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घालमेल: सरकारी अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव तो निजी अस्पताल में नेगेटिव कैसे ?

चाकसू में एक महिला की सरकारी अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. लेकिन, उसी महिला ने जयपुर के निजी अस्पताल में जांच करवाई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसके बाद मामले को लेकर पार्षद रफीक खान ने सीएम और चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखा है.

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सरकारी अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव तो निजी अस्पताल में नेगेटिव कैसे
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Published : May 20, 2021, 6:06 PM IST

चाकसू (जयपुर). प्रदेश में सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, लेकिन उसी व्यक्ति की निजी अस्पताल में जांच कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. एक ऐसा ही मामला राजधानी जयपुर के चाकसू में सामने आया है.

सरकारी अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव तो निजी अस्पताल में नेगेटिव कैसे

पढ़ें- किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले में फंसा ऑक्सीजन टैंकर, बाहर निकालने में फूली प्रशासन की सांसें

बता दें, चाकसू के वार्ड नंबर 7 में असमा परवीन पत्नी अरमान को किसी भी तरह का कोरोना लक्षण नहीं था, लेकिन परिवार के अन्य लोगों को हल्की खांसी-जुकाम थी. इसके बाद एहतियात के तौर पर असमा ने राजकीय सेटेलाइट अस्पताल में कोरोना सैंपल दिया, जहां उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

इसके बाद परिजनों ने असमा को उपचार के लिए जयपुर लेकर गए और एक निजी अस्पताल में फिर से सैंपल दिया. लेकिन, इस बार उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. पीड़ित असमा के पति ने पूरे मामले को लेकर स्थानीय पार्षद रफीक खान को जानकारी दी.

मामले की जानकारी के बाद पार्षद रफीक खान ने सीएम अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर सरकारी लैब में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

चाकसू (जयपुर). प्रदेश में सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, लेकिन उसी व्यक्ति की निजी अस्पताल में जांच कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. एक ऐसा ही मामला राजधानी जयपुर के चाकसू में सामने आया है.

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बता दें, चाकसू के वार्ड नंबर 7 में असमा परवीन पत्नी अरमान को किसी भी तरह का कोरोना लक्षण नहीं था, लेकिन परिवार के अन्य लोगों को हल्की खांसी-जुकाम थी. इसके बाद एहतियात के तौर पर असमा ने राजकीय सेटेलाइट अस्पताल में कोरोना सैंपल दिया, जहां उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

इसके बाद परिजनों ने असमा को उपचार के लिए जयपुर लेकर गए और एक निजी अस्पताल में फिर से सैंपल दिया. लेकिन, इस बार उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. पीड़ित असमा के पति ने पूरे मामले को लेकर स्थानीय पार्षद रफीक खान को जानकारी दी.

मामले की जानकारी के बाद पार्षद रफीक खान ने सीएम अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर सरकारी लैब में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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