जयपुर. राजस्थान में कार्यवाहक डीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी के भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों के चेहरे कोट से दोष साबित नहीं होने तक उजागर नहीं किए जाने के आदेश पर जबरदस्त विवाद खड़ा हो गया है. सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में आदेश वह होता है जो सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जारी करते हैं.
मंत्री प्रताप ने कहा कि मेरा यह मानना है कि डीजी ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) का चार्ज लेते ही जो ऑर्डर निकाला, वह ऑर्डर रिजेक्ट होने वाला है. मैं उस ऑर्डर से सहमत नहीं हूं. प्रताप ने कहा कि कोई भी कांग्रेस का विधायक, मंत्री इस तरह की कार्रवाई का समर्थन (Controversy on ACB DG Decisio) नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस तरीके के डीजी के ऑर्डर को नहीं मान सकते.
पढ़ें : एसीबी का बड़ा फैसला: राजस्थान में भ्रष्टाचारियों के नाम और फोटो अब नहीं होंगे उजागर
सरकार इस तरह के ऑर्डर के साथ नहीं है. यह आर्डर बिल्कुल गलत है. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि जब इस देश में इनकम टैक्स और जीएसटी टीम की कार्रवाई होती है तो बड़े-बड़े वो व्यापारी जो टैक्स देते हैं, उनकी फोटो और नाम चलाकर हाइलाइट किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी एजेंसियां बड़े-बड़े नेताओं और बिजनेसमैन के यहां कार्रवाई करती हैं, जो हजारों करोड़ का टैक्स भी देते हैं. उनके यहां पर कार्रवाई होती है ओर उनके चेहरे भी उजागर होते हैं. मंत्री प्रताप ने कहा कि इस देश में ऐसे आदेश बर्दाश्त नहीं किए जा सकते.
भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने में राजस्थान की सरकार नंबर वन पर है. हमने आईएएस, आईपीएस पर कार्रवाई की और जनता को साथ में लेकर पारदर्शिता के साथ हम करप्शन के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि इस तरह के आदेश अगर लागू होंगे तो सरकार के 4 साल के कार्यकाल में किए हुए काम पर पानी फिर जाएगा. उन्होंने कहा कि आईएएस, आईपीएस और डीजी सरकार के आदेशों से बंधे हुए होते हैं. सरकार उनके ऑर्डर से बंधी हुई नहीं है. अगर उन्होंने गलत ऑर्डर निकाला है तो मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री भी इस ऑर्डर के पक्ष में नहीं होंगे.
खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री तो खुद वह हैं, जिन्होंने एसीबी को इतनी ताकत दी है. यह ऑर्डर चलने वाला नहीं है, रिजेक्ट होगा. यदि किसी अधिकारी, आईएएस, आईपीएस, एडीजी ने ऑर्डर निकाला तो वह हमारे ऑर्डर से बंधे हुए हैं, हम उनके ऑर्डर से बंधे हुए नहीं हैं. उन्होंने गलत (Minister Khachariawas Opposed ACB Order) ऑर्डर निकाला है तो मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री भी इस ऑर्डर के पक्ष में नहीं होंगे.