सच्चाई जयपुर में दो नगर निगम यानी जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर नगर निगमों में कर्मचारी और अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के दौरान सामने आई है. नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों से उनकी पसंद का विकल्प मांगा है. जिसमें 90 फ़ीसदी कर्मचारियों ने हेरिटेज नगर निगम जयपुर को नकारते हुए, जयपुर ग्रेटर नगर निगम को अपनी पसंद बताया है.

90 फीसदी कर्मचारियों की पहली पसंद बना ग्रेटर निगम कार्यालय.

इसके पीछे नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी हेरिटेज नगर निगम में राजस्व की आमद और काम करने की संभावनाएं भी कम आंक रहे हैं. इस संबंध में निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने कहा कि नए पदों के सृजन के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार के निर्देश पर अधिकारी कर्मचारियों का पदस्थापन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों-अधिकारियों से उनका इच्छित स्थान पूछा गया है.

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हालांकि उन्होंने हवा महल पूर्व, हवा महल पश्चिम, आमेर और मोती डूंगरी जोन में कार्यरत कर्मचारियों का हवाला देते हुए, कर्मचारियों की हेरिटेज निगम में जाने की इच्छा कम होने की बात को खारिज किया. निगम सूत्रों की मानें तो अब तक जिन 256 कार्मिकों ने विकल्प भर दिए हैं उनमें 10 फ़ीसदी कर्मचारियों ने ही कार्य क्षेत्र के रूप में हेरिटेज नगर निगम को चुना है. ऐसे में भविष्य में जिस 60:40 के अनुपात का जिक्र निगम प्रशासक कर रहे हैं, वो एक बड़ी चुनौती बन सकता है.

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